लगभग दस दिन पहले यानि २६ मार्च को एक शाम मेरे नाम के हिंदी संस्करण ने अपने चार साल पूरे कर लिये। साथ ही पिछले हफ्ते ही इस चिट्ठे के दो लाख पेजलोड्स भी पूरे हो गए।
अगर आप स्टैटकांउटर द्वारा दिए गए आंकड़ों पर ध्यान देंगे तो पाएँगे कि प्रथम दो सालों तक ब्लॉग पर हिट्स मिलने का सिलसिला बड़ी मंथर गति से हुआ था पर उत्तरोत्तर ये बढ़ता गया।
पिछले साल औसतन महिनावार हिट्स (Average Monthly Hits) 6500 रहीं यानि पिछले साल प्रतिदिन औसतन दो सौ से ज्यादा हिट्स इस ब्लॉग को मिलती रहीं। इस आँकड़े को आप नीचे के चार्ट में देख सकते हैं।
अब तक इस चिट्ठे पर चार सौ दस (410) पोस्ट लिखी गई हैं यानि प्रति पोस्ट 490 की औसत से पढ़ी गई हैं। पिछले साल ये आँकड़ा 350 पेजलोड्स प्रति पोस्ट था। इस ब्लॉग के हिंदी और रोमन हिंदी संस्करणों की सब्सक्राइबर संख्या में भी इज़ाफा हुआ है और ये संख्या पिछले साल के 450 से बढ़कर 825 तक जा पहुँची है।
वहीं रोमन हिंदी ब्लॉग Ek Shaam Mere Naam पर हिट्स की संख्या लगभग पहले जैसी ही है।
अपने अनुभवों से इतना कह सकता हूँ कि जैसे जैसे आप अपने विषय वस्तु यानि कान्टेंट में विस्तार करते जाते हैं, कुल पाठकों की संख्या में तो वृद्धि होती है पर उसमें एग्रगेटर से आनेवाले पाठकों का हिस्सा कम होता जाता है। इसलिए सनसनी या बिना मतलब के पचड़ों में पड़ने के बजाए अपने मन की बात कहें और पूरी मेहनत के साथ कहें। इस बात का भी अंदाजा लगाएँ कि पाठकों को हमारे लेखन का कौन सा अंदाज़ ज्यादा भाता है। इससे आपको अपने मजबूत पक्ष और कमियों का अंदाज़ा मिलेगा। सच पूछिए तो खुद एक परिपक्व ब्लॉग लेखक को इस बात की सबसे ज्यादा समझ होती है कि उसके द्वारा परोसी सामग्री कितनी बेहतर या बेकार है।
पिछले एक साल में पाठकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 'एक शाम मेरे नाम' के स्वरूप में मैंने काफी बदलाव किए थे। ऊपर मेनू बार की जगह को गज़ल, मनभावन गीत, वार्षिक संगीतमाला, कविता, पुस्तक चर्चा, ब्लागिंग और अपनी बात के अलग अलग खंडों में बाँटना उसी का एक हिस्सा था। ग़जलों और मनभावन गीत मेन टैब क्लिक करने से आप सीधे उन पृष्ठों पर पहुँचते हैं जहाँ इस ब्लॉग पर पेश गीतों और ग़ज़लों की लिंकित सूची दी हुई है। हाँ, लाइफलॉगर के बंद हो जाने से पुराने पृष्ठों में कई जगह आडिओ फाइल गायब हो गई हैं। पिछले कुछ दिनों में मैंने ऐसी कई पोस्टों को दुरुस्त किया है, पर इस कार्य को पूर्ण होने में अभी और समय लगेगा। वेसे पाठकों से गुजारिश है कि जब भी ऐसी कोई पोस्ट सामने आए, उसकी तरफ मेरा ध्यान दिलाएँ।
हिंदी फिल्म संगीत से जुड़े अपने खास पसंदीदा कलाकार या शायर से जुड़े लेखों तक पहुँचने के लिए ग़जल और गीत के मुख्य मेनू बार में सब मेनू दिए गए हैं। मसलन अगर आप सिर्फ गुलज़ार से जुड़ी पोस्ट देखना चाहते हैं तो टैग क्लाउड में ढूँढने के बजाए सीधे मनभावन गीत -- गीतकार -- गुलज़ार पर क्लिक कर सकते हैं।
कभी कभी 'मुसाफ़िर हूँ यारों' और 'एक शाम मेरे नाम' पर एक साथ निरंतरता बनाए रखना मुश्किल हो जाता है पर फिर आपका स्नेह व साथ मुझे बीच बीच में होती थकान से उबारता है। ब्लागिंग के इस नए साल में मेरा ये प्रयास होगा कि कुछ अच्छा आपके सामने लिख और परोस सकूँ। एक बार फिर इस चिट्ठे को इस मुकाम तक पहुँचाने के लिए आप सभी जाने अनजाने पाठकों का हार्दिक आभार!
