भारतीय समाज में जिस ढाँचे के भीतर रहकर हम पलते बढ़ते हैं उसमें माता पिता व भाई बहन के आलावा कई रिश्ते साथ फलते फूलते हैं। दादा दादी और नाना नानी के साथ बीते पल आप में से कइयों की ज़िंदगी के अनमोल पल रहे होंगे। ये चरित्र भारतीय हिंदी फिल्मों का भी हिस्सा रहे हैं और समय समय पर उनको केंद्र में रखकर गीत भी बनते रहे हैं।
बुजुर्गों पर बने दो गीतों को तो मैं कभी नहीं भुला सकता। एक तो दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ, छोड़ो भी ये गुस्सा ज़रा हँस के दिखाओ.. और दूसरा नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए, बाकी जो बचा वो काले चोर ले गए....। बचपन में ना केवल इन गीतों को गुनगुनाने में मज़ा आता था पर साथ ही जब बाहर से कोई आता तो उसके सामने इसकी कुछ पंक्तियाँ दोहराते ही ढेर सारी शाबासी मिल जाया करती थी। थोड़े बड़े हुए तो ये गीत अंत्याक्षरी के बहाने याद कर लिए जाते थे। आज भी इन गीतों को याद कर बचपन सामने आ जाता है।
बुजुर्गों पर बने दो गीतों को तो मैं कभी नहीं भुला सकता। एक तो दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ, छोड़ो भी ये गुस्सा ज़रा हँस के दिखाओ.. और दूसरा नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए, बाकी जो बचा वो काले चोर ले गए....। बचपन में ना केवल इन गीतों को गुनगुनाने में मज़ा आता था पर साथ ही जब बाहर से कोई आता तो उसके सामने इसकी कुछ पंक्तियाँ दोहराते ही ढेर सारी शाबासी मिल जाया करती थी। थोड़े बड़े हुए तो ये गीत अंत्याक्षरी के बहाने याद कर लिए जाते थे। आज भी इन गीतों को याद कर बचपन सामने आ जाता है।
इसीलिए पिछले साल के गीतों में फिल्म सुपर नानी में नानी माँ को समर्पित ये गीत दिखाई दिया तो सुखद आश्चर्य हुआ। नानी के प्रति अपनी कृतज्ञता को प्रदर्शित करते इस गीत को सोनू निगम ने जिस भावप्रवणता से गाया है वो काबिलेतारीफ़ है। पर अगर ये गीत इतना प्रभावी बन पड़ा है तो इसमें संगीतकार हर्षित सक्सेना का बेहतरीन संगीत संयोजन और समीर के सहज पर मन को छूते शब्दों का भी हाथ है।
अगर आप टीवी चैनलों पर संगीत से जुड़े कार्यक्रम देखते हों तो हर्षित सक्सेना को जरूर पहचानते होंगे। अमूल स्टार वॉयस आफ इ्डिया में बतौर गायक अपने हुनर का परचम लहराने वाला लखनऊ का ये जवान आज उस गायक के साथ बतौर संगीत निर्देशक के काम कर रहा है जो कभी रियालटी शो में उनके जज की भुमिका निभाते थे। तोशी शाबरी की तरह हर्षित उन कुछ प्रतिभागियों में है जो संघर्ष कर कुछ हद तक मु्बई के फिल्म जगत में पैठ बनाने में सफ़ल हुए हैं। आज भी संगीतकार से ज्यादा वो अपने आप को गायक मानते हैं पर उस दिशा में अरिजित जैसी सफलता प्राप्त करने के लिए उन्हें एक लंबे और कठिन सफ़र के लिए तैयार रहना होगा।
फिल्म सुपर नानी के इस गीत का आरंभ गिटार व बाँसुरी की धुन से होता है। इंटरल्यूड्स में बाँसुरी का साथ देता आर्केस्ट्रा मन को सोहता है। सोनू निगम ने गीत में हो रहे सुरो से उतार चढ़ाव को बड़ी खूबसूरती से निभाया है। इस साल उनके गाए गीतों से ऐसा लग रहा है कि हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायिकी के प्रति पिछले कुछ सालों में उनके मन में जो उदासीनता आ गई थी उसे दूर हटाते हुए अपना पूरा ध्यान अब वो अपनी गायिकी पर लगा रहे हैं। तो आइए सुनते हैं उनकी आवाज़ में ये नग्मा..
