साल का आखिरी दिन और मसला साल के सबसे ज्यादा थिरकने वाले गीतों को याद करने का। आज जश्न और मस्ती के माहौल को आप तक पहुँचाने के लिए लाया हूँ इस साल के छः लोकप्रिय गीत जो लोगों को ठुमका लगवाने पर मजबूर करते रहे।सच पूछिए तो झूमने- झुमाने के मामले में ये साल पिछले साल से फीका जरूर रहा है। पिछले साल प्रीतम के ट्विस्ट, चोरबाजारी और विशाल के ढैन टणान के आलावा पीयूष मिश्रा ने राजनीतिक मुज़रा पेश कर जिस तरह हमारा तन मन हिलाया था वो उन्माद इस साल के शुरुआत के गीत पैदा नहीं कर सके।
इस साल गीतों में मस्ती का दौर शुरु हुआ इब्नबतूता की वज़ह से जो अपनी कब्र से अचानक ही जूता चरमराते हुए निकले। इब्नबतूता के जूते की चुरचुराहट सर्वैश्वर दयाल सक्सेना के प्रशंसकों के दिल की किरकिरी बन गई। तरह तरह के आरोप लगे पर हमारे गुलज़ार साहब बड़े इत्मिनान से इब्न बतूता से फुर्र फुर्र चिड़िया उड़वाते रहे। तो आइए एक बार फिर से आनंद उठाइए इस चुरमुराते और फुरफुराते से गीत का...
इब्न बतूता तो जनवरी की आखिर में आकर निकल गए। इसके बाद की कमान सँभाली शंकर एहसान लॉए ने फिल्म 'कार्तिक कालिंग कार्तिक में। कुछ और विकल्प ना होने की वज़ह से लोग उनकी इस अदा पे कुछ दिन ही सही पर झूमने के लिए विवश हुए.
यानि साल का पहला उत्तरार्ध सूखा सूखा ही गया। जुलाई में आई फिल्म आई हेट लव स्टोरीज़। अब इस फिल्म को देखने से लोग प्रेम कथाओं से कितने विमुख हुए ये तो पता नहीं पर कुछ लोगों को तो सिनेमा हॉल में जाकर फिल्म देखने से विरक्ति जरूर हो गई। विशाल शेखर का संगीत जरूर युवाओं में खासा लोकप्रिय हुआ। खासकर फिल्म का ये शीर्षक गीत...
पर हिंदी फिल्म संगीत में इस साल सब से ज्यादा धमाल मचाया 'मुन्नी' ने। ललित पंडित ने बदनाम हुई का मुखड़ा तो पहले बन चुके गीतों से उठाया पर गीत के अंतरों में ऐसे ऐसे झटके दिये कि आम जनों ने इसे हाथों हाथ लिया। क्या दिल्ली क्या राजस्थान, क्या बिहार क्या यूपी हर जगह मुन्नी की बदनामी के चर्चे आम हो गए। शिल्पा व बेबो तो धन्य हो गयीं कि अभिनय के लिए ना सही पर अपनी अदाओं से ही किसी फिल्मी गीत में उनका नाम आ तो गया। और झंडू ब्रांड नेम वालों की तो लॉटरी ही खुल गई। बिना पैसा लगाए ही ऐसा प्रचार मिला कि इस पीढ़ी को अपने ब्रांडनेम की याद दिलाने की उन्हें आगे जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
मुन्नी कुछ ज्यादा यश बटोरने लगी तो साल के आखिर में विशाल शेखर की जोड़ी ने शीला को आगे खड़ा कर दिया। 'शीला की जवानी' का मैं तो कायल नहीं हुआ पर इस गीत के बाजार में आने का समय ऐसा है कि वर्ष के अंत में होने वाली पार्टियों में ये गीत फिलहाल अपने नयेपन की वज़ह से लोगों की पसंदीदा लिस्ट में आएगा ही।
पर जब साल का अंत करीब आ रहा है तो मैं आपको एक ऐसे गीत के साथ छोड़ता हूँ जो आपको ले जाएगा अगले साल में दलेर मेंहदी और ॠचा शर्मा के दिए गए एक जोर के झटके के साथ ..
चलते चलते एक शाम मेरे नाम के सभी पाठकों और मित्रों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ। अगले साल में मिलेंगे वार्षिक संगीतमाला 2010 के गीतों के साथ...
11 टिप्पणियाँ:
सबसे पहले वाला हमारी पसंद है और आखिर वाला हमारी बेटी की मम्मी जी का बस बाकी ........
लास्ट वाला बेस्ट...............आपको भी झूमता नववर्ष मुबारक......
वाकई मस्त मस्त गीतों की झूमती गाती पोस्ट!
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साल के बेस्ट सूफियाना गीत भी बताईगा.
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नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएँ.
हम तो पुरानो के आशिक हे जी, शोर शराबा हमे नही भाता. धन्यवाद
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!
सदाचार - मंगलकामना!
आशा है नव वर्ष का पहला दिन आप सब के लिए अच्छा गुजरा होगा।
Manish jee...not only desh but desh ke bahar bhi in ke thumke ne logo ko jhumaaya.....yanha kal new year ki party mein kai baar yeh gane repeat hue...
saarey guest ne khoob jhuma in gano par...:-)
Happy new year !!!
बड़े दिनों बाद आ पाया हूँ वापस इस ज़ानिब। पहले तो मुझे लगा कि इस बार आपने सस्ते में निपटा दिया वार्षिक संगीतमाला को, फिर पिछला पोस्ट पढ़ा तो चैन मिला...शायद कल से शुरू करेंगे आप है ना? इंतजार है।
कहीं पढ़ रहा था कि "शीला की जवानी" की दरअसल लिरिक्स में "शीला केजवाणी" है जो नायिका का नाम है। माजरा क्या है?
हा हा गौतम ये फेसबुक में लोग ऐसी थ्योरीज इतने विश्वास से चलाते है कि सचमुच यकीन आ जाए। मैंने भी वहाँ से ये ज्ञान प्राप्त कर अपने मित्रों में बाँटा। बाद में जब गाना सुना और इसके गीतकार संगीतकार विशाल शेखर को खुद शीला की जवानी गाते सुना तो अफ्सोस हुआ कि ऐसी बातों पर यकीन करने के पहले खुद सत्यापित कर लेना जरूरी है। फिल्म में शीला केजवाणी हो ना हो गीत में पक्का शीला की जवानी है।
sundar gana
पहली और आख़िरी वाली मेरी पसंद कह सकती हूँ...
झूमने के लिए ये गीत एकदम सेट हैं...
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