जुबली के गीत संगीत के बारे में इस गीतमाला में पहले भी चर्चा हो चुकी है और आगे और भी होगी क्यूँकि 2023 के पच्चीस बेहतरीन गीतों की इस शृंखला में बचे तीन गीतों में दो इसी वेब सीरीज के हैं। जहाँ उड़े उड़नखटोले ने आपको चालीस के दशक की याद दिला दी थी वहीं बाबूजी भोले भाले देखकर गीता दत्त और आशा जी के पचास के दशक गाए क्लब नंबर्स का चेहरा आँखों के सामने घूम गया था।
"नहीं जी नहीं" इसी कड़ी में साठ के दशक के संगीत की यादें ताज़ा कर देता है जब फिल्म संगीत में संगीतकार जोड़ी शंकर जयकिशन की तूती बोलती थी। शंकर जयकिशन के संगीत की पहचान थी उनका आर्केस्ट्रा। उनके संगीत रिकार्डिंग के समय वादकों का एक बड़ा समूह साथ होता था। अमित त्रिवेदी ने अरेंजर परीक्षित शर्मा की मदद से बला की खूबसूरती से इस गीत में वही माहौल फिर रच दिया है। इस गीत में वॉयलिन की झंकार भी है तो साथ में मेंडोलिन की टुनटुनाहट भी। कहीं ड्रम्स के साथ मेंडोलिन की संगत है तो कहीं वॉयलिन के साथ बाँसुरी की जुगलबंदी। एकार्डियन जैसे वाद्य भी अपनी छोटी सी झलक दिखला कर उस दौर को जीवंत करते हैं।
वाद्य यंत्रों के छोटे छोटे टुकड़ों को अमित ने जिस तरह शब्दों के बीच पिरोया है उसकी जितनी भी तारीफ़ की जाए कम होगी।
कि देखो ना, बादल तेरे आँचल से बँध के आवारा ना हो जाए, जी
नहीं, जी, नहीं, कि बादल की आदत में तेरी शरारत नहीं
नहीं, जी, नहीं, कि बादल की आदत में तेरी शरारत नहीं
कि देखो ना, चंदा तेरी बिंदिया से मिल के कुँवारा ना रह जाए, जी
नहीं, जी, नहीं, कि चंदा की फ़ितरत में तेरी हिमाक़त नहीं
नहीं, जी, नहीं, कि चंदा की फ़ितरत में तेरी हिमाक़त नहीं
कि हमको भी भर लो नैनों में अपने, हो सुरमे की जैसे लड़ी
कि हमको भी भर लो नैनों में अपने, हो सुरमे की जैसे लड़ी
नज़र-भर के पहले तुझे देख तो लें कि जल्दी है तुझको बड़ी
कि हमको भी भर लो नैनों में अपने, हो सुरमे की जैसे लड़ी
नज़र-भर के पहले तुझे देख तो लें कि जल्दी है तुझको बड़ी
कि देखो ना, तारे बेचारे हमारे मिलन को तरसते हैं, जी
नहीं, जी, नहीं, कि तारों की आँखों में तेरी सिफ़ारिश नहीं
कि अच्छा, चलो जी तुझे आज़माएँ, कहीं ना हो कोई कमी
कि अच्छा, चलो जी तुझे आज़माएँ, कहीं ना हो कोई कमी
कि जी-भर के अपनी कर लो तसल्ली, हूँ मैं भी, है तू भी यहीं
तो बैठो सिरहाने कि दरिया किनारे हमारी ही मौजें हैं, जी
नहीं, जी, नहीं, कि दरिया की मौजों में तेरी नज़ाकत नहीं
कि देखो ना, बादल .....नहीं, जी, नहीं
वैसे क्या आपको पता है कि जुबली का संगीत गोवा में बना था। आपको जान कर आश्चर्य होगा कि 2022 में आई कला और जुबली की संगीत रचना एक साथ हुई थी। अमित त्रिवेदी इन फिल्मों के गीतकारों स्वानंद, अन्विता और कौसर को ले कर गोवा गए। उस दौर के गीतों के मूल तत्व को पकड़ने के लिए अमित त्रिवेदी ने कई दिनों तक लगातार चालीस, पचास और साठ के दशक के गाने सुने। उस दौर के अरेंजर से संपर्क साधा और फिर एक के बाद एक गानों की रिकार्डिंग करते गए। कमाल ये कि जुबली के गीतों में एक साथ आपको उस दौर के कई गीतों की झलक मिलेगी पर हर गीत बिना किसी गीत की कॉपी लगे अपनी अलग ही पहचान लिए नज़र आएगा।
वॉयलिन और ताल वाद्यों की मधुर संगत से इस गीत का आगाज़ होता है। पापोन की सुकून देती आवाज़ के साथ सुनिधि की गायिकी का नटखटपन खूब फबता है। पापोन जहाँ हेमंत दा की आवाज़ का प्रतिबिंब बन कर उभरते हैं वहीं सुनिधि की आवाज़ की चंचलता आशा जी और गीता दत्त की याद दिला देती है। वॉयलिन और ड्रम्स से जुड़े इंटरल्यूड में वॉयलिन पर सधे हाथ चंदन सिंह और उनके सहयोगियों के हैं। अगले इंटरल्यूड में वॉयलिन के साथ बाँसुरी आ जाती है। गीत के बोलों के साथ बजती मेंडोलिन के वादक हैं लक्ष्मीकांत शर्मा। तो आइए सुनिए इस गीत को और पहचानिए कि कौन सा वाद्य यंत्र कब बज रहा है?
