रविवार, मार्च 30, 2014

एक शाम मेरे नाम ने पूरे किए अपने आठ साल (2006-2014) !

एक शाम मेरे नाम ने पिछले हफ्ते अपने अस्तित्व का आठवाँ साल पूरा किया। आठ साल की इस यात्रा में ब्लॉगिंग ने मुझे बहुत कुछ दिया है। आज मेरे मित्रों और जानने वालों की फेरहिस्त में संगीत और साहित्य से स्नेह रखने वाले सैकड़ों जन हैं जिनमें से कईयों की प्रतिभा का मैं क़ायल हूँ। भला बताइए पेशे से एक इंजीनियर के लिए ब्लॉगिंग के बिना क्या ये संभव होता ? इसलिए मैं इस माध्यम का और इससे जुड़े मित्रों व पाठकों का तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ। सच मानिए मेरी इन आठ सालों की मेहनत का प्रतिफल बस आपके प्रेम की पूँजी है।

साल दर साल इस ब्लॉग से जुड़ने वाले लोगों का काफ़िला बढ़ता रहा है। सात लाख के करीब पेज लोड, हजार से ऊपर ई मेल सब्सक्राइबर्स, आठ सौ के करीब नेटवर्क ब्लॉग फौलोवर्स और तीन सौ के करीब गूगल फौलोवर्स और पिछले साल नवाज़ा गया इंडीब्लॉगर एवार्ड.. ये सभी इस इस बात का द्योतक है कि संगीत और साहित्य के प्रति अपनी रुचियों को आप तक पहुँचाने का जो तरीका मैंने चुना है वो आप सब को भा रहा है।

आजकल सब लोग सवाल करते हैं कि क्या सोशल मीडिया के आने के बाद ब्लॉगिंग का औचित्य समाप्त नहीं हो गया? सच बताऊँ तो मुझे ये प्रश्न बेतुका लगता है। ब्लॉग और सोशल मीडिया पर लेखन की प्रकृति और उद्देश्य दोनों भिन्न हैं। अगर क्रिकेट के खेल से इसकी तुलना करूँ तो मैं यही कहूँगा कि जहाँ ब्लॉग पर लिखना टेस्ट क्रिकेट है तो वही फेसबुक पर वन डे और ट्विटर पर T 20। ज़ाहिर सी बात है भीड़ T 20  ज्यादा जुटती है।   पर इनमें कितने क्रिकेट देखने वाले होते हैं और कितने तमाशाबीन उसका फैसला आप ख़ुद कर सकते हैं।पर जिसने ये खेल खेला हुआ है या जिसे क्रिकेट से सच्चा प्यार है वो ये भली भांति जानता है कि टेस्ट क्रिकेट ही इस खेल की असली धरोहर है।

मैं ख़ुद भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहा हूँ पर उसका उद्देश्य एक ओर तो पाठकों तक इस ब्लॉग की पहुँच का विस्तार करना है तो दूसरी तरफ़ वैसी महान विभूतियों से सीधा संपर्क साधना रहा है जिनके बारे में मैं इस ब्लॉग पर लिखता रहा हूँ। मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे अपने इन दोनों उद्देश्यों में अच्छी सफलता मिली है।

वार्षिक संगीतमालाओं के महीने को छोड़ दें तो इस ब्लॉग पर प्रति हफ्ते मैं एक पोस्ट लिखने की कोशिश करता हूँ क्यूँकि यही कोशिश मुझे अपने यात्रा ब्लॉग मुसाफ़िर हूँ यारों के लिए भी करनी पड़ती है। अब कुछ रिसालों के लिए भी नियमित रूप से लिखना शुरु किया है। ज़ाहिर है ये सारी बातें आपका वक़्त माँगती हैं जो दिन भर की नौकरी के बाद नाममात्र ही बच पाता है। दरअसल एक ब्लॉगर के लिए सीमित समय ही उसके लेखन की विविधता और गुणवत्ता को बनाए रखने में सबसे बड़ी बाधा है। नित इसी संघर्ष के बीच आप तक अपनी पसंद को पहुँचाता रहा हूँ और आपका प्रेम इस ब्लॉग के लिए यूँ ही बना रहा तो भविष्य में भी पहुँचाता रहूँगा। एक बार फिर एक शाम मेरे नाम के पाठकों को मेरा ढेर सारा प्यार !
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32 टिप्पणियाँ:

HARSHVARDHAN on मार्च 30, 2014 ने कहा…

एक शाम मेरे नाम को 8वीं सालगिरह की हार्दिक बधाई। मैं भी पिछले एक साल से इस चिट्ठे का नियमित पाठक हूँ।सादर।।

नई कड़ियाँ : 175 साल का हो गया "ओके" (O.K )।

Parmeshwari Choudhary on मार्च 30, 2014 ने कहा…

बहुत बधाई मनीष कुमार जी।आपकी रुचियों की विविधता और समझ सचमुच आश्चर्य चकित करती है।

premlata pandey on मार्च 30, 2014 ने कहा…

badhai!

