उर्दू शायरी से मेरा लगाव कॉलेज के जमाने से रहा है और उसकी एक बड़ी वज़ह वो फ़नकार थे जिनकी ग़ज़लें सुन सुन के हम उर्दू शायरी की बारीकियों को समझ सके। कॉलेज के बाद ये सिलसिला तब तक छूटा रहा जब तलक इंटरनेट के उर्दू शायरी मंचों से रूबरू नहीं हुए थे। मंचों पर एक दूसरे की पसंद को पढ़ना और अशआरों के बारे में चर्चा करना बहुत सुखद और ज्ञानवर्धक अनुभव रहा। फिर जब से ये चिट्ठा अस्तित्व में आया तो इसके माध्यम से अपनी पसंद की गज़लों और नज़्मों और शायरों के बारे में लिख कर आप तक पहुँचाता रहा हूँ।
अगले हफ्ते मेरा हिंदी चिट्ठा 'एक शाम मेरे नाम' अंतरजाल पर अपना छठा साल पूरा कर रहा है तो मुझे लगा कि इस चिट्ठे पर पेश की गई ग़ज़लों और नज्मो की फेरहिस्त को वर्णमाला के क्रम के अनुसार सूचीबद्ध किया जाए ताकि पाठकों को अपनी पसंद को ढूंढने में और मुझे भी ये याद रखने में कि कोई चीज दोबारा तो नहीं जा रही, सहूलियत हो । तक आप इस ब्लॉग के ऊपर बने ग़ज़लें और नज़्में के टैब पर क्लिक कर सीधे पहुँच सकते हैं। इन गज़लों और नज्मों की लिंक पर क्लिक करने पर आप उस पोस्ट तक पहुँचेगे जहाँ इनके बारे में लिखा गया है। जिस पोस्ट के साथ आडियो है वहाँ शायर के नाम के साथ साथ गायक गायिका का नाम भी लिखा गया है। साथ ही इस पृष्ठ पर उन सभी लेखों की कड़ियाँ भी होंगीं जो शेर -ओ- शायरी से जुड़े हैं। आशा करता हूँ कि मेरा ये प्रयास आपके लिए उपयोगी होगा।
कलम के सिपाही
- अदम गोंडवी (1947-2011) : एक जनकवि की दुखद विदाई !
- अहमद फ़राज़ जिसकी कलम थी अमानत आम लोगों की
- अहमद फ़राज़ :कैसे शुरु हुआ इस महान शायर की शायरी का सफ़र ?
- उबैद्दुलाह अलीम
- क़तील शिफ़ाई भाग:१, भाग: २, भाग: ३, भाग : 4, भाग : 5
- कुँवर मोहिंदर सिंह बेदी 'सहर'
- मज़ाज लखनवी भाग:१, भाग: २
- फैज़ अहमद फ़ैज भाग:१, भाग: २, भाग: ३
- परवीन शाकिर भाग:१, भाग: २
- मुन्नवर राना
- सुदर्शन फ़ाकिर
ग़ज़ल गायिकी के बादशाह स्व. जगजीत सिंह
- क्या उनके जाने के बाद ग़जलों का दौर वापस आएगा ?
- क्या रहा जगजीत की गाई ग़ज़लों में 'ज़िंदगी' का फलसफ़ा ?
- कुछ यादें उनके एलबम Love is Blind से..
- जगजीत सिंह : वो याद आए जनाब बरसों में...
- Visions (विज़न्स) भाग I: एक कमी थी ताज महल में, हमने तेरी तस्वीर लगा दी!
- Visions (विज़न्स) भाग II :कौन आया रास्ते आईनेखाने हो गए?
- Forget Me Not (फॉरगेट मी नॉट) : जगजीत और जनाब कुँवर महेंद्र सिंह बेदी 'सहर' की शायरी
- जगजीत का आरंभिक दौर, The Unforgettables (दि अनफॉरगेटेबल्स) और अमीर मीनाई की वो यादगार ग़ज़ल ...
