शुक्रवार, जनवरी 04, 2008

वार्षिक संगीतमाला २००७ : पायदान २५- बस दीवानगी दीवानगी है...

जैसा कि आपसे वादा था, केरल के १३ दिन के प्रवास के बाद पुनः हाजिर हूँ वार्षिक संगीतमाला २००७ में पिछले साल के अपने चुनिंदा २५ गीतों को लेकर। विगत तीन वर्षौं से मेरी ये कोशिश रही है कि आज के इस धूम धड़ाकेदार संगीत के दौर में जो कुछ सुरीला और अर्थपूर्ण हो रहा उसे आप तक पहुंचा सकूँ। कई बार कह ही चुका हूँ कि रेडिओ सीलोन की सिबाका गीतमाला से मेरा जुड़ाव बचपन से रहा है। इसलिए इस श्रृंखला में भी मैं आपको २५ गीतों की सीढ़ियाँ चढ़वाता हुआ, अपनी पहली पायदान पर ले जाउँगा बहुत कुछ अमीन चाचा के अंदाज़ में। इस संगीतमाला में वर्ष २००७ में जिन फिल्मों के म्यूजिक रिलीज हुए हैं उन्हें लिया गया है। इसी वज़ह से गुरु सरीखी फिल्मों के गीतों का समावेश नहीं है क्योंकि उनकी म्यूजिक रिलीज २००६ में ही हो गई थी।

जैसा हमेशा से होता आया है नए साल का आग़ाज मस्ती भरे कुछ ऍसे गीतों से जिन्होंने आम जनमानस को थिरकने पर मज़बूर किया अच्छे संगीत के बल पर। तो बहनों और भाईयों 'एक शाम मेरे नाम' की वार्षिक संगीतमाला २००७ की २५ वीं पायदान पर गाना वो जिसे गाया राहुल सक्सेना, शान, उदित नारायण, श्रेया घोषाल और सुनिधि चौहान ने, लिखा जावेद अख्तर ने पर ये अभिनीत किया गया मुंबई मायानगरी के ३१ जगमगाते सितारों द्वारा। वैसे तो फराह खान चाहती थीं कि ये गीत आमिर, सैफ, शाहरुख और संजय दत्त मिलकर गाएँ। पर आमिर , तारे जमीं पर की शूटिंग पर इस कदर व्यस्त रहे कि समय नहीं निकाल पाए। लिहाजा गीत को उनके बगैर ही शूट करना पड़ा। अमिताभ , अभिषेक की शादी में वयस्त रहे। अब बाकी स्टार को फराह ने इस गीत में कैसे नचाया वो तो आप इस वीडिओ में देख सकते हैं पर जब धर्मेंद्र पा जी की बारी आई तो फराह ने अपने घुटने टेक दिए और उनसे कहा कि आप जो कर सकते हैं कर दीजिए।


पूरी फिल्म में इस गीत का मैंने सबसे ज्यादा आनंद लिया और उसका पूरा श्रेय विशाल-शेखर के मधुर संगीत और फराह की कोरियोग्राफी को देना चाहिए। तो आप भी सुनिए, तब तक मैं कल फिर हाज़िर होता हूँ २४ वीं पायदान के गीत के साथ
Related Posts with Thumbnails

10 टिप्पणियाँ:

Yunus Khan on जनवरी 04, 2008 ने कहा…

मनीष हम इसी दिन का तो इंतजार कर रहे थे अब पच्‍चीस दिन की मौज है । वैसे सच कहें तो इस गाने में सबसे अच्‍छा धरमिंदर ही नाचे हैं । अहा अहा अहा

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` on जनवरी 04, 2008 ने कहा…

As Farrah the Ace choreographer said, " Its a BLAST " ~~~
आजकल तो सभी लोग अमरीकी अंदाज़ में तारीफ कर रहे हैं - इसलिए, यही कह दे "Awsome Song" .....Great post Manish bhai ! ......now we await your next
selections.
regards,
L

Sneha Shrivastava on जनवरी 05, 2008 ने कहा…

Pehli baar aapka blog padha aur kafi achcha lega :)

Poonam Misra on जनवरी 05, 2008 ने कहा…

नए साल की शुभकामनायें मनीषजी और 2007 की संगीतमाला का स्वागत .इंतज़ार बाक़ी गीतों का

mamta on जनवरी 05, 2008 ने कहा…

संगीत माला की शुरुआत तो जोरदार गाने से की है।

बाक़ी के चौबीस गानों का इंतजार रहेगा।

नया साल मुबारक हो।

Anita kumar on जनवरी 05, 2008 ने कहा…

अंतरजाल की दुनिया के अमीन सयानी को ह्मारा अभिवादन और नव वर्ष की शुभकामनाएं। आप की अगली पादानों का इंतजार रहेगा

बेनामी ने कहा…

Any comment on wrongful portrayal of legand Manoj Kumar

** See youtube !!

Manish Kumar on जनवरी 06, 2008 ने कहा…

यूनुस, लावण्या जी, ममता जी, अनीता जी, स्नेहा, पूनम जी गीतमाला के प्रारंभ से बने रहने का शुक्रिया। मौज मस्ती वाली ये शुरुआत धीरे धीरे मेलोडी और धीर गंभीर गीतों की ओर बढ़ेगी ये आप देखेंगे जैसे जैसे ये सिलसिला ऊपर की पायदानों की ओर बढ़ेगा...

सिबल जी मैं तो सिर्फ संगीत की बात कर रहे हैं। ओम शांति ओम मुझे बतौर फिल्म निहायत बकवास लगी। मनोज कुमार जी की शिकायत ज़ायज थी, खैर अब तो सुलह हो गई है।

Urvashi on जनवरी 07, 2008 ने कहा…

I didn't like this song too much when I first heard it. But dheere dheere, it grew on me. The video was awesome!! :D

Manish Kumar on जनवरी 09, 2008 ने कहा…

same here PR..When I first heard this song i was not impressed but while watching the music & fun element touched my heart.

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie