वार्षिक संगीतमाला की आठवीं पॉयदान पर पधार रही है दो भाइयों की नवोदित संगीतकार जोड़ी जो पिछले कुछ सालों से मराठी फिल्म उद्योग में अपने संगीत का परचम लहराते रहे हैं। ये जोड़ी है अजय और अतुल गोगावले की जिन्होंने फिल्म सिंघम के लिए एक बेहद कर्णप्रिय रोमांटिक गीत बनाया। पर इससे पहले कि इस गीत को सुनें क्या आप इस संगीतकार जोड़ी की उत्कर्ष गाथा नहीं जानना चाहेंगे ?
अजय व अतुल को स्कूल में कभी पढ़ने में दिल नहीं लगा। स्कूल के समय से ही उनकी रुचि संगीत से हो चुकी थी वो भी तब जबकि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि में संगीत का कहीं दखल ना था। घर में वाद्य यंत्रों को खरीदने के पैसे ना थे । पर दोनों भाइयों ने इसके लिए भी एक तरकीब निकाल ली। वे ऐसे मित्र बनाते जिनके पास पहले से ही हारमोनियम,ढोल, मृदंग जैसे वाद्य मौजूद हों। कॉलेज में आने पर पिता ने कीबोर्ड खरीद दिया जो उनके नए प्रयोगों का माध्यम हो गया। मुंबई आने के बाद विज्ञापनों से लेकर नाटकों तक के लिए संगीत देते रहे। विश्वविनायक जैसे अन्तरराष्ट्रीय गैर फिल्मी एलबम की सफलता ने उनमें आत्मविश्वास भरा और मराठी फिल्म उद्योग में उनके प्रवेश का रास्ता खोल दिया।
पिछले आठ वर्षों से वे मराठी फिल्म जगत के जाने माने नाम हैं। यहाँ तक कि मराठी फिल्म 'जोगवा' के संगीत निर्देशन के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। जहाँ तक हिंदी फिल्मों का सवाल है 2004 में फिल्म 'गायब' और वर्ष 2005 में 'विरुद्ध' के कुछ गीतों को छोड़कर उनकी झोली में कुछ नहीं आया। पर पिछले साल अजय अतुल ने सिंघम के आलावा My Friend Pinto का भी संगीत दिया। और हाँ फिलहाल फिल्म अग्निपथ के संगीत के ज़रिए वे कैसी धूम मचा रहे हैं वो तो आपको मालूम ही होगा।
तो आइए लौटें इस गीत की तरफ। मुखड़े के पहले बाँसुरी का स्वर मन को सोहता है। पर गीत का असली आनंद मुखड़े की पहली दो पंक्तियों के बाद से शुरु होता है जब गीत का टेंपो बदलता है । श्रेया दिल तो उड़ा उड़ा रे...... गाते गाते सचमुच श्रोताओं को झूमने पर विवश कर देती हैं। अजय अतुल गीत की इस कर्णप्रियता को अंत तक बरक़रार रखते हैं।
इस गीत के बोल लिखे हैं स्वानंद किरकिरे ने। स्वानंद का दिल को 'बदमाश' और 'ठग' जैसे विशेषणों से सुशोभित करना बड़ा प्यारा लगता है। गीत के इस हिस्से में अजय भी श्रेया का साथ देने आ जाते हैं। श्रेया के कोकिल कंठी स्वर की बात करते करते मेरी कलम घिसने लगी है पर क्या करें ये साल है ही इस बेहतरीन गायिका का। वैसे उनकी शान में कसीदे पढ़ने के लिए इस गीतमाला का एक और गीत बाकी है। तो आइए सुनते हैं ये मधुर गीत..
साथिया साथिया पगले से दिल ने ये क्या किया
चुन लिया चुन लिया तुझको दीवाने ने चुन लिया
दिल तो उड़ा-उड़ा रे
आसमान में बादलों के संग
ये तो मचल-मचल के
गा रहा है सुन नयी सी धुन
बदमाश दिल तो ठग है बड़ा
बदमाश दिल यूँ तुझसे जुड़ा
बदमाश दिल मेरी सुने ना ज़िद पे अड़ा
अच्छी लगे, दिल को मेरे, हर तेरी बात रे
साया तेरा, बन के चलूँ, इतना है ख्वाब रे
काँधे पे सर, रख के तेरे, कट जाए रात रे
बीते ये दिन, थामे तेरा, हाथों में हाथ रे
ये क्या हुआ, मुझे मेरा ये दिल
फिसल-फिसल गया
ये क्या हुआ, मुझे मेरा ज़हाँ
बदल-बदल गया
बदमाश दिल तो...
नींदें नहीं, चैना नहीं, बदलूँ मैं करवटें
तारे गिनूँ, या मैं गिनूँ, चादर की सलवटें
यादों में तू, ख्वाबों में तू, तेरी ही चाहतें
जाऊँ जिधर, ढूँढा करूँ, तेरी ही आहटें
ये जो है दिल मेरा, ये दिल सुना ना
कह रहा यही
वो भी क्या ज़िन्दगी, है ज़िन्दगी कि
जिसमें तू नहीं,बदमाश दिल तो...
फिल्म में ये गीत फिल्माया गया है काजल अग्रवाल व अजय देवगन की जोड़ी पर
7 टिप्पणियाँ:
अहा, अब गाने को और ध्यान से सुना..
lovely song ..
Badmash dil....aur uda uda...dono bejod giit hain...aur mujhe bahut pasand bhi.
दोनों ही गीत बहुत सुंदर है ...
प्रवीण, अमिता, नीरज जी, पल्लवी गीत आपको पसंद आया जानकर खुशी हुई।
नीरज जी व पल्लवी ऊपर एक ही गीत का ज़िक्र है..बदमाश दिल तो ठग है बड़ा...। यू ट्यूब की दो लिंकों में एक में गीत का आडिओ है और दूसरे में वीडीओ !
Nice Song.Ajay Atul AchCha Kam Rahe Hai..
जी संजय..अग्निपथ में भी उनका काम सराहा गया है हालांकि अभी तक मैं वो एलबम पूरा नहीं सुन पाया हूँ
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