बुधवार, जनवरी 01, 2014

वार्षिक संगीतमाला 2013 पॉयदान संख्या 25 : अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़ (Ambarsariya)

साल का शुभारंभ और स्वागत है आपका एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमाला के नवें वर्ष (9th year) में पिछले साल के 25 बेहतरीन गीतों के साथ। वार्षिक संगीतमाला 2013 की पच्चीस वीं पॉयदान में विराजमान है वो गीत जो पंजाब के गली मोहल्लों में पूरे साल जोर शोर से बजा और इसकी एक खास वज़ह रही गीत में एक ऐसे आंचलिक शब्द का प्रयोग जो पंजाब के एक नामी शहर से जुड़ा हुआ है। वैसे हिंदी फिल्मों में हर साल निर्माता निर्देशक अपनी फिल्मों के गीतों में कुछ अनूठे अनजाने शब्द (चाहे वो आंचलिक भाषाओं से लिए गए हों या विदेशी भाषा से) डलवाते रहें हैं ताकि लोगों की पहले उस गीत और फिर उस फिल्म के प्रति उत्सुकता बढ़े। रॉकस्टार में प्रयुक्त कतिया करूँ हो या फिर दम मारो गम का Te Amo , अपनी इसी नवीनता के कारण ये गीत लोकप्रिय हुए।


फिल्म फुकरे के लिए संगीतकार राम संपत को एक रोमांटिक गीत की तलाश थी तो वो पंजाबी लोक गीत अम्बरसरिया को ढूँढ लाए। गीतकार मुन्ना धीमन ने उस लोक गीत में थोड़ा हिंदी पंजाबी का तड़का लगाया और सोना महापात्रा की जादुई आवाज़ की चाशनी में ये गीत निखर उठा। वैसे किसी हिंदी भाषी से अंबरसरिया का मतलब पूछा जाए तो वो बेचारा या तो आसमान (अम्बर) की ओर ताकेगा या फिर लोहे की छड़ों (सरिया) के बारे में सोचेगा पर पंजाबी में अंबरसरिया का मतलब होता है अमृतसर का लड़का (थोड़े लफंगे वाले भाव में :))

गायिका सोना महापात्रा  इस गीत के बारे में बताती हैं कि
"जब इस फिल्म का एलबम विकसित हो रहा था तब इसमें केवल धूम धड़ाके वाले गाने ही थे। अम्बरसरिया वाला गीत लाने की बात एलबम को पूरा करने के थोड़े ही पहले हुई और मुझे इसे एक लड़की के लिहाज़ से इस गीत में अपने आपको प्रकट करने का मौका मिला। मुझे इस गीत को गाते हुए खूब मजा आया । आजकल के युवाओं की फिल्म होते हुए भी इसमें प्यार के उसी पुराने तौर तरीके को दिखाया गया है जो मन को सोहता है।"

सही तो कह रही हैं सोना।  मध्यम वर्गीय कॉलोनियों में गली का नुक्कड़, घर की बॉलकोनी और पड़ोसन की छत तो प्यार के बीज को अंकुरित होने के लिए मुनासिब जगहें हुआ करती थीं। अब इस गीत को ही लें, गीत में नायक के तौर तरीकों को समझती हुई हमारी नायिका  अमृतसर के मुंडे को  कुछ यूँ संबोधित कर रही है

गली में मारे फेरे, पास आने को मेरे
कभी परखता नैन मेरे तो, कभी परखता तोर (चाल)
अम्बरसरिया..मुंडयावे कचिया कलियाँ ना तोड़ 
तेरे माँ ने बोले हैं मुझे तीखे से बोल
अम्बरसरिया..हो अम्बरसरिया..


वैसे सोना को गीत की वो पंक्तियाँ सबसे अच्छी लगती हैं जब नायिका कहती है कि पहले तो मैं काजल लगा और चूड़ियाँ पहन कर खूब सजती सँवरती थी पर अब मुझे पता लग गया है कि जिसके पास मेरे जैसे नशीले नैन हों उसे ना तो किसी सूरमे की आवश्यकता है ना किसी साज श्रंगार की।

गोरी गोरी मेरी कलाई ,चूड़ियाँ काली काली
मैं शर्माती रोज़ लगाती ,काजल सुरमा लाली
नहीं मैं सुरमा पा
ना  ,रूप ना मैं चमकाना
नैन नशीले हों अगर तो सुरमे दी कि लोड़

राम संपत ने इस गीत के संगीत में गिटार का खूबसूरत प्रयोग किया है तो आइए सुनते हैं सोना की आवाज़ में ये नग्मा...


वैसे फिल्म फुकरे में प्यार के इस रासायन को पनपता देख पाना भी एक सुखद अनुभव है...


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10 टिप्पणियाँ:

K D Sharma ने कहा…

Gaane mein "SURMA PADA" ki sthan par "SURMA PANA" aur "ROOP NA MEIN CHAMKAADA" ke sthan par "ROOP NA MEIN CHAMKAANA" hona chahiye.

Archana Chaoji on जनवरी 01, 2014 ने कहा…

Badhai ave varsh me pravesh ki ...safalata ki payadan aise hi chadhate rahe aap .... Nav varsh shubh ho ...
aapaki is lagan ko Salam ....

Sumit on जनवरी 01, 2014 ने कहा…

Bahut achchi suruaat.

Vivek Mishra on जनवरी 01, 2014 ने कहा…

इतनी सॉफ्ट और चुलबुली धुन के लिये सोना महापात्रा से अच्छी आवाज़ किसी की हो ही नहीं सकती थी।

Archana Singh on जनवरी 01, 2014 ने कहा…

हाल ही में हमारे म्यूज़िक क्लब में हमने इस गीत को सीखा । सोना महापात्र ने इस गीत को सही अंदाज़ में निभाया है।

Nutan Sharma on जनवरी 02, 2014 ने कहा…

Song is very musical, lok geet ki apni ek alag pahchanhoti he. ye sangeet dil ki ghrayiyo se nikalta he.

Mridula Dwivedi on जनवरी 02, 2014 ने कहा…

I actually asked that question that what is Ambersaria! And of course I thought the same asman and saria initially, which made no sense!

कंचन सिंह चौहान on जनवरी 03, 2014 ने कहा…

गाना तो बहुत पसंद था, लेकिन ये अंबरसरिया अटक जाता था। छोटे भाई ने सुनाया था पहली बार, उससे पूछा मायने तो कहा "अच्छा लग रहा है, सुन लीजिये दीदी।" अच्छा किया बता दिया। अब सुनने में ज्यादा आनंद आयेगा।

और शुभारंभ की बधाई तथा धन्यवाद साथ साथ....!!

Ankit on जनवरी 03, 2014 ने कहा…

वाह, क्या ख़ूबसूरत शुरुआत हुई है। इस गीत को कई बार रिवाइंड करके सुना है, सोना महापात्रा की खनकती आवाज़ जादू कर देती है।

Manish Kumar on जनवरी 04, 2014 ने कहा…

आप सब को ये गीत पसंद आया जानकर खुशी हुई।

 

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