लीजिए कितनी देर से इंतजार कर रहे थे कि वे आएँ जल्द ही आ जाएँ, आखिर क्यों नहीं आ रहे ?.. कहीं भटक तो नहीं गए...और जब सचमुच आ गए तो ये सुनिए...मैं ना कहती थी वो जरूर आएँगे..प्यार का ये भी तो एक रूप है ना ।
साजन के आने का इस्तकबाल करता २३ वी पायदान का ये गीत प्रेम के मनोभावों से ओतप्रोत है । इसे अपनी मीठी आवाज से संवारा है श्रेया घोषाल और सोनू निगम की युगल जोड़ी ने । इसके बोल लिखे और धुन बनाई आनंद राज आनंद ने ।
सजन घर आना था
सजन घर आए तुम
पिया मन भाना था
पिया मन भाए तुम
हर खुशी है अब तुम्हारी
मुझे दे दो गम, जानेमन.. जानेमन..
जिंदगी में आये तुम चाहतों के रस्ते
काश ये रस्ते सनम कट जाए हँसते-हँसते
सोने दिलदारा तेरे प्यार तो मैं वारियां
मेरिया दुआवां तैनू लग जाण सारियां
चाँद हो तुम ,चाँदनी से भीगा जाए मन
जानेमन..जानेमन...
गीत के पूरे बोल आप यहाँ देख सकते हैं ।
साल्ज़बर्ग : मोत्ज़ार्ट की भूमि पर जब गूँजी बारिश की सरगम Scenic Lake
District of Salzburg
-
जाड़ों की भली धूप का आनंद पिछले दो हफ्तों से उठा रहे थे कि अचानक उत्तर भारत
की बर्फबारी के बाद खिसकते खिसकते बादलों का झुंड यहाँ आ ही गया। धूप तो गई
ही, ठं...
5 वर्ष पहले
3 टिप्पणियाँ:
बढ़ियां रहा तीसरा भाग भी कुल २५ में से. :)
मनीष,
आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें. आपके लेख पढना हमेशा से एक सुखद अनुभव रहा है.
समीर जी और अनुराग शुक्रिया !
एक टिप्पणी भेजें