गुरुवार, जनवरी 21, 2010

वार्षिक संगीतमाला 2009 : पायदान संख्या 20 - जहाँ शंकर महादेवन और श्रेया साथ हैं मेलोडी के इस सफ़र में

कहते हैं प्यार की शुरुआत आँखों की देखा देखी से शुरु होती है। वो गीत याद है ना आपको नैन लड़ जहिएँ तो मनवा मा कसक होइबे करी....। अब इन आँखों पर शायरों ने एक से एक उम्दा शेर कहे हैं तो भला गीतकार कैसे पीछे रहें। हर साल किसी ना किसी की प्यारी आँखों का जिक्र फिल्मी गीतों में आ ही जाता है । अब 2006 की बात करें गुलज़ार साहब ने नैनों के बारे में ओंकारा में लिखे अपने गीत में बड़ा ही खूबसूरत जुमला रचा था...

नैणों की जुबाँ पे भरोसा नहीं आता, लिखत पढ़त ना रसीद ना खाता !
पिछले साल के गीतों ने भी ये परंपरा बनाए रखी है और उनमें से दो गीत इस संगीतमाला का हिस्सा बन पाए हैं। नैनों के बरसने की बात अगर की जाए तो एकदम से लता दी का गाया नैना बरसे.... याद आ जाता है। पर नवोदित गीतकार रजत अरोड़ा 20 वीं पॉयदान के इस गीत में नैनों के 'बरसने' की जगह उनके 'हँसने' की बात कर रहे हैं।

ये गीत है फिल्म चाँदनी चौक तो चाइना का जो ठीक एक साल पहले पिछली जनवरी में प्रदर्शित हुई थी। वैसे तो इस फिल्म के बाकी गीत कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए थे पर फिल्म का ये रोमांटिक नग्मा जरूर एक अलग तरह की खुशबू से सराबोर कर गया था।

यह गीत अगर इस संगीतमाला में अपना स्थान बना पाया है तो वह अपने बोलों की वजह से नहीं बल्कि अपनी बेहद प्यारी मेलोडी और खूबसूरत गायिकी के लिए। हल्की बीट्स से शुरु होते इस गीत में जैसे शंकर महादेवन गीत का मुखड़ा गुनगुनाते है मन इस गीत से बँध सा जाता है। शंकर की गायिकी के बारे में बाते करने के लिए तो आगे भी काफी मौके मिलेंगे। शंकर का इस गीत में साथ दिया है श्रेया घोषाल ने। श्रेया ने अपनी सामान्य शैली से हटकर गीत में रूमानियत का एक पुट देने की कोशिश की है।

शंकर एहसान लॉए द्वारा संगीतबद्ध इस गीत की लय आपके दिल में काफी सुकून पहुँचाएगी ऐसा मुझे यकीं है... तो सुन कर देखिए ये नग्मा और बताइए ये कैसा लगा आपको ?



तेरे नैना....हँस दिए
बस गए...मेरे दिल में, तेरे नैना....


मेरे दिल में जो अरमाँ हैं, पास आके ज़रा देखो न
दिल के तार में है सरगम ,छेड़े है अब कोई अनजाना


यह प्यार की है बातें, कुछ अनकही मुलाकातें
हो...ऐसे ही मिलते है, मिलके मचलते है दो दिल जवाँ


तेरे नैना.....नैना

हो...अब देखो मिल गए हो तो
फिर से ना कहीं खो जाना
आँखों में ही रहना
बाहों में तुम मेरी सो जाना


हो..मेरे पास तू जो आए
तो ख़ुदा मुझे मिल जाए
हो..होंठो को होंठो से मिलने दे
सिलने दे दूर न जा...


तेरे लिए...चारों ओर ढूँढा मैंने
मिल गई..जो तू मुझे
मिल गया
सारा जहाँ सारा यहाँ, अब चाहूँ मैं क्या

मेरे लिए..सपना था

यह प्यार तेरा
खोली आँखें
सामने था मेरे लिए
यार मेरा प्यार तेरा ,अब चाहूँ मैं क्या

हो..ऐसे न मुझको सदा दे
पास आ ना अब तू सजा दे
हो..सबसे चुरा लूँ मैं
जग से छुपा लूँ मैं
इतने पास आ..

मेरे दिल के जो ... अनजाना
यह प्यार ...... दिल जवाँ

तेरे नैना.....



नैनों की बातें इस संगीतमाला में आगे भी चलती रहेंगी आखिर..
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं
इन आँखों के वाबस्ता अफसाने हजारों हैं
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9 टिप्पणियाँ:

Himanshu Pandey on जनवरी 21, 2010 ने कहा…

सही कहा आपने । शुरुआत ने ही बाँध दिया शमा !
गीत सुनते हुए टिप्पणी कर रहा हूँ । अच्छा लग रहा है ।
आभार ।

राज भाटिय़ा on जनवरी 21, 2010 ने कहा…

गीत बहुत अच्छा लगा, लेख भी सुंदर लगा
धन्यवाद

Udan Tashtari on जनवरी 21, 2010 ने कहा…

बेहतरीन चयन...आनन्द आया!!

Shubhendu Dutta ने कहा…

great choice..

अपूर्व on जनवरी 23, 2010 ने कहा…

सही कहा आपने..इस अदरवाइज फ़ॉरगेटेबल फ़िल्म की एकमात्र सहेजने वाली चीज वह गीत लगा था..जो बस शंकर और श्रेया की मखमली आवाज का जादू था...

Manish Kumar on जनवरी 23, 2010 ने कहा…

गीत आप सबको पसंद आया जान कर प्रसन्नता हुई। वैसे इस साल आप की नज़र में कौन सबसे अच्छा गीतकार, संगीतकार और गायक है ये साइड बार के poll में हिस्सा ले कर जरूर अवगत कराइएगा।

गौतम राजऋषि on जनवरी 24, 2010 ने कहा…

अच्छा तो इस गीत का जिक्र कर रहे थे आप पिछली टिप्पणी में। मुझे भी पसंद था...है। इसी बहाने आखों की कहानी शायर की जुबानी का लिंक मिल गया...जा रहा हूं उधर ही।

Alapana on जनवरी 24, 2010 ने कहा…

I never heard this song until i saw it in a dance show.googled and got hooked to it. shreya's voice makes it so special. Beautiful rendering:)

Manish Kumar on जनवरी 30, 2010 ने कहा…

Nice to know Goutam & Neelima that u like it too.

 

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