इन लमहों के दामन में
पाकीज़ा से रिश्ते हैं
कोई कलमा मोहब्बत का
दोहराते फरिश्ते हैं
ए. आर. रहमान द्वारा संगीत निर्देशित इस गीत के तीन स्पष्ट हिस्से हैं। एक में शहंशाह अकबर के दिल की इल्तिजा है तो दूसरे में महारानी जोधा की प्रेम की स्वीकारोक्ति। रहमान ने गीत के इन दोनों के बीच एक कोरस डाला है जो इन दो हस्तियों की इस प्रेम कथा में प्रजा के स्वर जैसा लगता है। पर मुखड़े के बाद का कोरस, गीत के पूरे मूड से थोड़ा लाउड लगता है।
इन लमहों के दामन में
पाकीज़ा से रिश्ते हैं
कोई कलमा मोहब्बत का
दोहराते फरिश्ते हैं
खामोश सी है ज़मीन हैरान सा फलक़ है
इक नूर ही नूर सा अब आसमान तलक है
नग्मे ही नग्मे हैं जागती सोती फिज़ाओं में
हुस्न है सारी अदाओं में
इश्क़ है जैसे हवाओं में
कैसा ये इश्क़ है
कैसा ये ख्वाब है
कैसे जज़्बात का उमड़ा सैलाब है
दिन बदले रातें बदलीं, बातें बदलीं
जीने के अंदाज़ ही बदले हैं
इन लमहों के दामन में .....
पर फिर मधुश्री की मीठी आवाज़ गीत को वापस उसी धरातल पर पहुँचा देती है जहाँ से ये शुरु हुआ था और मन में वही सुकून तारी हो जाता है जिसका अहसास गीत के प्रारंभ से होना शुरु हुआ था...
समय ने ये क्या किया
बदल दी है काया
तुम्हें मैने पा लिया
मुझे तुमने पाया
मिले देखो ऍसे हैं हम
कि दो सुर हो जैसे मद्धम
कोई ज्यादा ना कोई कम
किसी आग में.. कि प्रेम आग में
जलते दोनो ही थे
तन भी है मन भी
मन भी है तन भी
मेरे ख्वाबों के इस गुलिस्ताँ में
तुमसे ही तो बहार छाई है
फूलों में रंग मेरे थे लेकिन
इनमें खुशबू तुम्हीं से आई है
क्यूँ है ये आरज़ू
क्यूँ है ये जुस्तज़ू
क्यूँ दिल बेचैन है
क्यूँ दिल बेताब है
दिन बदले रातें बदलीं, बातें बदलीं
जीने के अंदाज़ ही बदले हैं
इन लमहों के दामन में ....
नग्मे ही नग्मे हैं जागती सोती फिज़ाओं में...
इश्क़ है जैसे हवाओं में
तो आइए सुनें और देखें जोधा अकबर का ये प्यारा सा नग्मा....
7 टिप्पणियाँ:
ye geet sunai nahi de raha... agar kuchh ho sake to.....!
हमारा पसंदीदा गाना है ये ।
सुंदर प्रस्तुति
बहुत उम्दा चयन.
बहुत खूब....कभी "मेट्रो" के गाने भी बिना पायदान के सुनवा दे...
शुक्रिया यूनुस और समीर जी !
कंचन मेरे यहाँ तो बज रहा है।
अनुराग मेट्रो के गीत मैं कब सुनवा पाऊँगा ये तो पता नहीं पर अगर आप सुनना चाहते हैं तो इस लिंक से सुन सकते हैं।
http://www.musicindiaonline.com/music/hindi_bollywood/s/movie_name.9071/producer.1725/
lovely song.sonu nigam ki awaj main mohammad rafiji ka khumar tapak raha hai
Nice song... Sonu Nigam is fabulous as usual! :)
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