साल का शुभारंभ और स्वागत है आपका एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमाला 2014 में पिछले साल के 25 बेहतरीन गीतों के साथ। एक शाम मेरे नाम पर वार्षिक संगीतमाला के इस सिलसिले का दसवाँ वर्ष है और और पिछली संगीतमालाओं में शामिल होने वाले गीतों की फेरहिस्त आप यहाँ देख सकते हैं।
पिछले हफ्ते मैंने आपसे उन ग्यारह गीतों की बात की थी जो इस संगीतमाला के पहले पच्चीस गीतों में अपनी जगह बनाने में बेहद करीब से चूक गए। इस बार जिन पच्चीस गीतों को मैंने चुना है वे 23 अलग अलग फिल्मों से हैं। यानि किसी एक एलबम का दबदबा इस संगीतमाला पर आपको देखने को नहीं मिलेगा। तो चलिए आपको मिलवाते हैं संगीत माला की पच्चीस वीं पायदान पर के गीत से जिसे लिया हैं मैंने फिल्म खूबसूरत से।
आपको जानकर अचरज होगा कि शुरुआत में इस गीत को फिल्म में रखा ही नही गया था। फिल्म की संगीतकार स्नेहा खानवलकर जो अपने प्रयोगधर्मी संगीत के लिए जानी जाती हैं के रचे पाँच गीत ही थे एलबम में। निर्माता निर्देशक को आख़िर में पता चला कि एक लोक धुन जिसका इस्तेमाल फिल्म में हो रहा था उसका कॉपीराइट ही उनके पास नहीं है। ऐसे हालात में युवा संगीतकार अमल मलिक जो संगीतकार अनु मलिक के भतीजे हैं की सेवाएँ ली गयीं। 23 वर्षीय अमल ने धुन बनाने में बस एक दिन का वक़्त लिया। और देखिए ना ये एक दिन की मेहनत नैना को फिल्म खूबसूरत का सबसे खूबसूरत गीत बना गई। गीत तो बन गया पर शूटिंग तो पहले ही हो चुकी थी सो गीत के बोलों के हिसाब से दोबारा फिल्मांकन हुआ।
गिटार से शुरु होता अमल का सुरीला संगीत संयोजन तब और असरदार हो जाता है जब वो सोना और अरमान के पार्श्व से आते आलाप का इस्तेमाल इंटल्यूड्स में करते हैं। 19 वर्षीय अरमान मलिक अमल के छोटे भाई हैं और अपने हुनर के जलवे सा रे गा मा लिटिल चैम्पस में भी दिखला चुके हैं। सोना महापात्र की आवाज़ का शैदाई तो मैं पहले से ही हूँ। एक उड़िया होकर भी पंजाबी लफ्ज़ो को वो इतनी स्पष्टता से बोलती हैं कि दिल खुश हो जाता है। ये कमाल वो पिछले साल अम्बरसरिया में भी कर चुकी हैं।
गीतकार कुमार ने बोल भी प्यारे ही लिखे हैं। गीत में कुमार कहते हैं कि आँखों को जी सब पता होता है अपनी करतूतों का। किस पर इनके तीर चले और कौन बेचारा घायल हुआ? अब इनके प्रताप से चोट दोनों ओर लगे तो फिर भुगतना तो पड़ता ही है। सच भूख प्यास, नींद, चैन सब तो उड़ जाता है इश्क़ में । समझिए कि आदमी ना हुआ चलता फिरता फकीर हो गया। वैसे दिल का काम ही दिल को चुराना है। पर ऐसी चोरियाँ करते करते कभी ना इसके ख़ुद के घर में सेंध लग जाती है और फिर ख़ुद ही ख्वाबों ख्यालों के पुल बनाने बैठ जाता है ये, बिन जाने कि दूसरे हृदय में क्या चल रहा है।
तो आइए सुनते हैं ये गीत। आशा है गीत की मधुरता इसे पहली बार ही आपको अपने दिल में जगह बनाने पर मजबूर कर देगी।
नैना नूँ पता है, नैना दी ख़ता है
सानू किस गलदी पर मिलदी सज़ा है
नींद उड़ जावे, चैन छड जावे
इश्क़ दी फकीरी जद लग जावे
ऐ मन करदा ए ठगीठोरियाँ
ऐ मन करदा ए सीनाजोरियाँ
ऐने सीख लेयाँ दिल चोरियाँ
ऐ मन दीयाँ ने कमजोरियाँ
मन मन की सुनता जाए
सुनता नहीं मनवालों की
मन ही मन में बनाए
दुनिया एक ख्यालों की
पास कोई आवे, दूर कोई जावे
होता है ये क्यूँ कोई समझावे
ऐ मन करदा ए ...
नैना नूँ पता है...
