अगर ये गीत मुझे इतना पसंद है तो इसका सबसे ज्यादा श्रेय जाता है शंकर अहसान लॉय के अद्भुत संगीत को। जैसे ही घड़े की थाप से गीत का मुखड़ा शुरु आता है आप इस गीत से बँध जाते हैं। भारतीय वाद्य यंत्रों का पश्चिमी वाद्य यंत्रों के साथ ये तिकड़ी जितनी खूबसूरती से सम्मिश्रण करती है, उसकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है। बाँसुरी के साथ गिटार की बंदिश हो या बीच में राहत का सम्मोहित कर देने वाला आलाप.. पूरे संगीत संयोजन को दाद देने को जी चाहता है।
और फिर गुलज़ार तो हैं ही अपनी चिरपरिचित शैली में। पर ये बता दूँ कि मेरे प्रिय गीतकार गुलज़ार का इस संगीतमाला में आने वाला आखिरी गीत है। ये पहली बार हुआ है कि गुलज़ार का लिखा कोई भी गीत मेरे प्रथम दस में नहीं है। मेरी समझ से इस साल गुलज़ार की सबसे बेहतरीन रचना दस कहानियों के लिए लिखी उनकी नज़्में थीं जिन्हें फिल्म में शामिल नहीं किया गया। खैर उम्मीद है कि गुलज़ार इस साल ओंकारा या साथिया के अपने बेहतरीन गीतों जैसा कुछ दिल को छू जाने वाला लिखेंगे ।
धागे तोड़ लाओ चाँदनी से नूर के
घूँघट ही बना लो रोशनी से नूर के
शाम आ गई तो, आगोश में लो
हो साँसों में उलझी रहे मेरी साँसें
बोल ना हलके हलके... बोल ना हलके हलके...
होठ से हलके हलके..बोल ना हलके हलके
आ नींद का सौदा करें, इक ख्वाब दें, इक ख्वाब लें
इक ख्वाब तो आँखों में है, इक चाँद के तकिए तले
कितने दिनों से ये आसमां भी
सोया नहीं है इसको सुला दें
बोल ना हलके हलके...
बोल ना हलके हलके...
मा पा नी धा गा मा रे सा गा मा रे पा नि स ध ग मा ग प
उम्र लगी कहते हुए दो लफ्ज़ थे इक बात थी
वो इक दिन सौ साल का, सौ साल की वो रात थी
कैसा लगे जो, चुपचाप दोनों..
हो पल पल में पूरी सदियाँ बिता दें
बोल ना हलके हलके...
बोल ना हलके हलके...
होठ से हलके हलके..बोल ना हलके हलके
तो आइए सुनें झूम बराबर झूम से लिए गए इस गीत को
इस संगीतमाला के पिछले गीत
- पायदान १२ - हम तो ऐसे हैं भैया.. गीत - स्वानंद किरकिरे संगीत- शान्तनु मोइत्रा चलचित्र - लागा चुनरी में दाग
- पायदान १३ - ना है ये पाना, ना खोना ही है गीत - इरशाद कामिल संगीत- प्रीतम चलचित्र - जब वी मेट
- पायदान १४ - चंदा रे चंदा रे धीरे से मुसका.. गीत - स्वानंद किरकिरे संगीत- शान्तनु मोइत्रा चलचित्र - एकलव्य दि रॉयल गार्ड
- पायदान १५ - जब भी सिगरेट जलती है.. गीत - गुलज़ार संगीत - विशाल भारद्वाज चलचित्र - नो स्मोकिंग'
- पायदान १६ - रोज़ाना जिये रोज़ाना मरें.. गीत - मुन्ना धीमन संगीत - विशाल भारद्वाज चलचित्र - निशब्द
- पायदान १७ - बम बम बोले..... गीत - प्रसून जोशी संगीत - शंकर-अहसान-लॉए चलचित्र - तारे जमीं पर
- पायदान १८ - हलके हलके रंग छलके ..... गीत - जावेद अख्तर संगीत - विशाल-शेखर चलचित्र - हनीमून ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड
- पायदान १९ - लमहा ये जाएगा कहाँ..... गीत - प्रशांत पांडे संगीत - अग्नि चलचित्र - दिल दोस्ती ईटीसी
- पायदान २० - जिंदगी ने जिंदगी भर गम दिए... गीत - सईद क़ादरी संगीत - मिथुन चलचित्र - दि ट्रेन
- पायदान २१ - आँखों में तेरी अज़ब सी ... गीत - जावेद अख्तर संगीत - विशाल शेखर चलचित्र - ओम शांति ओम
- पायदान २२- तो फिर आओ.. मुझको सताओ गीत - सईद कादरी संगीत - प्रीतम चलचित्र - आवारापन
- पायदान २३- कसक उठी मेरे मन में पिया गीत-आनंद राज 'आनंद' संगीत-आनंद राज 'आनंद' चलचित्र छोड़ो ना यार
- पायदान २४ : झूम बराबर झूम... गीत-गुलज़ार संगीत-शंकर-अहसान-लॉए चलचित्र झूम बराबर झूम
- पायदान २५ : बस दीवानगी दीवानगी है.... गीत जावेद अख्तर संगीत विशाल- शेखर चलचित्र - ओम शांति ओम
5 टिप्पणियाँ:
मनीष भाई,
इस साल का मेरा पसंदीदा गीत है यह।
मनीष भाई
बहुत बढिया,,लगे रहिये. मेरा टिप्पणी न कर पाना न पढने से मत जोड़ियेगा..देख अरहा हूँ निरन्तर. आप से बात करने की चाह है कृप्या फोन नम्बर ईमेल करें. :)
जगदीश जी जानकर खुशी हुई
समीर भाई आपका ये कमेन्ट देर से देखा. शीघ्र ही मेल करूँगा।
Manish mein sehamat hoon tumse ke Gulzar ji ke iss geet per.
Cheers
I like this song a lot! Jhoom barabar Jhoom bahut hi bekaar film thi, par iske songs bahut achhe hai. :)
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