वार्षिक संगीतमाला की पन्द्रहवीं पायदान का गीत अब तक प्रस्तुत गीतों से अलग एक भिन्न कोटि का गीत है। अगर आपको अपने तन मन को तरंगित करना हो तो बस इस गीत की एक खुराक ही काफी होगी। शंकर एहसान लॉय द्वारा संगीतबद्ध इस गीत को लिखा प्रसून जोशी ने और इसे आपनी बेशकीमती आवाज़ से बख्शा है सुखविंदर सिंह ने। वैसे गायिकी में उनका साथ दिया है लॉय मेन्डोसा और शंकर महादेवन ने।
इस गीत में एक तरह की शोख़ी और शरारत है जो आपको ना केवल झूमने पर मज़बूर करती है बल्कि साथ आपके मूड को भी तरोताज़ा कर देती है। फिल्म भाग मिल्खा भाग के इस गीत को मिल्खा सिंह के मेलबर्न ओलंपिक के परिपेक्ष्य में फिल्माना था। इस गीत के संगीत संयोजन के बारे में लॉय मेन्डोसा कहते हैं..
हमें ये पता लगाना था कि पचास और साठ के दशक में किस तरह का आस्ट्रेलियाई संगीत प्रचलित था। अपने अनुसंधान से हमें लगा कि इस गीत के संगीत में Country और Western संगीत का मिश्रण करना होगा। शंकर ने कहा कि मुखड़े में किसी ध्यान खींचने वाले जुमले की जरूरत है और हमारी खोज वुलुमुलु पर खत्म हुई। दरअसल इसी नाम की एक स्ट्रीट सिडनी में भी है। जब हम सिडनी गए तो वहाँ से भी गुजरे और वो जगह हमें बेहद पसंद आई।
इस गीत की शुरुआत की पंक्तियाँ ख़ुद
I just met a girl
And she is from wulu-mulu wulu-mulu wonder
I can dance and she can sing
We can rock the whole night longer
लॉय मेंडोसा ने गायी हैं और इतना ही नहीं अगर आपने फिल्म देखते हुए ध्यान दिया हो वो ख़ुद ही इस गीत को गाते हुए भी दिखाई दिए हैं। पर गीत में अपनी बेमिसाल गायिकी से जान डालने वाले सुखविंदर सिंह की जितनी तारीफ़ की जाए कम है। गीत में पंजाबी तड़का लगाने पहुँचे सुखविंदर अपनी गायिकी से इसके शब्दों में वो मस्ती ले आते हैं कि तन मन थिरक उठता है और जब तक वो पीने दे रज के... तक आते हैं शरीर को स्थिर रखना बड़ा मुश्किल हो जाता है।। प्रसून के शब्द गीत के मूड के हिसाब से लिखे गए हैं इसीलिए गीत के असर से लहरें भी टल्ली हो रही हैं ।
हो स्लो मोशन अँग्रेज़ा, हुन क्यों टाइम गँवाए
सीधे बाहों में भर ले, सरसरी क्यों बढ़ाए
मेरी व्हिस्कीए मेरी ठर्रिए, तू मैनू चढ़ गयी मेरी सोनिए
रोको ना टोको ना, हो.. मुझको पीने दे रज के
घुल मिल घुल मिल लौंडा घुल मिल घुल मिल
घुल मिल घुल मिल लौंडा घुल मिल घुल मिल
सिंग..वुलु मुलु वुलु मुलु वंडर, वुलु मुलु वुल मुलु..
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रात बढ़ती जो जाए, हाथ क्या क्या टटोले
झूठ बोले ज़ुबान भी, धरम ईमान डोले हाए..
तू जो दरिया में उतरे, सारा पानी गुलाबी हाए..
हो तू जो दरिया में उतरे सारा पानी गुलाबी
टल्ली टल्ली हों लहरें, मछलियाँ भी शराबी
मेरी व्हिस्कीए मेरी ठर्रिए....पीने दे रज के
घुल मिल घुल मिल................
हो काँच सी है तू नाज़ुक,
काँच सी है तू नाज़ुक, साँस लेना संभल के
टूट जाए कहीं ना, बस करवट बदल के
तुझको मेरी ज़रूरत, आ मैं तुझको उठा लूँ
तुझको मेरी ज़रूरत, आ मैं तुझको उठा लूँ
धीरे धीरे से चलना, अपनी आदत बना लूँ
मेरी व्हिस्कीए मेरी ठर्रिए....पीने दे रज के
घुल मिल घुल मिल................
ये तो सब जानते हैं कि इस गीत को फरहान अख़्तर पर फिल्माया गया है और सच पर्दे पर उनकी उर्जात्मक प्रस्तुति के क्या कहने ! पर क्या आपको पता है कि इस गाने में फरहान का साथ किसने निभाया ? फरहान अख्तर के साथ फिल्मी पर्दे पर दिखने वाली अभिनेत्री रिबेका ब्रीड्स (Rebecca Breeds) हैं जो आस्ट्रेलिया से ताल्लुक रखती हैं।
3 टिप्पणियाँ:
थिरकने को उकसाता यह गीत
सुंदर प्रस्तुति ।
प्रवीण व अवधेश शुक्रिया अपने विचार देने के लिए !
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