- जगजीत सिंह की दस यादगार नज़्में भाग 1
- जगजीत सिंह की दस यादगार नज़्में भाग 2
- अस्सी के दशक के आरंभिक एलबम्स..बातें Ecstasies , A Sound Affair, A Milestone और The Latest की
- अक़्स-ए-खुशबू हूँ बिखरने से ना रोके कोई ..... परवीन शाकिर
- अज़ब पागल सी लड़की है... आतिफ सईद
- अज़ब पागल सी लड़की थी... आतिफ सईद
- अजीब तर्ज-ए-मुलाकात अब के बार रही....... परवीन शाकिर
- अपने होठों पर सजाना चाहता हूँ...क़तील शिफ़ाई, गायक जगजीत सिंह
- अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए ..गोपाल दास नीरज
- आए कुछ अब्र कुछ शराब आए फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़', गायिका : रूना लैला
- आए हैं समझाने लोग...कुँवर महेंद्र सिंह बेदी 'सहर', गायक जगजीत सिंह
- आगाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता.. मीना कुमारी
- आज के दौर में ऐ दोस्त ये मंज़र क्यूँ है...सुदर्शन फ़ाकिर
- आदमी बुलबुला है पानी का...गुलज़ार
- आप आए जनाब बरसों में..रुस्तम सहगल 'वफ़ा',गायक जगजीत सिंह
- आपकी याद आती रही रात भर...फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़'
- आती जाती हर मोहब्बत है चलो यूँ ही सही..निदा फ़ाज़ली, गायक :चंदन दास
- अशआर मेरे यूँ तो ज़माने के लिये हैं...जां निसार अख्तर
- इतना मालूम है, ख्वाबों का भरम टूट गया...परवीन शाकिर
- इतनी मुद्दत बाद मिले हो....मोहसीन नक़वी, गायक : दिलराज कौर/गुलाम अली
- ऐ गम-ए-दिल क्या करूँ, ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ ? ... मज़ाज लखनवी गायक : जगजीत सिंह
- ऐ नौजवान बज़ा कि जवानी का दौर है कुँवर महेंद्र सिंह बेदी 'सहर'
- ऐ हुस्न ए लालाफ़ाम ज़रा आँख तो मिला गायक : गुलाम अली
- ऐसी न शब बरात, न बकरीद की खुशी.....नज़ीर अकबराबादी
- कोई ये कैसे बताए, कि वो तनहा क्यों है..कैफ़ी आज़मी, गायक जगजीत सिंह
- कौन आया रास्ते आईनेखाने हो गए?.. बशीर बद्र, गायक जगजीत सिंह
- क्या बतायें कि जां गई कैसे ? ...गुलज़ार गायक जगजीत सिंह
- कहाँ थे रात को हमसे ज़रा निगाह मिले... दाग़ देहलवी , गायिका पीनाज़ मसानी
- किसी रंजिश को हवा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी...सुदर्शन फ़ाकिर गायिका : चित्रा सिंह
- कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी.... परवीन शाकिर
- खेलने के वास्ते अब दिल किसी का चाहिए ...मुराद लखनवी, गायक :चंदन दास
- ख़ुमार-ए-गम है महकती फिज़ा में जीते हैं...गुलज़ार, गायक : जगजीत सिंह
- 'गर मुझे इसका यकीं हो , मेरे हमदम मेरे दोस्त' ...फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़' गायिका: टीना सानी
- गरचे सौ बार ग़म- ए -हिज्र से जां गुज़री है..सैफुद्दीन सैफ़ गायिका : रूना लैला
- गुज़रे दिनों की याद बरसती घटा लगे.. .क़तील शिफ़ाई की आवाज़ में
- चन्द रोज और मेरी जान ! फकत चन्द ही रोज !...फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़'
- चराग़-ओ-आफ़ताब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी...सुदर्शन फ़ाकिर, गायक : जगजीत सिंह
- चल मेरे साथ ही चल ऐ मेरी जान-ए-ग़ज़ल....हसरत जयपुरी, गायक अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन
- चाँद के तमन्नाई..इब्ने इंशा
- जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ... सैफुद्दिन सैफ़
- जब मेरी हक़ीकत जा जा कर उनको जो सुनाई लोगों ने....इब्राहिम अश्क़, गायक : चंदन दास
- जरा सी बात पे हर रस्म तोड़ आया था.. जां निसार अख्तर, गायक : मुकेश
- झूम के जब रिंदों ने पिला दी,कैफ़ भोपाली गायक : जगजीत सिंह
- टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली ..मीना कुमारी