खूबसूरत फिल्म का ये गीत फिल्माया गया है सोनम कपूर और फावद खान पर
- 01 क्या वहाँ दिन है अभी भी पापा तुम रहते जहाँ हो Papa
- 02 मनवा लागे, लागे रे साँवरे Manwa Lage
- 03 काफी नहीं है चाँद हमारे लिए अभी Kaafi Nahin hai Chaand
- 04 शीशे का समंदर, पानी की दीवारें. Sheeshe ka Samundar !
- 05 मैं तैनू समझावाँ की . Main Tenu Samjhawan Ki ..
- 06 ज़हनसीब..ज़हनसीब, तुझे चाहूँ बेतहाशा ज़हनसीब .. Zehnaseeb
- 07. पटाखा गुड्डी ! (Patakha Guddi)
- 08. किन्ना सोणा यार हीर वेखदी नज़ारा .. Ranjha
- 09. ऐसे तेरा मैं, जैसे मेरा तू.. Jaise Mera Tu
- 10. अल्लाह वारियाँ..... Allah Waariyaan
- 11.चाँदनिया तो बरसे फिर क्यूँ मेरे हाथ अँधेरे लगदे ने. Chaandaniya
- 12. ये बावला सा सपना Ye Bawla sa Sapna
- 13. गुलों मे रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले Gulon Mein Rang Bhare.
- 14. मैं ढूँढने को ज़माने में जब वफ़ा निकला Main dhoondhne ko..
- 15. तेरी गलियाँ, गलियाँ तेरी गलियाँ Teri Galiyan
- 16. अर्जियाँ दे रहा है दिल आओ..Arziyan
- 17. कोई मुझको यूँ मिला है, जैसे बंजारे को घर .Banjara.
- 18. पलकें ना भिगोना, ना उदास होना...नानी माँ Nani Maan
- 19. चार कदम बस चार कदम, चल दो ना साथ मेरे Char Kadam
- 20. सोने दो .. ख़्वाब बोने दो Sone Do..
- 21. सूहा साहा Sooha Saaha
- 22. सुनो ना संगमरमर Suno Na Sangmarmar
- 23. दिलदारा Dildaara
- 24. पैर अनाड़ी ढूँढे कुल्हाड़ी Pair Anadi
- 25. नैना नूँ पता है, नैना दी ख़ता है Naina
- दावत ए इश्क़ वो ग्यारह रूमानी गीत जो अंतिम पच्चीस में स्थान बनाने से ज़रा से चूके
8 टिप्पणियाँ:
Thanks for the wonderful start of the year.
ये गीत मुझे ठीक-ठाक ही लगा।
पहली बात ये कि फिल्मों में अनावश्यक रूप से पंजाबी बोलों को डालने की मजबूरी गानों से उनका रस छीन लेती है। मैंने फिल्म तो नहीं देखी है लेकिन फिल्म का सेटअप राजस्थान में है और सोनम भी शायद कोई पंजाबी करैक्टर प्ले नहीं कर रही हैं।
यूँ तो अधिकतर पंजाबी बोलों में मुझे एक अलग मिठास नज़र आती है मगर कुमार के लिखा ये गाना कुछ रूखा सा लगा।
शुक्रिया सुमित !
अंकित इस साल कई गीतों में पंजाबी शब्दों का प्रयोग हुआ है और सही कहा तुमने कि ये चलन कई बार फिल्म की कहानी के अनुरूप नहीं होता। यहाँ संगीतकार व गीतकार दोनों पंजाबी मूल के हैं शायद इसलिए पंजाबी शब्दों का प्रयोग हुआ हो।
फिल्म तो मैंने भी नहीं देखी। हाँ ये जरूर हे कि कुमार के बोल मुझे तो कुल मिलाकर रूखे नहीं लगे। मुझे तो ऐसा लगा कि एक अंतरा और होता तो ज्यादा आनंद आता।
आगाज़ का स्वागत... वैसे अंकित की बात काबिल ए गौर है.. :)
गीत पहली बार सुना.. और रूखा नहीं मगर सो सो ही लग रहा है...
इन सबसे इतर पिछले सात साल से अपनी गति से चलती इस संगीत माला को चलाने के लिए आप प्रशंसा और बधाई दोनों के पात्र hain
सात नहीं दस साल से :p
http://ek-shaam-mere-naam.blogspot.in/2011/12/2011_31.html
ठीक है तभी तो यहाँ है , ज्यादा ठीक होता तो और ऊपर जाता :)
behtareen song
Its really is a song worth knowing and going back to. I enjoyed it.
Thanks to your blog, even non TV watchers but song lovers like me can pick up gems without sifting through the trash.
सात साल अपनी ब्लोगिंग के बोल रही थी. जब से शुरू किया तब से ही तो देख पाऊँगी :)
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