वार्षिक संगीतमाला की अगली सीढ़ी पर पिछले गीत की तरह ही एक बार फिर हल्का फुल्का गीत है जो कि पिछले साल खूब पसंद किया गया। फिल्म है ज़रा हटके ज़रा बचके और गाना तो आप समझ ही गए होंगे "तेरे वास्ते फ़लक से मैं चाँद लाऊँगा..."।
हिंदी फिल्मों में तो चाँद सितारों को तोड़ के लाने की बातें पहले भी हुई हैं। शाहरुख खाँ पर फिल्माया एक गाना चाँद तारे तोड़ लाऊँ बस इतना सा ख़्वाब है.... तो आपको याद ही होगा। पर जब प्रेम का ही प्रदर्शन करना है तो इतनी तोड़ फोड़ क्यूँ करनी? इसीलिए गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य ने इस बार जुमला बदला और लिखा ..तेरे वास्ते फ़लक से मैं चाँद लाउँगा, सोलह सत्रह सितारे संग बाँध लाउँगा🙂
तेरे वास्ते फ़लक से मैं चाँद लाउँगा
सोलह सत्रह सितारे संग बाँध लाउँगा
चाँद तारों से कहो, अभी ठहरें ज़रा
चाँद तारों से कहो कि अभी ठहरें ज़रा
पहले इश्क़ लड़ा लूँ उसके बाद लाउँगा
हम हैं ज़रा हट के, जनाब-ए-आली
रहना ज़रा बच के....
पहले इश्क़ लड़ा लूँ उसके बाद लाउँगा
हम हैं ज़रा हट के, जनाब-ए-आली
रहना ज़रा बच के....
पर इस गीत की खासियत ये नहीं कि वादा क्या किया जा रहा है। खासियत ये है कि वादे से किस खूबसूरती से पलटा जा रहा है। अमिताभ आगे लिखते हैं
देखा जाए तो वैसे, अपने तो सारे पैसे
रह के ज़मीन पे ही वसूल हैं
चेहरा है तेरा चंदा, नैना तेरे सितारे
अंबर तक जाना ही फ़िज़ूल है
अंबर तक जाना ही फ़िज़ूल है
इसके बाद भी अगर तुझे चैन ना मिले
पूरी करके मैं तेरी ये मुराद आउँगा
तेरे वास्ते फ़लक से मैं चाँद लाउँगा
सोलह सत्रह सितारे संग बाँध लाउँगा
पूरी करके मैं तेरी ये मुराद आउँगा
तेरे वास्ते फ़लक से मैं चाँद लाउँगा
सोलह सत्रह सितारे संग बाँध लाउँगा
अगर ये काबिलियत आप में आ गयी तो प्रेम से लेकर राजनीति सारे समीकरण अपके पक्ष में ही बैठेंगे। सचिन जिगर ने ताल वाद्यों और गिटार के साथ एक फड़कती सी धुन बनाई है जिस पर आप नायक नायिका की तरह आसानी से ठुमके लगा सकते हैं।
पहली बार जब मैंने इस गीत को सुना तो लगा कि ये गाना भी अरिजीत ने गाया होगा पर बाद में पता चला कि गवैया तो कोई और है। दरअसल इस गीत को गाया है युवा गायक वरूण जैन ने। अरिजीत की गायिकी का उन पर स्पष्ट प्रभाव है। मैंने जब उनके गाए पिछले गानों को खँगाला तो पाया कि उन्होंने इससे पहले अरिजीत के गीतों के कई कवर वर्जन गाए हैं।
वैसे इसके दो साल पहले उन्हें फिल्म हम दो हमारे दो में रेखा भारद्वाज जैसी हुनरमंद गायिका के साथ गाने का मौका मिल चुका है। पर तेरे वास्ते ने उनकी गायिकी को गुमनामी के अंधेरों से निकाल कर सबके सामने ला दिया है।
इस गीत की सफलता के बाद वरुण ने कहा है कि लोगों की अपेक्षाएँ उनसे और बढ़ गयी हैं और अपने संगीत के प्रति वे पहले से ज्यादा जिम्मेदार हो गए हैं। आशा है वो आगे भी अपनी आवाज़ से श्रोताओं का दिल जीतते रहेंगे।
देखने से लगते तो नहीं पर 34 वर्षीय वरुण की आवाज़ में एक ताज़गी है। अपने म्यूजिक वीडियोज़ वे बिल्कुल सादा लिबास में बढ़ी हुई दाढ़ी के साथ गिटार लिए मिलेंगे।
गीत के कोरस में वरूण का बखूबी साथ दिया है जिगर सरैया और फरीदी बंधुओं ने। तो आइए सुनते हैं ये मज़ेदार गीत
वार्षिक संगीतमाला 2023 में मेरी पसंद के पच्चीस गीत
- वो तेरे मेरे इश्क़ का
- तुम क्या मिले
- पल ये सुलझे सुलझे उलझें हैं क्यूँ
- कि देखो ना बादल..नहीं जी नहीं
- आ जा रे आ बरखा रे
- बोलो भी बोलो ना
- रुआँ रुआँ खिलने लगी है ज़मीं
- नौका डूबी रे
- मुक्ति दो मुक्ति दो माटी से माटी को
- कल रात आया मेरे घर एक चोर
- वे कमलेया
- उड़े उड़नखटोले नयनों के तेरे
- पहले भी मैं तुमसे मिला हूँ
- कुछ देर के लिए रह जाओ ना
- आधा तेरा इश्क़ आधा मेरा..सतरंगा
- बाबूजी भोले भाले
- तू है तो मुझे और क्या चाहिए
- कैसी कहानी ज़िंदगी?
- तेरे वास्ते फ़लक से मैं चाँद लाऊँगा
- ओ माही ओ माही
- ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते
- मैं परवाना तेरा नाम बताना
- चल उड़ चल सुगना गउवाँ के ओर
- दिल झूम झूम जाए
- कि रब्बा जाणदा
वाह ✨
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंइस गीत को इतनी सरलता से बिना स्ट्रेस लिये गाया गया है वो क़ाबिले तारीफ़ है गाने के बोल में एकदम नयापन है कवि की कल्पना को वादे पर खरा उतरते दिखता है
जवाब देंहटाएंअमिताभ के बोलों में हर बार कुछ नयापन होता है इसीलिए इतने सालों से उनके लिखे गीत इतने लोकप्रिय हैं।
हटाएंपिछले साल खूब रील्स दिखे हैं इस गीत के!☺️👌
जवाब देंहटाएंआशा है तुमने भी इससे प्रेरित होकर कुछ वादे किए होंगे😁
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