पिछले दो महिनों से 'सा रे गा मा पा' के प्रथम पाँच प्रतिभागियों ने अच्छे संगीत के माध्यम से मुझे जो खुशी दी है, उसे बयाँ करना मेरे लिए मुश्किल है। आज की मेरी ये प्रविष्टि 'सा रे गा मा पा' के इन प्रर्तिभागियों को समर्पित है जिनकी गायिकी से मैं बेहद प्रभावित हुआ हूँ। तो शुरुवात सा रे गा मा पा के इन तीन महारथियों से जिनके बीच की खिताबी जंगका निर्णायक फ़ैसला १३ अक्टूबर को होना है....

आइए देखें इस राजस्थानी लोकगीत को राजा ने क्या कमाल निभाया है...

अब हाल ही में उनके गाए ओम शांति ओम के इस गीत पर नज़र डालें। उनकी अदायगी से दीपिका पादुकोण तक मुग्ध हो गईं। आप भी आनंद लें।

मुझे इन तीनों युवा प्रतिभाओं से बेहद प्यार है। इनमें से कोई जीते वो कोई खास मायने नहीं रखता। मैं तो बस यही चाहता हूँ की संगीत के क्षेत्र में ये तीनों युवा अपनी काबिलियत के बल पर वो मुकाम बना पाएँ जिनके वो वास्तविक हकदार हैं।
अगली पोस्ट में बात करूंगा अपनी पसंद की तीन अन्य प्रतिभागियों की जिनकी आवाज़ की खूबसूरती का पूरा भारत आनंद पिछले कुछ महिनों में आनंद उठाता रहा है।
8 टिप्पणियाँ:
सही लिखा मनीष भाई।
गायकों की जो गुणवत्ता मुझे सारेगामापा में दिखती है, वो इस तरह के किसी कार्यक्रम मे नजर नही आती..चाहे वो इंडियन आइडल हो या वाइस आफ इंडिया।
बात तो सही कही आपने, और अब तो सब धुरंदर ही बचे हैं, अमानत की गज़ल वाली आवाज़ के क्या कहने और राजा के expression क़ाबिल-ए-तारीफ है। महिला पुरुष दोनो का मुखौटा लगा कर गाये गये किशोर कुमार के गीत ने मुझे बहुत प्रभावित किया था। लेकिन इन तीनो में ही मुझे अनिक धर सबसे अच्छे लगते हैं और इन तीनो से ही अच्छी लगती थी पूनम यादव...इसलिये आगे की बातें आपकी अगली पोस्ट में।
चकाचौंध सारेगामापा में ज्यादा है और स्टार वॉइस के गायक मुझे ज्यादा लायक लगे. गाते ये तीनो भी खुब है.
नितिन भाई आपसे इस बारे में विचार मिलते जुलते हैं। सा रे गा मा के प्रतिभागी प्रतिभा में अन्य कार्यक्रमों की तुलना में कहीं आगे हैं।
संजय भाई आपकी राय से मैं सहमत नहीं हूँ। स्टार का कार्यक्रम भी साथ साथ आता है और मैं उसे भी देखता हूँ। वहाँ तो तोशी और जबलपुर से आए गायक जो पहले जनता द्वारा बाहर कर दिए गए थे मुझे अच्छे लगते हैं पर बाकी लड़कियाँ और लड़के सा रे गा मा के प्रतिभागियों के शुरु के पाँच प्रतिभागियों की तुलना में मेरी राय में कहीं नहीं ठहरते।
कंचन पूनम यादव मुझसे सबसी अच्छी तो नहीं पर इन तीनों से किसी हालत में कम भी नहीं लगती। मजा और आता जब पहले ५ के बाद सीधा फाइनल हो जाता।
एकदम सही.
अब तो लगता है कि तीनों को ही जीता घोषित कर दें. :)
एक से एक बेहतरीन हैं तीनों.
आभार इनके बारे में जारकारी प्रेषित करने का.
Waah!!! bahut khub....humein to ye dekhne nahi milta lekin aapki ye jaankaari dekhne se kam nahi :)
Shukriya!
BTW you have been tagged...check out my post!
Cheers
वाकई, हिन्दी पार्श्व संगीत का भविष्य इन होनहार गायकों के कारण अत्यंत उज्ज्वल है।
संगीत, खेल, फिल्म आदि में तो इतनी जबरदस्त प्रतिभाएं सामने आ रही हैं। काश, राजनीति और प्रशासन के क्षेत्र में भी ऐसा हो पाता तो देश के भविष्य के बारे में जनता के मन में ऐसी ही आशा और उमंग का संचार हो पाता।
समीर भाई सही कहा आपने !
डॉन टैग देखा मैंने अपने बारे में अपनों से ज्यादा दूसरों की राय महत्त्वपूर्ण होती है। अपने बारे में तो बातें करते ही रहते हैं और कितनी बार करें?
सृजन जी नमस्कार ! कैसे हैं भाई, आजकल टिप्पणियों में जुटे हैं क्या। हाँ हाँ लगता है घर परिवार में मन खूब रमा हुआ है सो ब्लागिंग के लिए वक्त ही नहीं निकलता :)
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