शुक्रवार, अक्टूबर 21, 2011

चोरी चोरी सोलह श्रृंगार करूँगी : पंचम और आशा की युगल जोड़ी द्वारा रचित एक नायाब नग्मा...

आशा जी और पंचम.... दो ऐसे नाम जिन्होंने हिंदी फिल्म संगीत को कई ऐसे बेशुमार नग्मे दिए जिनका ख्याल आते ही मन उस गीत की धुन को सुनते ही गुनगुनाने लगता है। ऐसा ही एक गीत है फिल्म मनोरंजन का जो  1974 में रुपहले पर्दे पर आई थी। बतौर निर्देशक ये शम्मी कपूर की पहली फिल्म थी। साठ के दशक में शम्मी जी ने अंग्रेजी फिल्म देखी थी ' Irma La Douce.' ।  इसे देखने के बाद ही उन्होंने इस फिल्म को हिंदी में बनाने का सपना पाल लिया था जो 1974 में जा कर फलीभूत हो सका। शम्मी खुद फिल्म के हीरो का रोल अदा करना चाहते थे। पर जब फिल्म बननी शुरु हुई तो वो इतने मोटे हो चुके थे कि हीरो का किरदार उन्होंने संजीव कुमार को थमा दिया।


फिल्म बहुत खास नहीं थी पर इतनी बुरी भी नहीं जितना कि बॉक्स आफिस पर इसका हश्र हुआ। कारण साफ था। वेश्यावृति को बिना किसी नैतिक आवरण में ढक कर उसे मात्र मनोरंजन का एक माध्यम मानने का का विचार उस युग क्या आज के समय के लिए भी बोल्ड ही कहा जाएगा। इस फिल्म के दो गीत आज भी लोग उतनी ही शिद्दत से याद करते हैं। एक तो मौज मस्ती वाला गोया कि चुनान्चे और दूसरा प्रेम के रस में डूबा चोरी चोरी सोलह श्रृंगार करूँगी...। 'तीसरी मंजिल' में पहली बार अनिच्छा के साथ पंचम को मौका देने वाले शम्मी उनकी लोक संगीत के साथ पश्चिमी वाद्य यंत्रों की अद्भुत संयोजन प्रतिभा देखकर चकित रह गए थे। इसीलिए जब वो अपनी फिल्म बनाने लगे तो फिल्म के संगीतकार के रूप में उन्होंने पंचम को चुनने में जरा भी देर नहीं की।

इस फिल्म का पहला गाना जो रिकार्ड हुआ था वो था चोरी चोरी सोलह श्रृंगार करूँगी.. शम्मी कपूर ने अपने एक साक्षात्कार में इस गीत को याद करते हुए कहा था मुझे याद है कि इस गीत की मेलोडी इसकी दोहरी रिदम संगीत संयोजन सब बेहद सुंदरता से गुथे हुए थे। इस गीत के ज़रिए पंचम ने दिखा दिया था कि वो अच्छा संगीत रचने के लिए जरूरी हर हुनर में माहिर है।

आशा जी ने गाया भी इसे पूरी मिठास से है। अगर आप गीत के मुखड़े और अंतरों पर गौर करेंगे तो पाएँगे कि दोनों की रिदम अलग अलग है। हर अंतरे के अंत में जब आशा जी ना जी ना..हाँ जी हाँ कहते हुए जिस तरह मुखड़े पर लौटती हैं वो मन को गुदगुदाता हुआ निकल जाता है। फिल्म का ये गीत लिखा था आनंद  बख्शी ने। आनंद  बख्शी साहब के बोलों का सबसे असरदार हिस्सा मुझे गीत का मुखड़ा लगता है जिसे पंचम के संगीत के साथ  सुनना एक ऐसा अनुभव है जिससे बार बार गुजरने को जी चाहता है।

तो आइए सुनते हैं इस गीत को ..गीत के पहले शम्मी कपूर साहब आपको ये भी बताएँगे कि पंचम के संगीत में उन्हें क्या खास लगता था।


चोरी चोरी सोलह सिंगार (श्रृंगार ) करूँगी
आज सारी रात इंतज़ार करूँगी
सोए हैं मेरे पीहरवा... सोए हैं मेरे पीहरवा

लिपटे बदन से, शोले अगन के 
तेरी लगन के, खेलो ना मन से मेरे..
कह दूँगी मैं ये सजन से....
ना जी ना...हाँ..हाँ जी हाँ
एक ये गिला सौ बार करूँगी
आज सारी रात इंतज़ार करूँगी
सोए हैं मेरे पीहरवा... सोए हैं मेरे पीहरवा

नैनौं के रस्ते चुपके से आ के
सपनों में जा के
पायल बजा के छम से....
रख दूँगी उनको जगा के
ना जी ना...हाँ..हाँ जी हाँ
प्यार किया है मैंने प्यार करूँगी
आज सारी रात इंतज़ार करूँगी
सोए हैं मेरे पीहरवा... सोए हैं मेरे पीहरवा


आशा जी की आवाज़ पर पर्दे पर अपने पिया को रिझाने का काम किया था जीनत अमान ने..

चलते चलते ये बता दूँ कि आशा जी की बेमिसाल गायिकी की वज़ह से ये गीत फिल्मफेयर एवार्ड के लिए भी नामांकित हुआ था।
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9 टिप्पणियाँ:

संगीता पुरी on अक्टूबर 21, 2011 ने कहा…

अच्‍छी जानकारी ..

सुन रही हूं ..

आभार !!

Sonroopa Vishal on अक्टूबर 22, 2011 ने कहा…

अच्छा लगता है आपके ब्लॉग पर आकर ,संगीत से झूमती हुई ये पोस्ट बहुत सुंदर है और गाना भी ....

प्रवीण पाण्डेय on अक्टूबर 22, 2011 ने कहा…

तथ्यों के साथ गीत सुनने का आनन्द अलग है।

सागर नाहर on अक्टूबर 22, 2011 ने कहा…

जानकारी एवं आपका लेख बहुत शानदार है लेकिन संगीत... क्षमा चाहता हूँ लेकिन, जचाँ नहीं। बिल्कुल भी नहीं। अति सामान्य गीत/संगीत।

Manish Kumar on अक्टूबर 22, 2011 ने कहा…

शुक्रिया सागर भाई अपने विचार ईमानदारी से रखने के लिए। जहाँ तक मेरा सवाल है मुझे इस गीत की मेलोडी और इसमें आशा जी की गायिकी बेहद पसंद है।

Poonam Abbi ने कहा…

Can such beautiful poetry & emotion be created in english or spanish or french...you get the point? Just imagine the christian bride in half the body exposed expressing something so beautiful. What would she be saying?

Manish Kumar on अक्टूबर 24, 2011 ने कहा…

@Poonam Abbi.. ha ha ha.You made an interesting observation.

रंजना on नवंबर 15, 2011 ने कहा…

पहली बार सुना यह...

परन्तु सत्य कहूँ, गीत से अधिक ध्यान इस बात ने खींचा कि "इतना बोल्ड" ....

शायद आज न पचा पायें लोग,पर दशकों पूर्व...

Shilpa Kulkarni on नवंबर 17, 2011 ने कहा…

jitni baar gungunate hoon yeah gana her baar naya sa lagta hai

 

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