गुरुवार, मार्च 16, 2017

वार्षिक संगीतमाला 2016 सरताज गीत: मेरे ज़िक्र का जुबाँ पे स्वाद रखना ..चन्ना मेरेया Channa Mereya

वार्षिक संगीतमाला 2016 की आख़िरी सीढ़ी पर पहुँचते हुए वक़्त आ गया है सरताजी बिगुल बजाने का और बिना किसी आश्चर्य के यहाँ गीत है फिल्म ऐ दिल है मुश्किल का। ये गीत पिछले साल खूब बजा और अभी भी लगातार बज रहा है। अरिजीत सिंह की मर्मस्पर्शी गायिकी, अमिताभ भट्टाचार्य के खूबसूरत बोल और प्रीतम का पश्चिमी और भारतीय संगीत का प्यारा मिश्रण ही इस गीत को मेरे लिए साल के पच्चीस बेहतरीन गीतों की सूची में अव्वल नंबर पर ले आया है। मैंने अक्सर महसूस किया है है कि जो गीत अपने साथ उदासी की चादर लपेटे होते हैं उनका साया दिनों दिन दिल पर गहराता सा जाता है और चन्ना मेरेया एक ऐसा ही गीत है।


चाँद को लेकर ना जाने कितने गीतों के मुखड़े रचे गए होगे। साहिर का चाँद, मज़रूह का चाँद, गुलज़ार का चाँद... लगभग सारे गीतकारों ने चाँद को केंद्र में रखकर गीत लिखे हैं। चाँद है भी तो इतना खूबसूरत कि हर बार उसे देखकर हमारी भावनाएँ अलग अलग रूपों में निकलती हैं। कभी बासी नहीं होतीं। अमिताभ भट्टाचार्य ने उसी बिम्ब का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए एक अतिरिक्त काम ये जरूर किया है कि उन्होंने इसी बहाने चाँद के पंजाबी रूप चन्ना से हमारा परिचय करा दिया। मानना होगा अमिताभ की प्रतिभा को कि बस एक शब्द से गीत को वो हल्का सा ही सही पर आंचलिक रंग देने में सफल हो जाते हैं। दंगल का घणा हो या यहाँ चन्ना मेरेया यानि मेरा चाँद, ये शब्द कानों में वहाँ की मिट्टी की मिठास घोल देते हैं।

प्रीतम और अमिताभ की जोड़ी कोई नयी नहीं है। पिछले कुछ सालों से इस जोड़ी ने कई शानदार नग्मे दिए हैं। प्रीतम की आदत है कि वो हमेशा फिल्म के एक गीत के लिए कई धुनें बनाते हैं। ऐ दिल है मुश्किल की कहानी करण जौहर से सुनने के बाद उन्हो्ने पाँच छः धुने बनायीं और उन्हें सुनाने के लिएले गए। इनमें से तीन धुनें करण ने पहली बार सुनते ही स्वीकृत कर दी। चन्ना मेरेया की धुन उनमें से एक थी। प्रीतम भारतीय वाद्यों के पश्चिमी वाद्य यंत्रों के साथ फ्यूजन में माहिर रहे हैं। यहाँ भी गिटार परिवार के सदस्यों के साथ ढोलक, मुखड़े और अंतरों में साथ बजता है वहीं इंटरल्यूड्स में शहनाई और सारंगी की तान भी सुनाई देती है। एक अनुभवी संगीतकार होने के नाते इस शब्द प्रधान गीत में वो संगीत को कहीं हावी नहीं होने देते और अरिजीत तो बस कमाल हैं। दर्द भरे गीतों में अगर शास्त्रीयता का मिश्रण हो तो वो अरिजीत की आवाज़ में खूब फबता है।

ऐ दिल है मुश्किल बतौर फिल्म तो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आयी थी। इकतरफ़े प्रेम का विषय संभावना से भरा तो था पर घटिया पटकथा ने अच्छे कलाकारों के होते हुए भी मजा किरकिरा कर दिया था। पर जो बात फिल्म उतने अच्छे से कह नहीं पायी वो ये गीत कह गया। कहते हैं अच्छी दोस्तियाँ बहुधा प्रेम में तब्दील हो जाती हैं। अगर दोनों ओर समान भावनाएँ ना हों तो इकतरफा प्रेम में पड़े रहने या फिर माया मोह को त्याग कर वैरागी बनने का विकल्प तो हैं  ही। पर हक़ीकत तो ये भी है कि इन विकल्पों को जीना इतना आसान भी नहीं ।
 

ख़ैर साथ ना भी हो तो गीतकार ये उम्मीद जगाते ही हैं कि जब भी इन दोस्तों का आपसी जिक्र हो, दूसरे की जुबाँ पर एक मिठास आ जाए और  माहौल चंदन सी खुशबू से समा जाए।  विरह बेला में रचे इस गीत को रणबीर कपूर पर्दे पर अपनी उदासी आंखों से जीवंत करते नज़र आते हैं। तो आइए सुनते हैं एक बार फिर ये नग्मा..

