ऐसा ही एक गीत था १९६६ में गीतकार शैलेंद्र द्वारा बनाई गई फिल्म तीसरी कसम का। साठ के दशक में बनी ये फिल्म रेणु की दिल छूती पटकथा, नायक नायिका के जबरदस्त अभिनय और अपने स्वर्णिम गीतों की वज़ह से मेरी सबसे प्रिय फिल्मों में एक रही है। यूँ तो तीसरी कसम के तमाम गीत अव्वल दर्जे के हैं पर उनमें से तीन मुझे खास तौर पर पसंद हैं।
आज जिस गीत को आप के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ उसे गाया था आशा भोसले ने...पता नहीं इस गीत के मुखड़े में क्या खास बात है कि बस उसे सुनते ही मन चुहल और मस्ती के मूड में आ जाता है। गीतकार शैलेंद्र ने ग्रामीण पृष्ठभूमि में बनी इस फिल्म के बोल भी नौटंकी के माहौल में ध्यान रख कर लिखे हैं।तो आइए सुनें संगीतकार जोड़ी शंकर जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध इस गीत को
हाए गज़ब कहीं तारा टूटा
लूटा रे लूटा मेरे सैयाँ ने लूटा
पहला तारा अटरिया पे टूटा
दाँतो तले मैंने दाबा अगूँठा
लूटा रे लूटा सावरियाँ ने लूटा
हाए गज़ब कहीं तारा टूटा ...
हाए गज़ब कहीं तारा टूटा
दूसरा तारा बजरिया में टूटा
देखा है सबने मेरा दामन छूटा
लूटा रे लूटा सिपहिया ने लूटा
हाए गज़ब कहीं तारा टूटा ....
तीसरा तारा फुलबगिया में टूटा
फूलों से पूछे कोई, है कौन झूठा
लूटा रे लूटा दरोगवा ने लूटा
उस ज़माने में ग्रामीण संस्कृति में मनोरंजन के एकमात्र माध्यम के रूप में नौटंकी का क्या योगदान था ये बात इस गीत को देख कर ही आप महसूस कर सकते हैं। नाचवाली के ठुमके कहीं फूलों की खुशबू से भींगे भावनात्मक प्रेम को जागृत कर रहे हैं तो कहीं रुपये के दंभ में डूबी हवस को।
तीसरी कसम के अपने अन्य पसंदीदा गीतों को आप तक पहुँचाने का क्रम आगे भी ज़ारी रहेगा..
8 टिप्पणियाँ:
बहुत पहले देखी थी यह फिल्म..आज फिर तरोताजा हो गया यह गीत यू ट्यूब पर देख. आभार.
सुन्दर पोस्ट। पुरानी याद ताजा हो गयी।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
वाह ये मोती कहाँ से ढूँढ लिया आभार्
इस फिल्म के गीतों में लोकगीतों का सुर सुनाई देता है, यही इ फिल्म के गानो की विशेषता हा....! सदाबहार गीत...!
इस गीत में लोकगीत की मिठास भरी हुई है। यही कारण है कि इसे बार-बार सुनने को जी करता है।
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फिल्म, इसके गीत और रेनू की वो कहानी जिस पर यह फिल्म बनी... सब कमाल के हैं !
maneesh jee agar meree pasand kaa geet suna saken to kripa hogee
tujh se naaraaj nahin ai zindagee
hairaan hoon mai tere khaamosh savaalon se pareshaan hoon mai
aabhaar
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