वार्षिक संगीतमाला की 24 वीं पायदान पर गाना वो जिसे संगीतबद्ध किया सागनिक कोले ने और गाया हंसिका पारीक ने। ये गीत किसी फिल्म से नहीं बल्कि स्वतंत्र संगीत की उपज है जो आजकल इंटरनेट की सर्वसुलभता की वज़ह से तेजी से अपनी जड़ें जमा रहा है। इस गीत का शीर्षक है रतियाँ।
रतियाँ एक प्यारा सा गीत है जिसमें चाँद तारों के माध्यम से नायिका बड़ी शिद्दत से अपने प्रेमी को याद कर रही है। बांग्ला और हिंदी दोनों भाषाओं में लिखने वाले गीतकार सोहम मजूमदार के बोल सहज हैं पर दिल को छूते हैं। इतना तो तय है कि जिन लोगों ने तन्हाई के पलों में छत पर लेटे लेटे चांद सितारों से दीप्तमान आकाश को घंटों निहारते हुए अपने प्रिय को याद किया होगा उन्हें ये गीत जरूर अच्छा लगेगा।
वैसे चाँद तारे तो फ़िल्मी गीतों के अभिन्न अंग रहे हैं। कितने ही सदाबहार गीत इन बिंबों को ले के लिखे गए हैं। चाँद फिर निकला मगर तुम न आए, वो चाँद हंसा वो तारे खिले ये रात अजब मतवाली है, ऐ चाँद खूबसूरत, ऐ आसमान के तारे तुम मेरे संग ज़मीन पर थोड़ी तो रात गुजारो, तू मेरा चाँद मैं तेरी चांदनी, चाँद तारे तोड़ के लाऊँ बस इतना सा ख्वाब है , मतलब जितना सोचिये उतने गीत निकलते जाएंगे। सोहम भी इसी सिलसिले को एक और रूप देते हुए लिखते हैं...
चंदा के आने से रात में वो बात बनी
माना कि इश्क़ मेरा जैसा कोई हो सितारा
भाए ना रे उसे निंदिया, जागे सारी सारी रतियाँ
तारों भरी कारी अँखियाँ, जागे सारी सारी रतियाँ
दूर ही सही हम दोनों, पर हैं नहीं पराए
तारों भरी कारी अँखियाँ, जागे सारी सारी रतियाँ
5 टिप्पणियाँ:
Wow song ❤️👍
जानकर खुशी हुई कि आपको भी पसंद आया ये गीत।
हंसिका की गायकी श्रेया घोषाल की याद दिलाती है!😊
हां कुछ कुछ पर उनकी आवाज़ में एक अलग सी मुलायमियत है जो सुनने में बड़ी भली लगती है।
Very well written… Thank You ♥️
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