बुधवार, मार्च 13, 2013

वार्षिक संगीतमाला 2012 : पुनरावलोकन (Recap)

इससे पहले कि वार्षिक संगीतमाला 2012 के सरताज़ गीत के नाम का आपसे खुलासा करूँ एक नज़र पिछले साल के फिल्म संगीत की तरफ़। गत वर्ष करीब सौ फिल्में रिलीज़ हुई यानि हर तीसरे या चौथे दिन एक नई फिल्म! पर अगर आप मेरी वार्षिक संगीतमाला 2012 पर गौर करेंगे तो पाएँगे कि इनमें से सिर्फ सोलह फिल्मों के ही गाने गीतमाला में दाखिल हो पाए। इसका मतलब ये है कि आज हालात ये हैं कि पाँच छः फिल्मो के गीत सुनने के बाद ही कोई ढंग का नग्मा सुधी श्रोता के कानों से गुजर पाता है। इतने हुनरमंद कलाकारों के रहते हुए फिल्म संगीत जगत से आम संगीतप्रेमी जनता को और बेहतर परिणाम  की उम्मीद है। 



करीब पाँच सौ गीतों को सुनने के बाद सर्वोच्च पच्चीस की सूची तैयार करते समय अक्सर ऐसा होता है कुछ गीतों को ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है। इस साल भी तीन ऐसे गीत थे जो संगीतमाला में शामिल गीतों में आ सकते थे पर संख्या सीमा की वज़ह से दाखिल नहीं हो सके। ये गीत थे फिल्म टुटिया दिल का ले चलो, GOW-II में शारदा सिन्हा का गाया तार बिजली से पतले हमारे पिया और अग्निपथ में रूप कुमार राठौड़ का गाया औ सैयाँ। इनके आलावा GOW-II का काला रे, जन्नत२ का तेरा दीदार हुआ, चटगाँव का बोलो ना, इश्क़ज़ादे का इक डोर बँधने लगे हैं और इंग्लिश विंग्लिश का पिया बिन धाक धूक भी थोड़े अंतर से गीतमाला में प्रवेश करने से चूके।

संगीतकारों की बात करूँ तो ये साल प्रीतम के नाम रहा। बर्फी के संगीत ने ये साबित कर दिया कि प्रीतम हमेशा 'inspired' नहीं होते और कभी कभी उनके संगीत से भी 'inspired' हुआ जा सकता है। ऐजेंट विनोद फिल्म चाहे जैसी रही हो वहाँ भी प्रीतम का दिया संगीत श्रोताओं को खूब रुचा। Cocktail के गीतों ने भी झूमने पर मजबूर किया। अमित त्रिवेदी ने भी इस साल इश्क़ज़ादे, इंग्लिश विंग्लिश और अइया के लिए कुछ खूबसूरत और कुछ झूमने वाले नग्मे दिए। अजय अतुल का अग्निपथ के लिए किया गया काम शानदार था। नवोदित संगीतकार स्नेहा खानवलकर ने GOW-I और GOW-II में जिस तरह एक बँधे बँधाए दर्रे से हटकर एक नए किस्म के संगीत और बोलों पर काम किया वो निश्चय ही प्रशंसनीय है। शंकर अहसान लॉय, सलीम सुलेमान, विशाल शेखर के लिए ये साल फीका फीका सा ही रहा।

गायक और गायिकाओं में कुछ नई आवाज़ें कानों में सुकूनदेह तरंगे पैदा करने में कामयाब रहीं। जहाँ नंदिनी सिरकार ने जो भेजी थी दुआ और दिल मेरा मुफ्त का की अदाएगी से लोगों का दिल जीत लिया वहीं अरिजित सिंह और पापोन ने बर्फी के गीतों द्वारा अपने प्रतिभाशाली होने का सुबूत पेश कर दिया। शाल्मली  की आवाज़ परेशाँ में सराही गई तो आयुष्मान खुराना ने विकी डोनर में अपने रंग दिखा दिए। नीति मोहन भी जिया रे की वज़ह से सुर्खियों बटोरीं। पुराने धुरंधरों में सोनू निगम ने अभी मुझ में कहीं, श्रेया घोषाल ने महक भी कहानी सुनाती है और आशियाँ जैसे गीतों में अपनी मधुर गायिकी से सम्मोहित सा कर दिया। युगल गीतों में सोना महापात्रा और रवींद्र उपाध्याय की जोड़ी द्वारा फिल्म तलाश के लिए गाया नग्मा मन तेरा जो रोग है दिल को छू गया।

