वार्षिक संगीतमाला 2016 के रनर्स अप खिताब का सेहरा बँधा है पंजाब के लोकप्रिय कवि शिव कुमार बटालवी की कविता इक कुड़ी जेदा नाम मोहब्बत के एक अंश पर आधारित उड़ता पंजाब के इस गीत के नाम। शिव कुमार बटालवी का नाम पंजाब के उन कवियों में शुमार होता है जो वहाँ के बाशिंदों के ह्रदय में बसते हैं। उड़ता पंजाब के निर्देशक अभिषेक दुबे ने उनकी कविता का अपनी फिल्म में इस्तेमाल कर इस कवि के प्रति पूरे देश में रुचि उत्पन्न कर दी जिसकी वजह से काव्य प्रेमी शिव कुमार बटालवी की कई अन्य बेहतरीन रचनाओं से रूबरू हो पाए हैं ।
शिव कुमार बटालवी की निजी ज़िंदगी से इस कविता का क्या सरोकार था,? कौन थी वो लड़की जो उनकी ज़िदगी से गुम हो गयी थी ? इन सब के बारे में मैं पहले ही यहाँ विस्तार से लिख चुका हूँ। आज तो आपको मुझे ये बताना है कि ये प्यारा सा नग्मा उड़ता पंजाब का हिस्सा कैसे बन गया?
दरअसल फिल्म के निर्देशक जब फिल्म की कहानी पर काम कर रहे थे तभी इस गीत की
जरूरत उन्हें महसूस हुई। फिल्म में बिहारी मजदूर का किरदार निभाती आलिया भट्ट की पंजाब में आने के पहले की ज़िंदगी और उसके अंदर एक हाकी खिलाड़ी बनने की
चाह को निर्देशक इस गीत को पार्श्व में रखकर दिखाना चाहते थे। जब बटालवी की
पूरी कविता चार पन्नों में सज कर अमित त्रिवेदी के पास पहुँची तो वो
असमंजस में पड़ गए कि आख़िर फिल्म के गीत के लिए इसका कौन सा हिस्सा चुना
जाए ? आख़िरकार कविता के शुरुआती हिस्से को चुना गया। गीत के दो वर्जन बने।
एक को शाहिद माल्या से गवाया गया और दूसरे को दिलजीत दोसांझ से। गीत दोनों
रूपों में बेहतरीन है पर दिलजीत की आवाज़ के साथ अमित त्रिवेदी की धुन दिल
को सचमुच जीत ले जाती है।
पंजाब के संगीत उद्योग में दिलजीत दोसांझ कोई नया नाम नहीं हैं। जालंधर के दोसांझ कलां गाँव से ताल्लुक रखने वाले दिलजीत पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से पंजाबी संगीत जगत में सक्रिय हैं। दस के करीब संगीत एलबम निकालने वाला ये गायक कई पंजाबी फिल्मों का भी हिस्सा रह चुका है। जहाँ तक हिंदी फिल्मों का सवाल है उड़ता पंजाब के आलावा दिलजीत तेरे नाल लव हो गया, मेरे डैड की मारुति, यमला पगला दीवाना 2 और सिंह इज़ ब्लिंग जैसी फिल्मों में अपनी आवाज़ दे चुके हैं। बटालवी ने ख़ुद इसे जिस अंदाज़ में गाया था उससे अलग लय में अमित ने दिलजीत से ये गीत गवाया और उनकी इस बात के लिए तारीफ करनी होगी की गीत के मूड को उन्होंने यूँ पकड़ा की उनकी आवाज़ में उस गुम हुई लड़की का दर्द सहज ही उभर आया। गीत में उदासी की लकीरों को और गहरा करने में साथ दिया इलेक्ट्रिक व बास गिटार से सजे संगीत संयोजन ने ।
आख़िर गीत के पंजाबी बोलों में बटालवी ने कहना क्या चाहा है?
इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत
गुम है गुम है गुम है
साद मुरादी सोणी फब्बत
गुम है गुम है गुम है
सूरत ओसदी परियाँ वरगी,
सीरत दी ओ.. मरियम लगदी
हसदी है ताँ फुल्ल झड़दे ने
तुरदी है ताँ ग़ज़ल है लगदी
लम्म स लम्मी सरू दे क़द दी। . हाय
उम्र अजे है मर के अग्ग दी
पर नैणा दी गल्ल समझ दी
इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत
गुम है गुम है गुम है...
इक
लड़की जिसका नाम मोहब्बत था, वो गुम है, गुम है , गुम है। सादी सी, प्यारी
सी वो लड़की गुम है। उसका चेहरा परियों जैसा था और हृदय मरियम सा पवित्र। वो
हँसती तो लगता जैसे फूल झड़ रहे हों और चलती तो लगता जैसे एक ग़ज़ल ही
मुकम्मल हो गई हो। लंबाई ऐसी कि सरू के पेड़ को भी मात दे दे। जवानी तो जैसे उसके अभी उतरी थी पर आंखों की भाषा वो
खूब समझती थी। पर वो आज नहीं है। कहीं नहीं है। :(
सच कहूँ तो इस गीत का कैनवस फिल्म से कहीं आगे तक विस्तृत है। अगर आप उड़ता पंजाब ना भी देखें तो भी इस गीत से जुड़ने आपको थोड़ा सा भी वक़्त नहीं लगेगा। आख़िर कितनी प्रेम कहानियाँ अपने मुकाम तक पहुँच पाती हैं? जिस मोहब्बत का हम सपना देखते हैं क्या वो भाव जीवन पर्यन्त हमारे साथ रहता है? क्या हम एक समझौते के तहत प्रेम में बने रहने का ख़ुद से छलावा नहीं करते? क्या उस खोयी मोहब्बत की गुमशुदगी का अहसास रह रह कर हमें नहीं कचोटता?
