वार्षिक संगीतमाला की ये समापन कड़ी है 2023 के संगीत सितारों के नाम। पिछले साल रिलीज़ हुई फिल्मों के बेहतरीन गीतों से तो मैंने आपका परिचय पिछले कुछ महीनों में तो कराया ही पर गीत लिखने से लेकर संगीत रचने तक और गाने से लेकर बजाने तक हर विधा में किस किस ने उल्लेखनीय काम किया यही चिन्हित करने का प्रयास है मेरी ये पोस्ट। तो आइए मिलते हैं एक शाम मेरे नाम के इन संगीत सितारों से।
साल के बेहतरीन एलबम
- रॉकी और रानी की लव स्टोरी : प्रीतम
- जुबली वेब सीरीज : अमित त्रिवेदी
- PS -2 : ए आर रहमान
- Animal : कई संगीतकार
साल का सर्वश्रेष्ठ एलबम : जुबली वेब सीरीज : अमित त्रिवेदी
साल के कुछ खूबसूरत बोलों से सजे सँवरे गीत
- गुलज़ार : रुआं रुआं खिलने लगी है ज़मीं
- कौसर मुनीर : वो तेरे मेरे इश्क़ का ...
- मनोज यादव : पल ये सुलझे
- डा. सागर : हेराइल बा
- इरशाद कामिल : बरखा ..
- स्वानंद किरकिरे : बोलो ना , नौका डूबी
साल के सर्वश्रेष्ठ बोल : वो तेरे मेरे इश्क़ का ...कौसर मुनीर
साल के बेहतरीन गीत
- वो तेरे मेरे इश्क़ का
- तुम क्या मिले
- पल ये सुलझे सुलझे उलझें हैं क्यूँ
- कि देखो ना बादल..नहीं जी नहीं
- आ जा रे आ बरखा रे
- बोलो भी बोलो ना
- रुआँ रुआँ खिलने लगी है ज़मीं
- नौका डूबी रे
- मुक्ति दो मुक्ति दो माटी से माटी को
- कल रात आया मेरे घर एक चोर
- वे कमलेया
- उड़े उड़नखटोले नयनों के तेरे
- पहले भी मैं तुमसे मिला हूँ
- कुछ देर के लिए रह जाओ ना
- आधा तेरा इश्क़ आधा मेरा..सतरंगा
- बाबूजी भोले भाले
- तू है तो मुझे और क्या चाहिए
- कैसी कहानी ज़िंदगी?
- तेरे वास्ते फ़लक से मैं चाँद लाऊँगा
- ओ माही ओ माही
- ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते
- मैं परवाना तेरा नाम बताना
- चल उड़ चल सुगना गउवाँ के ओर
- दिल झूम झूम जाए
- कि रब्बा जाणदा
- श्रेया घोषाल : बोलो भी बोलो ना
- सुनिधि चौहान : वो तेरे मेरे इश्क़ का
- रेखा भारद्वाज : पल ये सुलझे सुलझे उलझें हैं क्यूँ
- पूजा शर्मा : मुक्ति दो मुक्ति दो माटी से माटी को
साल की बेहतरीन गायिका : वो तेरे मेरे इश्क़ का ...सुनिधि चौहान
- अरिजीत सिंह : आधा तेरा इश्क़ आधा मेरा, ,
- अरिजीत सिंह : मैं परवाना तेरा नाम बताना
- विशाल मिश्रा : पहले भी मैं तुमसे मिला हूँ
- अरिजीत सिंह : मैं परवाना तेरा नाम बताना
- अरिजीत सिंह : : तुम क्या मिले
- अरिजीत सिंह : वे कमलेया
साल के बेहतरीन गायक : अरिजीत सिंह
संगीत के कुछ बेहतरीन टुकड़े
- प्रील्यूड तुम क्या मिले प्रीतम
- प्रील्यूड इंटरल्यूड नहीं जी नहीं अमित त्रिवेदी
- प्रथम इंटरल्यूड इसराज पल ये सुलझे सुहित अभ्यंकर
- इंटरल्यूड बरखा गिटार आदित्य शंकर बाँसुरी निर्मल्य डे, अरिजीत सिंह
- प्रील्यूड अनूप शातम पियानो मैं हँसता रहा
- प्रील्यूड इंटल्यूश वॉयलिन रूआँ रूआँ ए आर रहमान
- जो बनाने चले तो बिगड़ क्यूँ गया...आँख खोली ही थी आँसू गड़ क्यूँ गया ? मनोज यादव
- मैं थी पन्ना तुम कहानी, एक माँगी ज़िंदगानी एक छींटा लिपटा ऐसे, शब्द भींगे नम है किस्से मनोज यादव
- वो आसमां छलांग के जो, छत पे यूँ गले से लगे, वो रात कोई और ही थी…वो चाँद कोई और ही था...इक निगाह पे जल गए…इक निगाह पे बुझ गए ..वो आग कोई और ही थी…चराग कोई और ही था कौसर मुनीर
- बे-इरादा रास्तों की बन गए हो मंज़िलें मुश्किलें हल हैं तुम्हीं से या तुम्हीं हो मुश्किलें? अमिताभ भट्टाचार्य
- आजा रे, आ, बरखा रे, मीठे तू कर दिन खारे, झोंका हवा का पुकारे, ग़म को बहा ले जा रे इरशाद कामिल
- मैं समंदर, परिंदा है ये इश्क रे..मन मातम और जिंदा है ये इश्क़ रे सिद्धार्थ गरिमा
- आधा तेरा इश्क़, आधा मेरा .. ऐसे हो पूरा चंद्रमा..हो तारा तेरा इक तारा मेरा, बाकी अँधेरा आसमां सिद्धार्थ गरिमा
- भीड़ में ऐसे छिंटा गईनी ऐसे ..बोरा से सरसों छिंटाइल बा..चल उड़ चल सुगना गउवाँ के ओर जहाँ माटी में सोना हेराइल बा डा. सागर
- तू रात में ही उलझा था मैं बन गई सहर तू साँसें माँगता था और मैं पी गयी ज़हर स्वानंद किरकिरे
- मंद मंद, नीम बंद, नैनों से कहीं ओ, आके बांके तूने कहीं झाँका तो नहीं गुलज़ार