लीजिए कितनी देर से इंतजार कर रहे थे कि वे आएँ जल्द ही आ जाएँ, आखिर क्यों नहीं आ रहे ?.. कहीं भटक तो नहीं गए...और जब सचमुच आ गए तो ये सुनिए...मैं ना कहती थी वो जरूर आएँगे..प्यार का ये भी तो एक रूप है ना ।
साजन के आने का इस्तकबाल करता २३ वी पायदान का ये गीत प्रेम के मनोभावों से ओतप्रोत है । इसे अपनी मीठी आवाज से संवारा है श्रेया घोषाल और सोनू निगम की युगल जोड़ी ने । इसके बोल लिखे और धुन बनाई आनंद राज आनंद ने ।
सजन घर आना था
सजन घर आए तुम
पिया मन भाना था
पिया मन भाए तुम
हर खुशी है अब तुम्हारी
मुझे दे दो गम, जानेमन.. जानेमन..
जिंदगी में आये तुम चाहतों के रस्ते
काश ये रस्ते सनम कट जाए हँसते-हँसते
सोने दिलदारा तेरे प्यार तो मैं वारियां
मेरिया दुआवां तैनू लग जाण सारियां
चाँद हो तुम ,चाँदनी से भीगा जाए मन
जानेमन..जानेमन...
गीत के पूरे बोल आप यहाँ देख सकते हैं ।
कुन्नूर : धुंध से उठती धुन
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आज से करीब दो सौ साल पहले कुन्नूर में इंसानों की कोई बस्ती नहीं थी। अंग्रेज
सेना के कुछ अधिकारी वहां 1834 के करीब पहुंचे। चंद कोठियां भी बनी, वहां तक
पहु...
6 माह पहले
3 टिप्पणियाँ:
बढ़ियां रहा तीसरा भाग भी कुल २५ में से. :)
मनीष,
आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें. आपके लेख पढना हमेशा से एक सुखद अनुभव रहा है.
समीर जी और अनुराग शुक्रिया !
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