तो बात दसवीं पॉयदान के गीत की जिसने पिछले साल के अंत में आकर कुछ ही समय में सबके दिल में घर कर लिया। मज़े की बात है कि संगीतकार प्रीतम ने इस गीत को तीन अलग अलग गायकों से गवाया। एक में कैलाश खेर थे तो दूसरे में सोहम चक्रवर्ती पर सबसे ज्यादा सुनने में आया आतिफ असलम वाला वर्सन। गीत तो आप पहचान ही गए होंगे इसलिए ये कहने की जरूरत अब नही पड़ेगी कि तू जाने ना...
सवाल ये है कि आतिफ असलम (जो हर साल बस एक या दो फिल्में करते हैं) के गीत भारत में इतने लोकप्रिय क्यूँ हो जाते हैं जबकि गायिकी के लिहाज़ से हमारे सारे वरिष्ठ गायक उनसे बीस ही हैं?
इसका उत्तर जानने के लिए किसी संगीतप्रेमी को ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल आतिफ़ असलम और कई अन्य पाकिस्तानी गायकों की लोकप्रियता की मुख्य वज़ह उनकी आवाज़ का यहाँ के गायकों की अपेक्षा 'अलग' तरह का होना है। इसी टोनल क्वालिटी के चलते उनकी आवाज़ का असर सुनने वाले पर शीघ्र होता है। वैसे क्या आपको पता है कि आतिफ़ असलम बचपन में एक गायक की जगह इमरान खाँ जैसा तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। वो किस्सा मैंने आपके साथ बाँटा था वार्षिक संगीतमाला 2006 के दौरान जब आतिफ़ पहली बार मेरी किसी संगीतमाला का हिस्सा बने थे।
बहरहाल अजब प्रेम की गजब कहानी की चौपट कहानी को अगर किसी ने सँभाला तो वो था इसका कर्णप्रिय संगीत। इस गीत में आतिफ़ असलम का असर तो अपनी जगह है ही पर गीत की शुरुआत का कोरस भी मन को मोहता है। वैसे इरशाद क़ामिल ने भी इस गीत के माध्यम से कुछ ऐसे प्रश्न उठाए है जो हर किशोर और युवा इंसान की ज़िंदगी में कभी ना कभी उमड़ते घुमड़ते हैं ही।
यानि वही चिर शाश्वत प्रश्न कि कोई अचानक ही इतना अच्छा हमें क्यूँ लगने लगता है? और जब वो लगने ही लगता है तो चाहकर भी हम अपनी बात को उस तक पहुँचाने में इतना असहाय सा क्यूँ महसूस करते हैं? और फिर मन ही मन उससे सवाल करते हें और फिर अपने ही मन से उधर का जवाब भी पा जाते हैं। कभी ये काल्पनिक जवाब होठों पर अनायास ही मुस्कुराहट ले आते हैं तो कभी ढेर सारा ग़म! और फिर अपनी मानसिक स्थिति को अपने तक सीमित रखकर हम ये भी कहने से नहीं चूकते कि तू जाने ना...।
तो आइए एक बार फिर सब मिल जुल कर गुनगुनाएँ इस बेहद रोमांटिक गीत को
कैसे बताएँ
क्यूँ तुझको चाहें
यारा बता न पाएँ
बातें दिलों की
देखो जो बाकी
आके तुझे समझाएँ
तू जाने ना ...तू जाने ना
मिल के भी, हम न मिले
तुमसे न जाने क्यूँ, मीलों के
हैं फासले तुमसे न जाने क्यूँ
अनजाने हैं सिलसिले
तुमसे न जाने क्यूँ, सपने हैं
पलकों तले तुमसे न जाने क्यूँ
कैसे बतायें
क्यूँ तुझको चाहें
यारा बता न पायें
बातें दिलों की
देखो जो बाकी
आके तुझे समझाएँ
तू जाने ना तू जाने ना
आ .......
निगाहों में देखो
मेरी जो है बस गया
वो है मिलता तुमसे हू-ब-हू
ओ हो ओ
जाने तेरी आँखें थी
या बातें थी वजह
हुए तुम जो दिल की आरज़ू
तुम पास हो के भी
तुम आस हो के भी
एहसास हो के भी
अपने नहीं, ऐसे हैं
हमको गिले
तुमसे न जाने क्यूँ, मीलों के
हैं फासले तुमसे न जाने क्यूँ ऊँ ऊँ ऊँ ...
तू जाने ना तू जाने ना....
ऊ ... जाने ना जाने ना जाने ना
हा आ आ... तू जाने ना
ख्यालों में लाखों बातें,
यूँ तो कह गया
बोला कुछ न तेरे सामने
ओ ओ ... हुए न बेगाने भी
तुम हो के और के
देखो तुम न मेरे ही बने
अफ़सोस होता है, दिल भी ये रोता है
सपने सँजोता है, पगला हुआ, सोचे ये
हम थे मिले तुमसे न जाने क्यूँ
मीलों के, हैं फासले तुमसे न जाने क्यूँ
अनजाने, हैं सिलसिले
तुमसे न जाने क्यूँ, सपने हैं
पलकों तले तुमसे न जाने क्यूँ
हो ओ ओ ओ ...
कैसे बतायें
क्यूँ तुझको चाहें
यारा बता न पाएँ
बातें दिलों की
देखो जो बाकी
आके तुझे समझायें
तू जाने ना तू जाने ना....
तो चलिए मंगलवार को आपसे फिर मिलेंगे इस गीतमाला के अगले गीत से जिसे शायद आपने पहले ना सुना हो। भला भुतहा फिल्मों के गीतों पर कोई ध्यान देता है क्या? :)
9 टिप्पणियाँ:
टॉप-टेन की गिनती शुरु हो चुकी है । इसे मैं थोड़ा और ऊपर समझ रहा था ! अब उत्सुकता बढ़ गयी है बाकी के गीतों के लिये ।
आभार ।
छठे से दसवें नंबर तक के गीत रेटिंग में बहुत मामूली सा अंतर है और जैसा मैंने कहा कि शुरु के दसों गीत मुझे बेहद प्रिय हैं।
बहुत ही सुंदर लगा आप का यह लेख ओर यह गीत, लेकिन आप के लिखने का तरीका बहुत प्यारा लगा.
धन्यवाद
ये तो मैं एकस्पेक्ट कर रहा था टॉप 10 में... बढ़िया चयन.
Dil ko chhu lene vala geet hai ye. iske sare hi antare achchhe lagte hain.Film nai aai thi to kai kai baar suna hai ye geet
मैं सोच ही रहा था कि इस गीत की एंट्री कब होगी...लगता है अब आगे की लिस्ट मेरे मनमुताबिक होने वाली है। आतिफ असलम साब तो हर दिल-अजीज हैं।
सचमुच बेमिसाल....
मुझे भी यह गीत बेहद कर्णप्रिय लगता है...
bahut khub,aapka chayan to jaise chaha hi gaya tha.....
geet to achcha hai hi fir geet par pravishti bhi behtreen hai aur aap to hain hi...
AABHAR
बहुत सुन्दर गीत! अन्य लोगों से लगभग दो साल बाद सुन रहा हूँ पहली बार। पसन्द आया, आभार।
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