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6 माह पहले
25 टिप्पणियाँ:
वाह!
बधाई आपको आपके प्रयासों को
इस बात से पूर्णत: सहमति है कि जैसे जैसे विषय वस्तु में विस्तार होते जाता हैं, कुल पाठकों की संख्या में तो वृद्धि होती है पर उसमें एग्रीगेटरों से आनेवाले पाठकों का हिस्सा कम होता जाता है।
bahut sundar
http://kavyawani.blogspot.com/
shekhar kumawat
मामूली नहीं है आपकी उपलब्धि .. बहुत बहुत बधाई !!
bahut bahut badhai manish ji
प्रिय मनीष की सृजनात्मकता को सलाम । सप्रेम,अफ़लातून
बहुत बहुत बधाई हो आपको.
waah ji
aapko badhaii
aap ki mehanat ki tareef sabhi karte hain....!
mai hamesha logo se is baat ka zikra karti hun ki 4 saal se imandaar blogging karna aur kisi bhi prakar ke pachade se doo rahne ka aap ek achchha udaaharan hain
badhaai aap ko
बहुत बहुत बधाई....
बधाई!!!!!!!!! साथ ही बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाऎ...............
मुबारका मनीष भाई। चार साल चार चाकलेट।
शुभकामनायें !!!
'ek shaam mere naam' ki sabse khas baat iska sahaj aur saral hindi me likha jana hai.Kisi bhi pravishti ka apoorn na hona aur pathkon ki ray par jaroori sudhar evam badlawon ko lana bhi ek eham bindu hai is blog ki safalta ka.
mere liye aapka blog aur bhi important hai kyunki aap ek engineer hain.....????
bhavishya mangalam
badi upalabdhi... char saal tak blog chalaate rahnaa hi nahi balki aur logon ko bhi utsaahit karnaa aasaan nahi hai .... hamaari bahan ji aapke badaulat hi hame mili hain... aabhaar aapka manish bhaaee...
arsh
इन तथ्यों से मैं अनभिज्ञ थी,इसलिए मेरी प्रथम प्रतिक्रिया तो विस्फारित नेत्रों संग मुंह से निकली ...वाह रही...साथ ही आपकी निष्ठा प्रतिबद्धता ने अतिशय प्रभावित किया...
आपकी यात्रा ऐसे ही सुखद और निर्विघ्न गतिमान रहे,इस हेतु बहुत बहुत शुभकामनाएं...
पता नहीं मनीष .कुछ प्रोब्लम है ....अगर खुलते खुलते ब्लॉग में नीचे कमेन्ट तक आयो तभी ब्लॉग पूरा खुलता है .वर्ना जहाँ पेज रुका रहे वाही रुक जाता है .यही प्रोब्लम ओम जी ओर अर्श के साथ हो रही है .मोज़िला इस्तेमाल करता हूँ.....
हाँ ढेरो शुभकामनाये ......
hi manish
aapka blog wakai bahut shandar h. char sal pure hone per badhai
uma, daily news (rajasthan patika), jaipur
इस ब्लॉग की विषय-वस्तु के लिए क्या कहें, इसकी लोकप्रियता इसका बखान खुद ही कर रही है !
आपके रोमन स्क्रिप्ट के ब्लॉग का लिंक गलत लग गया है..खुल नहीं रहा ..सही कर दीजिए !
आपकी उपलाब्धियों के लिए बधाई !
वाह मनीष बधाई हो । तुम्हारी बातों से पूर्ण सहमति ।
मेरी तरफ से भी बधाई स्वीकारें।
दो लाख पेज लोड्स कम हैं एक शाम के लिए - और बहुत होंगे - गीत गाता चल ओ साथी - इंशाअल्लाह - will catch up on lost time
सस्नेह
मनीष
manish ji aapko bahut -bahut badhai. me iss avesar par phir se wahi baat kahna chahugi jo maine pichle baar bhi kahi thi.
"kabhi na kan bhar khali hoga, laakh piyen do laakh piyen!!
pathak gan hain peene wale meri madhushala"
shaam to nahin ek subha zarur aapke naam kar rahi hoon in do alfaz ke saath ;
shukria
BADHAI
Congratualtions! for going steady for the last four years and best wishes for many more to come.
Your was the first comment that i received on my blog.
Cheers!!
आप सब की बधाई और शुभकामनाओं का हार्दिक आभार ! आशा है आप सब का स्नेह आगे भी इस चिट्ठे को मिलता रहेगा।
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