अच्छा चलता हूँ दुआओं में याद रखना
मेरे ज़िक्र का जुबाँ पे स्वाद रखना
दिल के संदूकों में मेरे अच्छे काम रखना
चिट्ठी तारों में भी मेरा तू सलाम रखना
अँधेरा तेरा, मैंने ले लिया
मेरा उजला सितारा तेरे नाम किया
चन्ना मेरेया मेरेया चन्ना मेरेया मेरेया

चन्ना मेरेया मेरेया बेलिया ओ पिया ..

महफ़िल में तेरी हम ना रहें जो
गम तो नहीं है गम तो नहीं है
किस्से हमारे नज़दीकियों के
कम तो नहीं हैं कम तो नहीं हैं
कितनी दफा सुबह को मेरी
तेरे आँगन में बैठे मैंने शाम किया
चन्ना मेरेया मेरेया चन्ना मेरेया मेरेया...पिया...

तेरे रूख से अपना रास्ता मोड़ के चला..
चन्दन हूँ मैं अपनी ख़ुशबू छोड़ के चला..
मन की माया रख के तेरे तकिये तले
बैरागी, बैरागी का सूती चोला ओढ़ के चला
ओ पिया ..


वार्षिक संगीतमाला की आखिरी कड़ी में करेंगे 2016  के संगीत का पुनरावलोकन और देखेंगे कि आख़िर पिछला साल रहा संगीत के किन दिग्गजों के नाम..

वार्षिक संगीतमाला  2016 में अब तक 
2. इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत गुम है गुम है गुम है Ikk Kudi
3. जग घूमेया थारे जैसा ना कोई Jag Ghoomeya
4. पश्मीना धागों के संग कोई आज बुने ख़्वाब Pashmina
5. बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है   Hanikaarak Bapu
6. होने दो बतियाँ, होने दो बतियाँ   Hone Do Batiyan
7.  क्यूँ रे, क्यूँ रे ...काँच के लमहों के रह गए चूरे'?  Kyun Re..
8.  क्या है कोई आपका भी 'महरम'?  Mujhe Mehram Jaan Le...
9. जो सांझे ख्वाब देखते थे नैना.. बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ ... Naina
10. आवभगत में मुस्कानें, फुर्सत की मीठी तानें ... Dugg Duggi Dugg
11.  ऐ ज़िंदगी गले लगा ले Aye Zindagi
12. क्यूँ फुदक फुदक के धड़कनों की चल रही गिलहरियाँ   Gileheriyaan
13. कारी कारी रैना सारी सौ अँधेरे क्यूँ लाई,  Kaari Kaari
14. मासूम सा Masoom Saa
15. तेरे संग यारा  Tere Sang Yaaran
16.फिर कभी  Phir Kabhie
17 चंद रोज़ और मेरी जान ...Chand Roz
18. ले चला दिल कहाँ, दिल कहाँ... ले चला  Le Chala
19. हक़ है मुझे जीने का  Haq Hai
20. इक नदी थी Ek Nadi Thi
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10 टिप्पणियाँ:

Smita Jaichandran on मार्च 16, 2017 ने कहा…

I just somehow knew this is going to be no.1!!!!!!!!!!!! Love the song (dil ke sandookon mein....such beauty)

Manish Kumar on मार्च 16, 2017 ने कहा…

अच्छा तो भविष्यवक्ता भी हैं स्मिता आप। :p सही कहा आपने पूरा गीत ही बहुत प्यारा है पर शुरु की चार पंक्तियाँ दिल छू लेती हैं।

Aayush Kelde Ash on मार्च 16, 2017 ने कहा…

नवीनतम गानो में "कितनी दफ़ा सुबह को मेरी तेरे आँगन मे बैठे मैने शाम किया " जैसी पँक्ति का इस्तेमाल करना अद्वितीय

Manish Kumar on मार्च 16, 2017 ने कहा…

Aayush मुझे तो मुखड़े और आख़िरी अंतरे की पंक्तियाँ इस गीत की जान लगती हैं।

Kumar Nayan Singh on मार्च 16, 2017 ने कहा…

लिरिक्स कमाल की है, संगीत कमाल का और रही सही कसर अरिजीत ने पूरी कर दी है।

Rajesh Goyal on मार्च 17, 2017 ने कहा…

Undoubtedly best song of the year. ये गाना मेरे लिए कुछ ऐसे चुनिंदा गानों में से है जिन्हें कितनी भी बार सुनें पर मन नहीं भरता।

kumar gulshan on मार्च 17, 2017 ने कहा…

सही पकड़े हो प्रीतम ,अरिजीत , अमिताभ आखिर एक शानदार गाने के लिए इससे बेहतर कॉम्बिनेशन क्या होगा ......

Manish Kumar on मार्च 17, 2017 ने कहा…

नयन, गुलशन व राजेश जी इसीलिए तो ये Song No.1 है मेरे लिए ! :)

Manish Kaushal on मार्च 17, 2017 ने कहा…

ल्लेया और इसी फिल्म के शीर्षक गीत के गीतमाला में शामिल होने की उम्मीद थी, वैसे ये गीत भी बेहतरीन है..

Manish Kumar on मार्च 17, 2017 ने कहा…

Manish Kaushal हाँ वो गाने भी पिछले साल काफी बजे पर मुझे कुछ खास नहीं लगे।

 

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