- तमाम फिक्र जमाने की टाल देता है....इंदिरा वर्मा, गायिका : शोमा बनर्जी
- तेरे उतारे हुए दिन टँगे हैं लॉन में अब तक ..गुलज़ार स्वर नाना पाटेकर
- तेरे खुशबू मे बसे ख़त मैं जलाता कैसे...राजेंद्रनाथ रहबर, गायक : जगजीत सिंह
- तेरी आँखों से ही खुलते हें सवेरों के उफक...गुलज़ार
- तेरी ख़ुशबू का पता करती है,मुझ पे एहसान हवा करती है.... परवीन शाकिर
- तुम्हारे शहर का मौसम बडा सुहाना लगे...क़ैसर-उल-जाफ़री, गायक : अनूप जलोटा
- तुम ना मानो मगर हक़ीकत है..क़ाबिल अजमेरी, गायक : पंकज उधास
- दर्द रुसवा ना था ज़माने में.... इब्ने इंशा
- दश्ते- तनहाई में ऐ जाने- जहाँ लर्जां हैं...फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़', गायिका: इकबाल बानो
- देख लो ख्व़ाब मगर ख्व़ाब का चर्चा न करो..कफ़ील आज़र
- दिखाई दिए यूँ कि बेखुद किया.......मीर तकी 'मीर' , गायिका: लता मंगेशकर
- दिल की हालत को कोई क्या जाने, या तो हम जाने या ख़ुदा जाने... नूर देवासी, गायिका : रूना लैला
- दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हों अहमद फ़राज़
- दुख फ़साना नहीं के तुझसे कहें..अहमद फ़राज़
- दोस्तों ! अब मंच पर सुविधा नहीं है...दुष्यन्त कुमार
- प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं... .क़तील शिफ़ाई
- परेशाँ रात सारी है सितारों तुम तो सो जाओ...क़तील शिफ़ाई, गायक - जगजीत सिंह
- पूरे का पूरा आकाश घुमा कर बाजी देखी मैंने...नज़्म गुलज़ार की आवाज़ में
- फूलों की तरह लब खोल कभी..गुलज़ार गायक जगजीत सिंह
- बना गुलाब तो काँटे चुभा गया इक शख़्स.... उबैद्दुलाह अलीम, गायिका :रूना लैला
- बरसों के बाद देखा इक शख़्स दिलरुबा सा... अहमद फ़राज़
- बस एक लमहे का झगड़ा था....नज़्म गुलज़ार की आवाज़ में
- बरसों के बाद देखा इक शख़्स दिलरुबा सा..अहमद फ़राज़
- बहार आई तो जैसे इक बार.......फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़' गायिका: टीना सानी
- बहुत दिन हो, गए सच्ची, तेरी आवाज़ की बौछार में भीगा नहीं हूँ मैं नज़्म गुलज़ार की आवाज़ में
- बहुत दिनों की बात है शबाब पर बहार थी..., सलाम 'मछलीशेहरी', गायक : जगजीत सिंह
- बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी.. कफ़ील आज़र गायक : जगजीत सिंह
- बादबाँ खुलने से पहले का इशारा देखना...परवीन शाकिर गायिका : ताहिरा सैयद
- बारिश हुई तो फूलों के तन चाक हो गये .... परवीन शाकिर
- बोल कि लब आजाद हैं तेरे, बोल, जबां अब तक तेरी है...फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़' गायिका: टीना सानी
- भले दिनों की बात है, भली सी एक शक्ल थी.....अहमद फ़राज
- मैं भूल जाऊँ तुम्हें अब यही मुनासिब है..जावेद अख्तर... गायक जगजीत सिंह
- मुकद्दर खुश्क पत्तों का, है शाखों से जुदा रहना...... मखमूर सईदी
- मुझे अपने ज़ब्त पे नाज था.....इकबाल अज़ीम, गायिका नैयरा नूर
- मुझसे पहली सी मोहब्बत मेरी महबूब ना माँग फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़' गायिका: नूरजहाँ
- मेरे महबूब, मेरे दोस्त नहीं ये भी नहीं..शौकत
- मैं हूँ तेरा खयाल है और चाँद रात है... वाशी शाह
- मेरे महबूब, मेरे दोस्त नहीं ये भी नहीं..शौकत जयपुरी गायक मुकेश
- मोहब्बत अब रुह -ए-ख़मदार भी है..कुँवर मोहिंदर सिंह बेदी 'सहर'
- ये आलम शौक़ का देखा न जाये...अहमद फ़राज गायक गुलाम अली
- ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते...फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़'
- ये ज़िन्दगी..तुम्हारी आवाज़ में ग़ले से निकल रही है..निदा फ़ाज़ली, गायक जगजीत सिंह
- ये दाग दाग उजाला, ये शबगज़ीदा सहर ..फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़', नसीरुद्दीन शाह की आवाज़ में
