वार्षिक संगीतमाला की पिछली पायदान पर के गीत के उलट आज जिस गीत को आप सबसे मिलवाने जा रहा हूँ वो शायद ही आपने पहले सुना होगा। ये गीत है पिछले साल फरवरी में प्रदर्शित हुई फिल्म Heartless का। इस संगीतमाला में बतौर संगीतकार आप एक डॉक्टर अर्को प्रावो मुखर्जी से मिल चुके हैं, आज मिलिए IIM Ahemdabad से MBA करने वाले गौरव डागोनकर से। आज से ठीक तीन साल पहले फिल्म लंका के लिए सीमा सैनी द्वारा लिखे गीत शीत लहर है, भींगे से पर हैं थोड़ी सी धूप माँगी है ने गौरव की प्रतिभा से मेरा पहला परिचय करवाया था।
एक उच्च मध्यम वर्गीय पढ़े लिखे परिवार से जुड़े गौरव ने अपनी डिग्री, पैसे सब को अपने पहले प्रेम संगीत के प्रति न्योछावर कर दिया। पर फिल्म उद्योग में सिर्फ प्रतिभा होना ही काफी नहीं, आपको सही मौके भी मिलने चाहिए। पिछले तीन सालों में गौरव की झोली में कुछ ज्यादा गीत नहीं आए और यही वज़ह है कि अपना समय उन्होंने अपने बैंड Synchronicity को दिया जिसके वो मुख्य गायक भी हैं। फ्यूजन के इस युग में उन्होंने हिंदी के कई गीतों को मशहूर अंग्रेजी गीतों के साथ जोड़ा और ये गीत इंटरनेट पर काफी सराहे भी गए। कुछ दिनों पहले उन्होंने श्रीलंका की सिंहला भाषा में भी गीत गाया जो वहाँ काफी लोकप्रिय हुआ।
पर जहाँ तक हिंदी फिल्म संगीत की बात है 2014 की शुरुआत में फिल्म Heartless का संगीत देने का मौका उन्हें जरूर मिला। Heartless ज्यादा नहीं चली और यही वज़ह रही कि फिल्म में अरिजित सिंह का गाया ये शानदार नग्मा मैंने फिल्म प्रदर्शित होने के कई महीने बाद सुना। इस गीत के बोल लिखे हैं अराफ़ात महमूद ने। महमूद साहब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। अपने लिखे इस गीत के बारे में उनका कहना है
कई गीतों को लिखने के बाद ऐसा एक गीत बाहर आता है जो कि आपके लिखे हजार गानों पर भारी पड़ता है। ऐसी सिर्फ मेरी राय नहीं बल्कि सबकी राय थी। अरिजित जब इस गाने को गा रहे थे तो वो बेहद खुश थे कि देखो क्या गाना मिल गया है।
वैसे गौरव ने जब इस गीत हे बारे में शेखर सुमन को बताया तब तक फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी थी और फिल्म में इसे रखने की जगह नहीं बची थी। शेखर ने तब फिल्म के Promotional Song की तरह इसका इस्तेमाल किया। वार्षिक संगीतमाला के गीतों को चुनते समय पहली बार जब मैंने गीत का मुखड़ा सुना तो मेरे दिल से सीधे वाह वाह निकली... मैं ढूँढने को ज़माने में जब वफ़ा निकला.. पता चला कि गलत ले के मैं पता निकला। प्यार की राह में टूटे दिलों की दास्तान को इन दो पंक्तियों में किस सहजता से उभार लाए महमूद साहब। मुखड़े का ये आकर्षण गीत के अगले दो अंतरों में भी वे जस का तस बनाए रखने में सफल रहे हैं।
गीत पियानो की मधुर धुन से शुरु होता है और फिर लहराती हुई अरिजित की आवाज़ गीत के जानदार मुखड़े से आपका तआरुफ कराती है। बोलों से दर्द की छुअन आप महसूस कर ही रहे होते हैं कि वॉयलिन से सजा संगीत संयोजन उसे और प्रगाढ़ कर जाता है। आराफ़ात साहब जब जब गीत गीत में वफ़ा, ख़ुदा और जीने की वज़ह ढूँढने को निकलते हैं मन की कचोट कुछ और गहरी हो उठती है।
तो आइए सुनते हैं ये गीत..
मैं ढूँढने को ज़माने में जब वफ़ा निकला
पता चला कि गलत ले के मैं पता निकला
आ हा...