इस गीत में आपको जोड़ी दिखेगी वामिका गब्बी और सिद्धार्थ गुप्ता की जिन्होंने पर्दे पर अपना अभिनय बखूबी किया है।
वार्षिक संगीतमाला 2023 में मेरी पसंद के पच्चीस गीत
- वो तेरे मेरे इश्क़ का
- तुम क्या मिले
- पल ये सुलझे सुलझे उलझें हैं क्यूँ
- कि देखो ना बादल..नहीं जी नहीं
- आ जा रे आ बरखा रे
- बोलो भी बोलो ना
- रुआँ रुआँ खिलने लगी है ज़मीं
- नौका डूबी रे
- मुक्ति दो मुक्ति दो माटी से माटी को
- कल रात आया मेरे घर एक चोर
- वे कमलेया
- उड़े उड़नखटोले नयनों के तेरे
- पहले भी मैं तुमसे मिला हूँ
- कुछ देर के लिए रह जाओ ना
- आधा तेरा इश्क़ आधा मेरा..सतरंगा
- बाबूजी भोले भाले
- तू है तो मुझे और क्या चाहिए
- कैसी कहानी ज़िंदगी?
- तेरे वास्ते फ़लक से मैं चाँद लाऊँगा
- ओ माही ओ माही
- ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते
- मैं परवाना तेरा नाम बताना
- चल उड़ चल सुगना गउवाँ के ओर
- दिल झूम झूम जाए
- कि रब्बा जाणदा
8 टिप्पणियाँ:
जुबली के गीतों के लिए अमित त्रिवेदी जी की जितनी तारीफ की जाए कम है हर गाने में उनका संगीत कमाल का है वो उस सुनहरे दौर की याद दिलाता है जब फिल्मों में संगीत की एक बड़ी भूमिका होती थी
इस गीत को मैं इस वार्षिक संगीतमाला के पहले पायदान पर मान रही थी संगीत के साथ-साथ इस गाने के बोल भी बहुत प्यारे हैं सुनिधि चौहान की आवाज तो हमेशा से ही बेमिसाल रही है लेकिन पापोन ने जिस तरह से इस गाने को गाया है वो काबिले तारीफ है आपकी हेमंत दा वाली बात से बिल्कुल सहमत हूं मैं।
@Swati हालांकि मैंने अभी पायदानों का खुलासा नहीं किया है पर ये जरूर है कि शायद ये गीत सरताज का सेहरा न बांध पाएं। मुझे पक्का यकीन है कि चोटी का गीत आपका भी पसंदीदा होगा। उसके बारे में लिखने से पहले मैं आप सबसे इन गीतों में आपकी पसंद के बारे में भी पूछूंगा। उसके लिए तैयार रहें🙂।
अमित त्रिवेदी ने पूरा एल्बम बेहद शानदार बनाया है पर इस गीत की संगीत रचना मुझे बेहद प्रिय है। बाकी कौसर मुनीर ने भी पूरे एल्बम में अमित का बखूबी साथ दिया है।
पचास-साठ के दशक के अंदाज़ में संगीत तैयार करने में अमित त्रिवेदी आज के दौर के सर्वश्रेष्ठ संगीतकार लगते हैं!☺️
Manish पीरियड फिल्मों में लुटेरा और जुबली में अगर अमित बेहद सफल रहे हैं तो Bombay Velvet में उनकी मेहनत श्रोताओं को बिल्कुल रास नहीं आई।
मेरे लिए अमित त्रिवेदी एक ऐसे संगीतकार हैं जो किसी एक सांचे में फिट नहीं होते। 2008 में आमिर के गीत ने मेरी गीतमाला और दिल को जीता था। उसके बाद काई पो चे, वेक अप सिड, उड़ान, फितूर, उड़ता पंजाब, इशकजादे, पैडमैन, मिशन मंगल आदि बिल्कुल अलग अलग जॉनर की फिल्मों में भी उन्होंने कमाल किया है। जुबली की सफलता इसलिए भी बड़ी दिखाई देती है क्यूंकि यहां उन्हें करीब तीन फिल्मों के बराबर समय मिल पाया पुराने गीतों को अपने रंग में ढालने का। ये सीरीज उनके करीब डेढ़ दो दशकों के करियर में मील का पत्थर साबित होगी।🙂
Manish Kumar सर, कला भी अमित त्रिवेदी के खाते में एक उल्लेखनीय नाम है। पिछले साल की सर्वश्रेष्ठ अल्बम्स में से एक, इसके हर गीत मुझे बेहद प्रिय हैं!😊👌
Manish हां बेहतरीन गीत रहे उसके। काफी लोकप्रिय भी हुए।
Amit Trivedi ji ko Qala ke gaano ke liye bhi yaad rakha jana chahiye.. apne qala par koi post likhi ho to please link share kijiyega
Swati Gupta देखिए कला का नाम लिखना छूट गया था। पिछले साल संगीतमाला की नहीं थी इसलिए उसके गीतों पर लिख नहीं पाया। कोशिश करूंगा उसके शानदार गीतों को कवर करना।
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