- ये सारा जिस्म झुक कर बोझ से दुहरा हुआ होगा.....दुष्यन्त कुमार
- ये शीशे ये सपने ये रिश्ते ये धागे...सुदर्शन फ़ाकिर
- यूँ उनकी बज्म-ए-खामोशियों ने काम किया....सईद राही, गायिका:पीनाज़ मसानी
- यूँ सजा चाँद कि छलका तेरे अंदाज का रंग... गायिका आशा भोंसले
- रात जो तूने दीप बुझाए.... सलीम गिलानी, गायिका आशा भोंसले
- रात भर बुझते हुए रिश्ते को तापा हमने.. गुलज़ार की नज़्म 'अलाव'
- रात यूँ दिल में खोई हुई याद आई....फ़ैज अहमद फ़ैज गायिका : नैयरा नूर
- रुक गया आँख से बहता हुआ दरिया कैसे ..कृष्ण बिहारी नूर, गायक : अभिजीत सावंत
- रोज़ सपने देख, लेकिन इस क़दर प्यारे न देख..दुष्यन्त कुमार
- रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमाम... हसरत मोहानी, गायक : जगजीत सिंह और फरीदा खानम
- वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया, अब उसका हाल बताएँ क्या...अथर नफ़ीस गायिका: फरीदा खानम
- वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी..सुदर्शन फ़ाक़िर, गायक : जगजीत सिंह
- वो लोग बहुत खुशकिस्मत थे,जो इश्क को काम समझते थे ...फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़'
- शहर के दुकानदारों ...तुम ना जान पाओगे...जावेद अख्तर, गायक : नुसरत फतेह अली खाँ
- शायद मैं ज़िन्दगी की सहर ले के आ गया...सुदर्शन फ़ाकिर, गायक जगजीत सिंह
- शीशों का मसीहा कोई नहीं,क्या आस लगाए बैठे हो .....फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़'
- शहतूत की शाख़ पे बैठी मीना बुनती है रेशम के धागे...गुलज़ार
- सच्ची बात कही थी मैंन..सबीर दत्त, गायक जगजीत सिंह
- सदमा तो है मुझे भी कि तुझसे जुदा हूँ मैं...क़तील शिफ़ाई, गायक जगजीत सिंह
- सब्ज़ मद्धम रोशनी में सुर्ख़ आँचल की धनक .... परवीन शाकिर
- साथ चलते आ रहे हैं पास आ सकते नहीं..बशीर बद्र
- सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है?..शहरयार, गायक सुरेश वाडकर
- सुंदर कोमल सपनों की बारात गुज़र गई जानाँ .... परवीन शाकिर
- सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं !....अहमद फ़राज़
- सुनो अच्छा नहीं लगता कि कोई दूसरा देखे
- सुनो जानाँ चले आओ तुम्हें मौसम बुलाते हैं.... आतिफ सईद
- समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने.. वाली असी, गायक जगजीत सिंह
- सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता..अमीर मीनाई, गायक जगजीत सिंह
- हम कि ठहरे अजनबी इतनी मदारातों के बाद....फ़ैज अहमद फ़ैज गायिका : नैयरा नूर
- हम देखेंगे, लाजिम है कि हम भी देखेंगे...फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़'
- हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद...राही मासूम रज़ा गायक: जगजीत सिंह
- हमने हसरतों के दाग आँसुओं से धो लिए गायक: गुलाम अली
- हमसे वो दूर दूर रहते हैं दिल में लेकिन जरूर रहते हैं गायिका: मुन्नी बेगम
- हमारी साँसों में आज तक वो हिना की ख़ुशबू महक रही है गायिका नूरजहाँ/महदी हसन
- हाथ दिया उसने मेरे हाथ में .क़तील शिफ़ाई की आवाज़ में
23 टिप्पणियाँ:
मनीष सही किया ये काम । हम भी अपने चिट्ठे पर ऐसा वर्गीकरण करने वाले हैं जब पांच दिन बाद एक साल पूरा करेंगे चिट्ठाकारी का ।
इस सूची के पृष्ट की स्थायी कड़ी आपके मुखपृष्ट पर हमेशा हो । आपके लोकप्रिय चिट्ठे के आगन्तुकों में निश्चित बढ़ोतरी होगी।
यह बड़ा ही उम्दा कार्य किया आपने. ऐसे ही अपने ट्रेवल लॉग की भी सूची बना दें.
सही कार्य किया आपने,यह क्रम अनबरत जारी रहे !
अच्छी ग़ज़लों को खोजने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी.
धन्यवाद.
