तो दोस्तों पिछले महिने में आखिरी की १५ सीढ़ियाँ चढ़कर हम आ पहुँचे हैं पायदान संख्या १० पर । इस सीढ़ी पर गीत वो जिसके बारे में पहले भी इस चिट्ठे पर यहाँ लिख चुका हूँ गीत के बोल के साथ । दुख की बात ये कि ये इस गीतमाला का दूसरा ऍसा गीत है जिसकी धुन चुराने का इलजाम संगीतकार प्रीतम के सिर है । अंतरजाल पर खोज करने से पता चला कि इसकी धुन पाकिस्तानी गायक वारिस बेग के गीत 'कल शब देखा मैंने...' से ली गई है । बेग साहब का गीत यहाँ उपलब्ध है। वैसे जब मैंने आरिजिनल गीत सुना तो प्रीतम का प्रस्तुतिकरण काफी बेहतर लगा। बस उन्हें खुद इस गीत के कॉपीराइट खरीदने चाहिए थे ।
खैर चोरी की ही सही, पर मुझे इस धुन से खासा लगाव है । और फिर अभिजीत की आवाज में ये गीत सुनकर जी हल्का सा हो जाता है और बरबस ही गीत को गुनगुनाने लगता हूँ। नीलेश मिश्र ने गीत को एक काव्यात्मक जामा पहनाने की कोशिश की है ।
गैंगस्टर के इस गीत को आप यहाँ भी सुन सकते हैं ।
अब चूंकि अंतिम दस का सिलसिला शुरु हो चुका है तो ये भी जानते चलें कि पिछले साल इस सीढ़ी पर कौन सा नग्मा पदस्थापित था ?
पिछले साल इस पायदान पर थे रब्बी शेरगिल बुल्ला कि जाणा मैं कौन ? के साथ !
कुन्नूर : धुंध से उठती धुन
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आज से करीब दो सौ साल पहले कुन्नूर में इंसानों की कोई बस्ती नहीं थी। अंग्रेज
सेना के कुछ अधिकारी वहां 1834 के करीब पहुंचे। चंद कोठियां भी बनी, वहां तक
पहु...
6 माह पहले
3 टिप्पणियाँ:
Song on February first is very nice. How can I download that song? I love to here nice songs every day.
Your song as I can remember " Pukara ka chali gaye" is also very nice. I love this blog. I am not Indian, But I can understand Hindi. If you can set your blog in English or with English meanings. Most people will love this blog. Thanks for the song.
बढ़ियां है. यह धुन चोरी का मामला आज मालूम चला. :)
Mahesha nice to know that u liked the songs.
समीर जी गीत आपको अच्छा लगा जानकर खुशी हुई ।
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