मंगलवार, मार्च 09, 2021

वार्षिक संगीतमाला 2020 : गीत #5 - तुम ना हुए मेरे तो क्या... मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा रहा Main Tumhara Raha

क्या आपके ख्याल में ऐसा कोई गाना आता है जिसको पूरा करने के लिए फिल्म की कहानी ट्विस्ट और टर्न लेती हो। किसी गीत को कहानी के प्लॉट में इतनी तवोज्जह मिली फिल्म दिल बेचारा  के गीत मैं तुम्हारा में जो बना है इस साल की वार्षिक संगीतमाला की पाँचवी सीढ़ी का गीत। 

दरअसल फिल्म में नायिका एक ऐसे गीत को गुनगुनाती रहती है जिसे उसके  गीतकार ने आधा ही लिख कर छोड़ दिया। अपनी बीमारी से लड़ती नायिका के मन में ये प्रश्न हमेशा कौंधता है कि आख़िर लिखने वाले ने इतना प्यारा मुखड़ा बीच में ही क्यूँ छोड़ दिया? फिल्म की कहानी के अंत में नायक किस तरह इस गीत के लेखक से नायिका को मिलवाता है और गीत को पूरा करवाता है ये तो आपने फिल्म में देखा ही होगा। आखिर ऐसा क्या भाव था इस गीत के  मुखड़े में ?

ज़िदगी में हम कई लोगों से प्रेम करते हैं। उनमें कुछ के करीब हम जा पाते हैं तो कुछ दूर से ही हमारे आसमान में जुगनू की तरह चमकते रहते हैं। ये गीत उन जुगनुओं को ये विश्वास दिलाता है कि भले हम उन्हें अपनी हथेली में सजाकर सहला ना पाए हों पर उनकी चमक से हमारा हृदय हमेशा जगमग होता रहा है। गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य ने इन्हीं भावों को गीत के मुखड़े में चाँद से दूर चमकने वाले सितारो और समंदर की दूर जाती लहरों को अपलक ताकते किनारों जैसे खूबसूरत बिंबों से बाँधा है । 

संगीतकार रहमान को भी क्या पता था कि वो जिस सुरीली धुन को  रच रहे हैं वो फिल्म के नायक के जीवन की आख़िरी फिल्म का गीत बन कर रह जाएगा । सुशांत तो असमय चले गए पर जब जब वो याद किए जाएँगे ये गीत हमारे होठों पर होगा।


इस युगल गीत को अपनी आवाज़ें दी हृदय गट्टाणी और जोनिता गाँधी की जोड़ी ने। हृदय के पिता रहमान के संगीत कार्यक्रम के प्रबंधन से बरसों से जुड़े रहे। इसका फायदा ये भी हुआ कि उनके पुत्र को संगीत सीखने के लिए रहमान जैसे वट वृक्ष की छाया मिली़। हृदय को रहमान ने फिल्मों में पहले भी मौके दिए थे पर ये गीत उनके छोटे से कैरियर के लिए मील का पत्थर साबित होगी इसमें मुझे कोई संदेह नहीं है। जहाँ तक जोनिता की बात है तो वो पिछले सात आठ सालों से अपनी गायिकी का परचम लहरा रही हैं। इस गीत को वो अपने सबसे सुरीले गीतों में मानती हैं। गीत के शब्द इतने प्रभावी हैं कि हल्के फुल्के तार वाद्यों और बीच बीच में नवीन कुमार की बजाई खूबसूरत बाँसुरी के आलावा रहमान ने ज्यादा वाद्यों की जरूरत नहीं समझी।

तो आइए सुनते हैं दर्द की चाशनी में डूबा ये गीत जिसका मुखड़ा एक बार सुनते ही दिल में बस गया था।

तुम ना हुए मेरे तो क्या
हूँ.. तुम ना हुए मेरे तो क्या
मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा रहा
मेरे चंदा मैं तुम्हारा सितारा रहा

रिश्ता रहा बस रेत का
ऐ समंदर मैं तुम्हारा किनारा रहा
मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा रहा
तुम ना हुए मेरे तो क्या

तू ही पहली गुज़ारिश,हसरत भी तू आख़िरी
माही मेरे मसीहा,मर्ज़ी बता क्या तेरी
मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा रहा
मेरे चंदा मैं तुम्हारा सितारा रहा

मैं जाड़ों के महीने की तरह
और तुम हो पशमीने की तरह
मैं दीवारों की तरह हूँ
तुम जैसे हो दरीचा
मैं बगीचा जो जो तुम ने सींचा
तुम ना हुए.. किनारा रहा
मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा मैं तुम्हारा रहा


वार्षिक संगीतमाला 2020

4 टिप्‍पणियां:

  1. गीत तो सच मे दिल मे बस हुआ है लेकिन , मनीष आपने जिन शब्दों में इस गीत की भावनाओं को ज़ाहिर किया वो दिल को छू गया��

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    1. मन से कही बात ही मन को छू पाती है। शुक्रिया कविता!

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  2. जब-जब ये गीत बजेगा, सुशांत सिंह की याद आयेगी! दोनों गायकों ने भी बड़ी खूबसूरती से गाया है!

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  3. @Manish बिल्कुल.. सुशांत इस गाने को हमारी स्मृतियों में अमर कर के चले गए।

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