Unknown on मार्च 30, 2014 ने कहा…

बहुत बहुत बधाई मनीष जी!

Prashant Suhano on मार्च 30, 2014 ने कहा…

हमारी ओर से हार्दिक बधाई...
:)

Deep on मार्च 30, 2014 ने कहा…

hardik Badhai....... main aapki lekhani ki badi prasansak hun....aapke dono hi blogs ko niyamit roop se follow karne ki koshish karti hun....social media ke yug mein bhi nisandeh blogs ki apni alag jagah aur ahmiyat he.....aap itna samay in ke liye nikal pate he....aapka sadhuwaad.......

Sumit on मार्च 30, 2014 ने कहा…

Badhai Manish! Safar jaari rakhiye. Vistaar hota hi jaayega.

HARSHVARDHAN on मार्च 31, 2014 ने कहा…

आपकी इस प्रस्तुति को ब्लॉग बुलेटिन की आज कि बुलेटिन पोलियो मुक्त भारत, नवसंवत्सर, चैत्र नवरात्र - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

सुशील कुमार जोशी on मार्च 31, 2014 ने कहा…

बधाई !

Sonroopa Vishal on मार्च 31, 2014 ने कहा…

U r truly a deserving person....keep going..best wishes!

अनिल सहारण सोनङी on मार्च 31, 2014 ने कहा…

Congrats manish ji

Shangrila Mishra on मार्च 31, 2014 ने कहा…

Congrats sir,lots of good wishes

Avinash Kumar Maurya on मार्च 31, 2014 ने कहा…

बधाई हो मनीष जी। आपकी यात्रा ऐसे ही चलती रहे

Manisha Dubey on मार्च 31, 2014 ने कहा…

bahut - bahut badhai Manish jee... Me tho blog se parichit hi nahi thi ki ye kis vidha ka naam hai? thanks to u....aapki yatra satat chalti rahe....

Anupama Saksena on मार्च 31, 2014 ने कहा…

बधाई हो मनीष जी।

Anulata Raj Nair on मार्च 31, 2014 ने कहा…

वाह...बधाई बधाई...चलता रहे ये सफ़र..होती रहें शामें गुलज़ार.....

Mritunjay Mishra on मार्च 31, 2014 ने कहा…

चलता रहे ये सफ़र..,बधाई हो मनीष जी

Pavan Jha on मार्च 31, 2014 ने कहा…

बधाई!!! कारवां बढ़ता रहे!

Rashmi Ravija on मार्च 31, 2014 ने कहा…

bahut bahut badhaaii !!

गौतम राजरिशी on मार्च 31, 2014 ने कहा…

wowwww manish ji....

Anoop Bhargava on मार्च 31, 2014 ने कहा…

बहुत बहुत बधाई और धन्यवाद मनीश । "नये संगीत में क्या अच्छा हो रहा है" जानने में तुम्हारा ब्लौग बहुत मदद करता है ।

Mamta Prasad on मार्च 31, 2014 ने कहा…

Congratulations and all best wishes....Manish ji

Jagdish Arora on मार्च 31, 2014 ने कहा…

Congratulations Manish Kumar

Annapurna Gayhee on मार्च 31, 2014 ने कहा…

baadhaaii ... vakai kai jankariya milti hai

Mitunjay Kumar Rai on मार्च 31, 2014 ने कहा…

you are great in music

Mritunjay Kumar Rai on मार्च 31, 2014 ने कहा…

you are great in music

Vinod Kumar on मार्च 31, 2014 ने कहा…

Hearty congratulations and all the very best for future journey...

Kundan Shrivastava on मार्च 31, 2014 ने कहा…

Congrat's MANISH . . . !

Yunus Khan on मार्च 31, 2014 ने कहा…

बधाई हो मनीष।

Saurabh Srivastava on मार्च 31, 2014 ने कहा…

Many Congratulation !

Bs Pabla on मार्च 31, 2014 ने कहा…

बधाई शुभकामनाएँ मनीष जी

प्रवीण पाण्डेय on अप्रैल 07, 2014 ने कहा…

कितने सारे और कितने प्यारे गीत सुनाये हैं आपने।

 

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