ए र रहमान इस साल हिंदी फिल्मों में ज्यादा सक्रिय नहीं रहे। रावण में उनकी गुलज़ार के साथ जोड़ी वो कमाल नहीं दिखला सकी जिसकी मुझे आशा थी। शंकर अहसान लॉए ने My Name is Khan में बेहतरीन संगीत दिया पर पूरे साल बाकी फिल्मों में दिया उनका संगीत कुछ विशेष उल्लेखनीय नहीं रहा। यही हाल संगीतकार सलीम सुलेमान का भी रहा। इस साल की फिल्मों में सबसे सुकून देने वाले संगीत की रचना का श्रेय साज़िद वाज़िद,विशाल शेखर,अमित त्रिवेदी और प्रीतम को जाता है। साज़िद वाज़िद ने 'दबंग' और 'वीर' के संगीत पर बेहतरीन काम कर फिल्म उद्योग में अपनी नई पहचान बना ली। विशाल शेखर भी 'I Hate Love Storys', 'अनजाना अनजानी' में अपने फार्म में नज़र आए वहीं प्रीतम ने साल में कम फिल्में करते हुए भी 'Once Upon A Time in Mumbai' और 'आक्रोश' में कर्णप्रिय संगीत दिया।
ए र रहमान को अपना प्रेरणा स्रोत मानने वाले और मेरे पसंदीदा संगीतकार अमित त्रिवेदी ने पिछले सालों की तरह इस साल भी 'उड़ान' और 'आयशा' में अपनी प्रतिभा के ज़ौहर दिखलाए। अपनी फिल्म 'आमिर' की बदौलत वार्षिक संगीतमाला का सरताज गीत का सेहरा पहनने वाले अमित अभी भी अपने संगीत में नित नए प्रयोगों से एक अलग तरह की आवाज़ हम तक पहुँचा रहे हैं। उनकी इस मुहिम में गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य ने बेहतरीन साथ दिया है। हिंदी कविता के प्रेमियों के लिए 'उड़ान' इस साल का एक यादगार एलबम रहेगा और अमिताभ भट्टाचार्य को इसका पूरा श्रेय जाना चाहिए।
गीतकारों की बात की जाए तो इस साल अमिताभ के आलावा गुलज़ार, स्वानंद किरकिरे और इरशाद क़ामिल का काम बेहतरीन रहा। गुलज़ार की प्रशंसा में जितना कहा जाए कम है। 'वीर' और 'इश्क़िया' में उनके रचे गीतों पर लोग अभी भी वाहवाहियाँ रुकी नहीं हैं। वहीं 'परिणिता', 'लगे रहो मुन्नाभाई' और 'थ्री इडियट्स' जैसी भिन्न प्रकृति की फिल्मों की सफल गीत रचना के बाद स्वानंद ने 'लफंगे परिंदे' और 'पीपली लाइव' के गीतों के माध्यम से 'सार्थक गीतो् को रचने वाले गीतकार' की अपनी छवि को बनाए रखा है। इरशाद क़ामिल के बारे में इस संगीतमाला के दौरान कई बार चर्चा हुई है और मेरा विश्वास है कि आगे के सालों में भी होती रहेगी। ये जरूर है कि इस साल जावेद अख़्तर और प्रसून जोशी जैसे माने हुए गीतकारों की झोली से कुछ खास नहीं निकला। नए गीतकारों में जीतेंद्र जोशी ने अपने लिखे गीत चमचम से मुझे खासा प्रभावित किया।
भले ही गीतकार और संगीतकारों ने इस साल की संगीतमाला में मिल कर सफलता के झंडे गाड़े हों पर पार्श्वगायिकी में ये साल पूरी तरह राहत फतेह अली खाँ के नाम रहा। संगीतमाला की आरंभिक दस पॉयदानों में से छः पर कब्जा जमाने वाले राहत ने अपनी बेमिसाल गायिकी से संगीतप्रेमियों के दिल में साल भर खूब राहत पहुँचाई। राहत के अलावा मोहित चौहान,रेखा भारद्वाज और श्रेया घोषाल के गाए गीतों को भी काफी लोकप्रियता मिली। जगजीत सिंह, सोनू निगम और शिल्पा राव के एक एक गीत इस गीतमाला में बजे पर उन गीतों में उन्होंने अपनी गायिकी से मन को मोहित कर दिया।
हर साल की तरह इस साल भी अंतिम पच्चीस में कुछ गीत आते आते रह गए। इस फेरहिस्त में बस इतनी सी तुमसे गुजारिश है.. गुजारिश, अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ ...इश्क़िया, जिंदगी दो पल की..Kites, बहने दे.. रावण, तेरे नैना My Name is Khan जैसे गीत शामिल हैं । ये गीत तो आपने पहले भी सुने होंगे पर आज मैं आपको सुनाना चाहता हूँ इस साल की संगीतमाला तैयार करते वक़्त सुने गए चार अनसुने गीत जो कुछ हट कर सुनने का अहसास मन में जगा गए..