भाई मान गये आपको,हमारे लिये कितनी मेहनत करते हैं,देखियेगा एक दिन मेहनत रंग लायेगी ये मैं दावे के साथ कह सकता हूँ,इन गुज़रे सालों मे आपको नहीं लगता कि आपने पहाड़ खड़ा कर दिया है हमारी पसन्द का,अब कुछ सुनना हो तो कितनी आसान बना दिया है वहाँ पहुँचने का रास्ता,बहुत बहुत शुक्रिया...
धन्यवाद मनीष - बहुत सही - इसको अलग से बुक मार्क कर लिया - फुरसत से खाएँगे - बाकी और अभी बुखार ठीक- कमजोरी गायब ?
नमस्ते
मनीष जी,
ये मात्र एक सयोंग है की नेट सर्फिंग के दौरान मुझे इतना उम्दा वेब पेज मिल गया,और मैं भी आप सबो के करीब आ सका.
राणु,रांची.
नमस्ते
मनीष जी,
ये मात्र एक सयोंग है की नेट सर्फिंग के दौरान मुझे इतना उम्दा वेब पेज मिल गया,और मैं भी आप सबो के करीब आ सका.
राणु,रांची.
नमस्ते
मनीष जी,
ये मात्र एक सयोंग है की नेट सर्फिंग के दौरान मुझे इतना उम्दा वेब पेज मिल गया,और मैं भी आप सबो के करीब आ सका.
राणु,रांची.
मजा आ गया, जिन नज़्मों को सुनने से वंचित रह गये उन्हें अब आसानी से सुन सकेंगे। आप इसका लिंक साईडबार में भी दे दीजिये।
बहुत बहुत धन्यवाद और बधाई।
मेरे इस प्रयास को सराहने का आप सब का शुक्रिया
समीर जी बाकी विषयों पर भी ये प्रयास ज़ारी है।
जोशिम जी तबियत पहले से काफी बेहतर है। कमज़ोरी अभी पूरी तरह गई नहीं।
कुमार आप राँची से है, जानकर खुशी हुई । आते रहें...
SARA KITNA EK SAATH ? DIL KHUSH HUA . SUNNE BAR BAR AATE RAHENGE IS ANJUMAN ME !
बहुत बधाईयाँ ! अब नए वर्ष में मुन्नी बेगम और और मेहंदी हसन की कुछ और गजलों की फरमाईश प्लीज नोट कर लें !
adab bhayya
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best regards from my side on your struggle to revive our former and
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allah hafiz
मनीष जी सबसे पहले आपको बहुत बहुत धन्यवाद इतने अच्छे अच्छे पोस्ट के लिए.
मेरा नाम रामा शंकर है और मै बिहार का रहने वाला हु. पर अभी मै बैंगलोर मे रह रहा हु. मै बचपन से ही ग़ज़ल का शौक रखता हु पर अब इस भाग दौर वाली जिन्दगी मे समय निकलना बहुत मुस्किल हो जाता है, पर जब से आपका ब्लॉग पढने लगा हु , यादे फिर से ताजा होने लगी है. आपके माध्यम से बहुत सारी ऐसे ग़ज़ल सुनने को मिला जो मेरे लिए बिल्कुल नया था
इन छः सालों में संगीत प्रेमियों के लिए यह अनमोल धरोहर -लाख वर्ष जियें आप !
बढ़िया संग्रह।
बहुत बधाई।
acha pryas kar rahen hain aanand aa raha hai Hum jan gai tumko tum jan gai mujhko parichai na hua to kya Ashok Mehra
मनीष जी शुक्रिया,
ग़ज़लें, नज्में, गीत तो सब सुने या पढ़े होते हैं लेकिन जब आप उसे अपने नज़रिए से सामने रखते हैं तो मज़ा कुछ गुना और बढ़ जाता है, गीत, ग़ज़लों, नज्मों व् शायरों/गीतकारों से जुडी छोटी-छोटी बातें हर पोस्ट को ख़ास बना देती है. ये आपका अंदाज़-ऐ-बयां ही है कि गुज़रे छ सालों में 'एक शाम मेरे नाम' का सफ़र बहुत पुख्ता और सहेजने योग्य रहा है. ये सिलसिला यूँ ही चलता रहे और खिलता रहे, यही दुआ करता हूँ. आमीन
Thanks for this mehfil-e-sher-o-sukhan:))
Nazar Na hoti to nazare na hote
Raat Na banti to sitare na hote
Kuchh to Rab ka karam hai hum par
Varna Itne achhe dost aap hamare na hote.
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