शिव कुमार बटालवी का ये सहज सा गीत इसलिए विशेष नहीं कि वो उनकी प्रेमिका की खूबसूरती बयाँ करता है बल्कि इसलिए कि ये हमारे अंदर की उस टीस, उस हसरत को उभारता है जिस मोहब्बत को हमने वक़्त के हाथों लाचार होकर भुलाया हुआ है।
2. इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत गुम है गुम है गुम है Ikk Kudi
3. जग घूमेया थारे जैसा ना कोई Jag Ghoomeya
4. पश्मीना धागों के संग कोई आज बुने ख़्वाब Pashmina
5. बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है Hanikaarak Bapu
6. होने दो बतियाँ, होने दो बतियाँ Hone Do Batiyan
7. क्यूँ रे, क्यूँ रे ...काँच के लमहों के रह गए चूरे'? Kyun Re..
8. क्या है कोई आपका भी 'महरम'? Mujhe Mehram Jaan Le...
9. जो सांझे ख्वाब देखते थे नैना.. बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ ... Naina
10. आवभगत में मुस्कानें, फुर्सत की मीठी तानें ... Dugg Duggi Dugg
11. ऐ ज़िंदगी गले लगा ले Aye Zindagi
12. क्यूँ फुदक फुदक के धड़कनों की चल रही गिलहरियाँ Gileheriyaan
13. कारी कारी रैना सारी सौ अँधेरे क्यूँ लाई, Kaari Kaari
14. मासूम सा Masoom Saa
15. तेरे संग यारा Tere Sang Yaaran
16.फिर कभी Phir Kabhie
17 चंद रोज़ और मेरी जान ...Chand Roz
18. ले चला दिल कहाँ, दिल कहाँ... ले चला Le Chala
19. हक़ है मुझे जीने का Haq Hai
20. इक नदी थी Ek Nadi Thi
3. जग घूमेया थारे जैसा ना कोई Jag Ghoomeya
4. पश्मीना धागों के संग कोई आज बुने ख़्वाब Pashmina
5. बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है Hanikaarak Bapu
6. होने दो बतियाँ, होने दो बतियाँ Hone Do Batiyan
7. क्यूँ रे, क्यूँ रे ...काँच के लमहों के रह गए चूरे'? Kyun Re..
8. क्या है कोई आपका भी 'महरम'? Mujhe Mehram Jaan Le...
9. जो सांझे ख्वाब देखते थे नैना.. बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ ... Naina
10. आवभगत में मुस्कानें, फुर्सत की मीठी तानें ... Dugg Duggi Dugg
11. ऐ ज़िंदगी गले लगा ले Aye Zindagi
12. क्यूँ फुदक फुदक के धड़कनों की चल रही गिलहरियाँ Gileheriyaan
13. कारी कारी रैना सारी सौ अँधेरे क्यूँ लाई, Kaari Kaari
14. मासूम सा Masoom Saa
15. तेरे संग यारा Tere Sang Yaaran
16.फिर कभी Phir Kabhie
17 चंद रोज़ और मेरी जान ...Chand Roz
18. ले चला दिल कहाँ, दिल कहाँ... ले चला Le Chala
19. हक़ है मुझे जीने का Haq Hai
20. इक नदी थी Ek Nadi Thi
7 टिप्पणियाँ:
Wah! Aur ek aah bhi!! Bahut khoob likha hai aapne 'mohabbat ki hasrat' ke baare mein.
शुक्रिया सुमित..बटालवी साहब की ज़िंदगी की असहनीय पीड़ा सिमट सी जाती है है इस गीत/ कविता के मुखड़े में.. जो मन को अंदर तक झिंझोड़ देती है।
आपकी आज की पोस्ट ने दिल की गहराई में कुछ छू लिया है। इसी अहसास के साथ कमेंट कर रहा हूँ। इस अहसास को जगाने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद..
👍👌👍
राजेश गोयल जी ये गीत मुझे हमेशा उदास कर देता है और इस उदासी का ये स्वर आपके दिल तक पहुँचा जानकर संतोष हुआ।
ये वाकई साल का एक बेहतरीन गाना था ...दिलजीत से बेहतर मुझे नही लगता इसको कोई निभा पाता..उनके पंजाब 1984 मूवी में गाये गानों में भी गायकी का यही रंग दीखता है
दिलजीत को इससे पहले मैंने हिंदी फिल्मों के इतर नहीं सुना पर यहाँ उनकी आवाज़ गीत के मूड को हूबहू पकड़ती है।
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