पल में मिला जहाँ श्रेया घोषाल द्वारा गाया ऐसा नग्मा है जो उदास तो करता है पर मन को शांत भी कर देता है। गीत में संगीत ना के बराबर है पर भावों में डूबती श्रेया की गायिकी उसकी कमी महसूस नहीं होने देती।
फिल्म स्ट्राइकर के इस गीत फिर यूँ हुआ में गुलज़ार के शब्द और विशाल की आवाज़ का वैसा ही अद्भुत संगम है जिससे हम ओंकारा के ओ साथी रे और फिल्म कमीने के क्या करें जिंदगी इसको जो हम मिले के दौरान गुजर चुके हैं
अब आते हैं दस तोला के इस गीत पर जिसे गाया है सोनू निगम ने । ख़ुद गुलज़ार इस फिल्म में अपने रचे गीतों को पिछले साल की अपनी संतोषजनक कृतियों में मानते हैं।
अमित त्रिवेदी वेस्टर्न और भारतीय संगीत के फ्यूजन में माहिर हैं। एडमिशन ओपन में श्रृति पाठक द्वारा गाए गीत में हारमोनियम जैसे वाद्य से की गई कलाकारी तुरंत ध्यान खींचती है
तो आइए साल के सरताज और रनर्स अप गीत से रूबरू होने के पहले एक बार नज़रें घुमा लेते हैं ढाई महिने पुराने इस सफ़र पर...
- नैन परिंदे पगले दो नैन.., संगीत: आर आनंद, गीत :स्वानंद किरकिरे, गायिका: शिल्पा राव चलचित्र :लफंगे परिंदे
- सजदा तेरा सजदा दिन रैन करूँ , संगीत: शंकर अहसान लॉए, गीत : निरंजन अयंगार, गायक : राहत फतेह अली खाँ, चलचित्र : My Name is Khan
- फूल खिला दे शाखों पर पेड़ों को फल दे मौला, संगीत: रूप कुमार राठौड़, गीत : शकील आज़मी, गायक : जगजीत सिंह, चलचित्र : Life Express
- बिन तेरे बिन तेरे कोई ख़लिश है, संगीत: विशाल शेखर, गीत : विशाल ददलानी, गायक : शफ़कत अमानत अली खाँ, सुनिधि चौहान, चलचित्र : I hate Luv Storys
- तेरे मस्त मस्त दो नैन, संगीत:साज़िद वाज़िद, गीत : फ़ैज़ अनवर, गायक : राहत फतेह अली खाँ, चलचित्र : दबंग
- सुरीली अँखियों वाले, संगीत:साज़िद वाज़िद, गीत : गुलज़ार, गायक : राहत फतेह अली खाँ, चलचित्र : वीर
- तू ना जाने आस पास है ख़ुदा, संगीत: विशाल शेखर, गीत : विशाल ददलानी, गायक : राहत फतेह अली खाँ, चलचित्र : अनजाना अनजानी
- मन के मत पे मत चलिओ, संगीत: प्रीतम, गीत : इरशाद क़ामिल, गायक : राहत फतेह अली खाँ, चलचित्र : आक्रोश
- मँहगाई डायन खात जात है, संगीत:राम संपत, गायक :रघुवीर यादव, चलचित्र : पीपली लाइव
- देश मेरा रंगरेज़ ऐ बाबू, संगीत:Indian Ocean, गीत :स्वानंद किरकिरे, संदीप शर्मा , गायक :राहुल राम, चलचित्र : पीपली लाइव