इस साल के सबसे सफल गीतकारों की सूची में अमिताभ भट्टाचार्य अव्वल रहे। अग्निपथ,हीरोइन,एजेंट विनोद और अय्या के लिए उन्होंने कुछ बेहद संवेदनशील गीत लिखे वहीं दूसरी ओर साल के सबसे ज्यादा मशहूर डान्स नंबर में भी अपनी लेखनी का कमाल दिखलाकर उन्होंने अपने हरफनमौला होने का प्रमाण दिया। स्वानंद किरकिरे ने भी बर्फी और इंग्लिश विंग्लिश के लिए कुछ कमाल के गीत लिखे। बर्फी के लिए उनका लिखा हुआ साँवली सी रात हो मुझे इस साल का सबसे रूमानी गीत लगता है। गीतकार कुमार ने शंघाई और Oh My God के लिए कुछ ऐसे संवेदनशील नग्मे लिखे जिसने आँखों को नम कर दिया। इस साल उभरने वाले नए गीतकारों में वरुण ग्रोवर का नाम लिया जाना आवश्यक है। GOW की स्क्रिप्ट से जुड़कर जिस तरह उन्होंने काला रे और छीछालेदर की रचना की वो वाकई क़ाबिलेतारीफ़ है। काला रे में उनकी व्यंग्यात्मक लहजे में की गई छींटाकशी काली मिट्टी कुत्ता काला काला बिल्कुल सुरमेवाला, काला झंडा, डंडा काला, काला बटुआ पैसा काला....गीतकारों के लिए शब्द रचना के नए आयाम खोलती प्रतीत होती है। शब्दों के जादूगर गुलज़ार ने इस साल अपने प्रशंसकों को निराश ही किया वहीं जावेद साहब को तलाश के आलावा इस साल की उपलब्धियों में दिखाने के लिए शायद ही कुछ रहा।

तो ये था पिछले साल के संगीत का लेखा जोखा.. अगली प्रविष्टि में होगा वार्षिक संगीतमाला 2012 का समापन सरताज गीत के बिगुल के साथ..

 वार्षिक संगीतमाला 2012 

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8 टिप्पणियाँ:

Shalini kaushik on मार्च 14, 2013 ने कहा…

.सराहनीय प्रयास आभार ''शालिनी''करवाए रु-ब-रु नर को उसका अक्स दिखाकर . .महिलाओं के लिए एक नयी सौगात WOMAN ABOUT MAN

प्रवीण पाण्डेय on मार्च 14, 2013 ने कहा…

आपके सारे गीत सुनकर आनन्दित हो चुके हैं।

Mrityunjay Kumar Rai on मार्च 14, 2013 ने कहा…

संगीतमाला मे आने से वंचित रह गए गानों की जानकारी बहुत अच्छा है. सरताज का इन्तेजार है

Ritesh Gupta on मार्च 14, 2013 ने कहा…

बिल्कुल सही.....प्रीतम दा के म्यूजिक का जबाब नहीं.

Archana Chaoji on मार्च 14, 2013 ने कहा…

बहुत मेहनत का काम करते हैं आप ..इतनी लगन से इतने गीतो को सुनना और फिर उनमें से बेहतर चुनकर जानकारी देना ....
सलाम आपको .....

Deepika Pokharna on मार्च 14, 2013 ने कहा…

Manish ji, har saal nayi aayi movies ke gaano se rubru karane hetu dhanyavad. Aapki varshik geetmala se hi kai gaano ke baare me mujhe pata chalta he....bahut hi sarahniy prayas..

अवधेश कुमार गुप्ता on मार्च 19, 2013 ने कहा…

Thanks.....
Manish Ji,
"Sunny Benjamin John" par shayad apane charcha nahi ki hai. Unka Savera(1959) film ka gana "Tu jo Nahi hai to ..." behad pasand kiya jata hai.

Manish Kumar on अप्रैल 01, 2013 ने कहा…

प्रवीण, मृत्युंजय, अर्चना, रितेश, शालिनी व दीपिका इस गीत व प्रविष्टि को पसंद करने के लिए शुक्रिया।

अवधेश जी आपकी सलाह को नोट कर लिया है। शुक्रिया अपनी पसंद बताने के लिए।

 

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