रविवार, फ़रवरी 18, 2018

वार्षिक संगीतमाला 2017 पायदान #12 : तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी Meet

सचिन जिगर का नाम एक शाम मेरे नाम की संगीतमालाओं के लिए नया नहीं रहा है। पिछले पाँच छः सालों से वो बराबर अपने रचे संगीत के दम पर वार्षिक संगीतमालाओं में अपना स्थान बनाते रहे हैं। इससे पहले बदलापुर, हैप्पी एंडिंग, शुद्ध देशी रोमांस , शोर इन दि सिटी और इसक जैसी फिल्मों के गीतों ने उनके संगीत की ओे मेरा ध्यान आकर्षित किया था। 2016 उनके लिए कोई खास अच्छा साल नहीं था पर 2017 में उन्होंने जबरदस्त वापसी की है और उनके तीन गीत शुरुआती दर्जन भर पायदानों का हिस्सा बने हैं। बाकी के दो गीत कौन से हैं ये तो आपको बाद में पता चलेगा ही पर आज उनके रचे जिस गीत की बात कर रहा हूँ वो है फिल्म सिमरन का जिसके बोल लिखे हैं प्रिया सरैया ने और गाया है अरिजीत सिंह ने।



सचिन जिगर की खासियत है कि वो बड़े बैनरों के पीछे नहीं भागते। उन्होंने कम बजट की कई फिल्मों में अपना योगदान दिया है जो कभी सफल तो कभी असफल होती रही हैं। पिछले साल सितंबर में रिलीज़ हुई सिमरन भी एक ऐसी ही फिल्म थी जो ज्यादा तो नहीं चली पर कंगना के अभिनय और संगीत के लिए सराही गयी। सिमरन के ज्यादातर गीत तो फिल्म की परिस्थितियों से पनपे हैं पर मीत एक ऐसा रोमंटिक गीत है जिसे आप फिल्म से इतर भी सुनें तो भी आप इससे अपने को जोड़ पाते हैं। 

इस गीत में सचिन जिगर का संगीत संयोजन मुख्यतः गिटार और बाँसुरी में सिमटा हुआ है और शब्दों के बीच बहता हुआ मन को एक शांति, इक सुकून सा दे जाता है। इस गीत की खासियत है इसकी मधुरता और प्रिया के सहज पर जुबाँ पर शीघ्र चढ़ने वाले शब्द जिन्हें अरिजीत ने बड़े डूबकर गाया है। उनकी गायिकी में एक ईमानदारी है इसीलिए जब वो भावों को आपनी आवाज़ का पैरहन पहनाते हैं तो लगता है कि जो भी कहा जा रहा है सच्चे दिल से कहा जा रहा है।

प्रियतम के मिलने की तुलना जिस तरह प्रिया ने पहले कोरे काग़ज़ पर ग़ज़ल लिखने और फिर नर्म धूप से की है वो हृदय में एक मुलायम सा अहसास जगा जाती है। गीत का सबसे आकर्षक हिस्सा है इसका मुखड़ा जो गीत के सुनने के बाद भी होठों पर बना रहता है और आप उसे  बार बार गुनगुना चाहते हैं तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी..जो लबों से हो सके ना जुदा, ऐसा मेरा गीत है जी। 

तो आइए सुनते हैं. फिल्म सिमरन के इस गीत को .

कोरे से पन्ने, जैसे ये दिल ने, कोई गज़ल पायी 
पहली बारिश, इस ज़मी पे, इश्क ने बरसाई 
हर नज़र में, ढूँढी जो थी, तुझ में पाई वफ़ा 
जान मेरी बन गया तू ,जान मैंने लिया 

तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी 
जो लबों से हो सके ना जुदा, ऐसा मेरा गीत है जी
तू ही मेरा मीत है.. 

ओ.. खोलूँ जो आँखें सुबह को मैं चेहरा तेरा ही पाऊँ 
ये तेरी नर्म सी धूप में अब से जहां ये मेरा सजाऊँ 
ज़रा सी बात पे जब हँसती,  है तू ,हँसती है मेरी ज़िन्दगी 

तू ही मेरा मीत है जी .... गीत है जी.
तू ही मेरा मीत है.. 

वार्षिक संगीतमाला 2017

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3 टिप्पणियाँ:

Manoj Pandey on फ़रवरी 27, 2018 ने कहा…

So nice.

Manish Kumar on मार्च 01, 2018 ने कहा…

धन्यवाद !

मन्टू कुमार on दिसंबर 23, 2018 ने कहा…

पिछले दिनों जब इस फ़िल्म से गुजरा तब इस गाने से मिला मैं। और तब से ही लगभग रोज दिन में कई बार सुनता हूँ।
फीमेल वर्ज़न भी बढ़िया है।

:)

 

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