- कान्हा बैरन हुई रे बाँसुरी, संगीत:साज़िद वाज़िद, गीत : गुलज़ार, गायक : रेखा भारद्वाज, चलचित्र : वीर
- चमचम झिलमिलाते ये सितारों वाले हाथ, संगीत:शैलेंद्र बार्वे, गीत : जीतेंद्र जोशी, गायक : सोनू निगम, चलचित्र : स्ट्राइकर
- बहारा बहारा हुआ दिल पहली बार वे, संगीत: विशाल शेखर, गीत : कुमार, गायक : श्रेया घोषाल, चलचित्र : I hate Luv Storys
- आज़ादियाँ, संगीत: अमित त्रिवेदी, गीत : अमिताभ भट्टाचार्य, गायक : अमित व अमिताभ, चलचित्र : उड़ान
- तुम जो आए, संगीत: प्रीतम, गीत : इरशाद क़ामिल, गायक : राहत फतेह अली खाँ, चलचित्र : Once Upon A Time in Mumbai
- सीधे सादे सारा सौदा सीधा सीधा होना जी , संगीत: प्रीतम, गीत : इरशाद क़ामिल, गायक : अनुपम अमोद, चलचित्र : आक्रोश
- पी लूँ तेरे गोरे गोरे हाथों से शबनम, संगीत: प्रीतम, गीत : इरशाद क़ामिल, गायक :मोहित चौहान चलचित्र : Once Upon A Time in Mumbai
- Cry Cry इतना Cry करते हैं कॉय को, संगीत: ए आर रहमान, गीत : अब्बास टॉयरवाला, गायक : राशिद अली, श्रेया घोषाल, चलचित्र : झूठा ही सही
- नूर ए ख़ुदा , संगीत: शंकर अहसान लॉए, गीत : निरंजन अयंगार, गायक : शंकर महादेवन, अदनान सामी, श्रेया घोषाल , चलचित्र : My Name is Khan
- मन लफंगा बड़ा अपने मन की करे, संगीत: आर आनंद, गीत :स्वानंद किरकिरे, गायक :मोहित चौहान चलचित्र :लफंगे परिंदे
- गीत में ढलते लफ़्जों पर, संगीत: अमित त्रिवेदी, गीत : अमिताभ भट्टाचार्य, गायक : अमित व अमिताभ, चलचित्र : उड़ान
- यादों के नाज़ुक परों पर, संगीत: सलीम सुलेमान, गीत :स्वानंद किरकिरे, गायक :मोहित चौहान चलचित्र :आशाएँ
- खोई खोई सी क्यूँ हूँ मैं, संगीत: अमित त्रिवेदी, गीत : जावेद अख़्तर, गायक : अनुषा मणि, चलचित्र : आयशा
- तुम हो कमाल, तुम लाजवाब हो आयशा , संगीत: अमित त्रिवेदी, गीत : जावेद अख़्तर, गायक : अमित त्रिवेदी, चलचित्र : आयशा
5 टिप्पणियाँ:
आपकी इस एक पोस्ट को संजो कर रख लेने से पूरा संकलन अपने हाथ होगा...
बहुत बहुत बहुत आभार...इसके अतिरिक और क्या कहा जा सकता है...
इन्तजार है...रनर अप और सरताज का...
मस्त जी
Kuch log jo niji vyastataon ki wajah se sangeet mala ke har ek paydaan ka maza samay par nahin utha paye, sabhi geeton ka yah sanklan unke liye aapki sundar bhent hai....
dhanyawaad
ati sundar......aapki khoj ki mureed ho gayi....kash ki aap sab se kuch seekh paaon main....
एक टिप्पणी भेजें