जिसके आने से मुकम्मल हो गई थी ज़िदगी
दस्तकें खुशियों ने दी थी, मिट गई थी हर ग़मी
क्यूँ बेवज़ह दी ये सज़ा, क्यूँ ख्वाब दे के वो ले गया
जियें जो हम, लगे सितम, अज़ाब ऐसे वो दे गया
मैं ढूँढने को उसके दिल में जो ख़ुदा निकला
पता चला कि गलत ले के मैं पता निकला आ हा...
मैं ढूँढने को ज़माने में वफ़ा निकला..
ढूँढता था एक पल में दिल जिसे ये सौ दफ़ा
है सुबह नाराज उस बिन, रूठी शामें, दिन ख़फा
वो आएँ ना ले जाएँ ना
हाँ उसकी यादे जो हैं यहाँ
ना रास्ता, ना कुछ पता
मैं उसको ढूँढूगा अब कहाँ
मैं ढूँढने जो कभी जीने की वज़ह निकला
पता चला कि गलत ले के मैं पता निकला आ हा...
वार्षिक संगीतमाला 2014
- 01 क्या वहाँ दिन है अभी भी पापा तुम रहते जहाँ हो Papa
- 02 मनवा लागे, लागे रे साँवरे Manwa Lage
- 03 काफी नहीं है चाँद हमारे लिए अभी Kaafi Nahin hai Chaand
- 04 शीशे का समंदर, पानी की दीवारें. Sheeshe ka Samundar !
- 05 मैं तैनू समझावाँ की . Main Tenu Samjhawan Ki ..
- 06 ज़हनसीब..ज़हनसीब, तुझे चाहूँ बेतहाशा ज़हनसीब .. Zehnaseeb
- 07. पटाखा गुड्डी ! (Patakha Guddi)
- 08. किन्ना सोणा यार हीर वेखदी नज़ारा .. Ranjha
- 09. ऐसे तेरा मैं, जैसे मेरा तू.. Jaise Mera Tu
- 10. अल्लाह वारियाँ..... Allah Waariyaan
- 11.चाँदनिया तो बरसे फिर क्यूँ मेरे हाथ अँधेरे लगदे ने. Chaandaniya
- 12. ये बावला सा सपना Ye Bawla sa Sapna
- 13. गुलों मे रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले Gulon Mein Rang Bhare.
- 14. मैं ढूँढने को ज़माने में जब वफ़ा निकला Main dhoondhne ko..
- 15. तेरी गलियाँ, गलियाँ तेरी गलियाँ Teri Galiyan
- 16. अर्जियाँ दे रहा है दिल आओ..Arziyan
- 17. कोई मुझको यूँ मिला है, जैसे बंजारे को घर .Banjara.
- 18. पलकें ना भिगोना, ना उदास होना...नानी माँ Nani Maan
- 19. चार कदम बस चार कदम, चल दो ना साथ मेरे Char Kadam
- 20. सोने दो .. ख़्वाब बोने दो Sone Do..
- 21. सूहा साहा Sooha Saaha
- 22. सुनो ना संगमरमर Suno Na Sangmarmar
- 23. दिलदारा Dildaara
- 24. पैर अनाड़ी ढूँढे कुल्हाड़ी Pair Anadi
- 25. नैना नूँ पता है, नैना दी ख़ता है Naina
- दावत ए इश्क़ वो ग्यारह रूमानी गीत जो अंतिम पच्चीस में स्थान बनाने से ज़रा से चूके
7 टिप्पणियाँ:
Manishji, pehli baar suna yeh! Waise bhi adyamaan suman ka naam sunte hi kissi ne uske geeton ko dhyaan na diya hoga..meri tarah
हा हा वो तो है ! पर उनके पिता शेखर सुमन जो फिल्म के निर्देशक भी हैं पर कुछ अच्छे गीत भी फिल्माए गए थे। याद है ना उत्सव की वसंत सेना !
Arre haan, kaise bhoolein man kyun bheheka!
मनीष जी,मैं भी ये गीत 1st time सुन रही हुँ।लेकिन अच्छा लगा अरिजित के आवाज में।
Very nice song indeed i did not watched the movie but yes i listened this song .
सुनीता जी और उपेन्द्र ये गीत आप दोनों को पसंद आया जान कर प्रसन्नता हुई।
ये गीत पहली दफ़ा सुना, ठीक लगा।
एक टिप्पणी भेजें