पलकें ना भिगोना, ना उदास होना
तुझको है कसम मेरी, अब कभी ना रोना
तूने मुस्कान दी, सबको पहचान दी
सबपे वार दी ज़िन्दगी
दुःख सबका लिया,दी है सबको ख़ुशी
कोई शिकवा किया ना कभी
सूरज, चंदा, ज़मीन, आसमान
कोई तुझसा नहीं है यहाँ, नानी माँ.. नानी माँ ..
मेरी माँ भी बुलाये तुझे कह के माँ
तेरा दर्ज है रब से भी ऊँचा यहाँ
तेरे आँचल में धूप है साया
तूने ही जीना सबको सिखाया
सबपे लुटाती है जान नानी माँ.. नानी माँ ..
चोट खाती रही ज़ख्म सीती रही
तू तो औरों की खातिर ही जीती रही
तूने खुद को ना पहचाना
मोल तेरा तूने ना जाना
तेरे दम से दोनों जहाँ, नानी माँ.. नानी माँ ..
- 01 क्या वहाँ दिन है अभी भी पापा तुम रहते जहाँ हो Papa
- 02 मनवा लागे, लागे रे साँवरे Manwa Lage
- 03 काफी नहीं है चाँद हमारे लिए अभी Kaafi Nahin hai Chaand
- 04 शीशे का समंदर, पानी की दीवारें. Sheeshe ka Samundar !
- 05 मैं तैनू समझावाँ की . Main Tenu Samjhawan Ki ..
- 06 ज़हनसीब..ज़हनसीब, तुझे चाहूँ बेतहाशा ज़हनसीब .. Zehnaseeb
- 07. पटाखा गुड्डी ! (Patakha Guddi)
- 08. किन्ना सोणा यार हीर वेखदी नज़ारा .. Ranjha
- 09. ऐसे तेरा मैं, जैसे मेरा तू.. Jaise Mera Tu
- 10. अल्लाह वारियाँ..... Allah Waariyaan
- 11.चाँदनिया तो बरसे फिर क्यूँ मेरे हाथ अँधेरे लगदे ने. Chaandaniya
- 12. ये बावला सा सपना Ye Bawla sa Sapna
- 13. गुलों मे रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले Gulon Mein Rang Bhare.
- 14. मैं ढूँढने को ज़माने में जब वफ़ा निकला Main dhoondhne ko..
- 15. तेरी गलियाँ, गलियाँ तेरी गलियाँ Teri Galiyan
- 16. अर्जियाँ दे रहा है दिल आओ..Arziyan
- 17. कोई मुझको यूँ मिला है, जैसे बंजारे को घर .Banjara.
- 18. पलकें ना भिगोना, ना उदास होना...नानी माँ Nani Maan
- 19. चार कदम बस चार कदम, चल दो ना साथ मेरे Char Kadam
- 20. सोने दो .. ख़्वाब बोने दो Sone Do..
- 21. सूहा साहा Sooha Saaha
- 22. सुनो ना संगमरमर Suno Na Sangmarmar
- 23. दिलदारा Dildaara
- 24. पैर अनाड़ी ढूँढे कुल्हाड़ी Pair Anadi
- 25. नैना नूँ पता है, नैना दी ख़ता है Naina
- दावत ए इश्क़ वो ग्यारह रूमानी गीत जो अंतिम पच्चीस में स्थान बनाने से ज़रा से चूके
10 टिप्पणियाँ:
बहुत ही प्यारा गीत ....
अर्चना जी आप तो आजकल मायरा की नानी माँ होने का सुख उठा रही हैं..इस गीत ने तो आपके दिल को छूना ही था।
Manish-ji,
Aapke Blog ko main badi chaav se enjoy kar raha tha. Aap purane sumadhur geeton ke baare mein likhte the to majha aa jaati thi. lekin aajkal naye geet prastut hone lage to majha kirkira ho jaata hai. kanha kal ke woh gaane aur kanha aaj ke 'bam-chak bam-chak' besure geet.
Please palat aao.
भरत उपाध्याय जी आपने अपनी पसंद नापसंद का इज़हार किया, अच्छा लगा। पर इससे पहले पुराने गीतों पर आपकी राय पहले नहीं देखी।
हर व्यक्ति की अपनी पसंद होती है। जहाँ तक मेरा सवाल है मुझे संगीत से प्यार है और नए व पुराने का विभेद मैं नहीं करता। मुझे जो पसंद आता है उस पर लिखता हूँ। हर साल जनवरी और फरवरी का महीना एक शाम मेरे नाम पर पिछले साल के पच्चीस बेहतरीन गीतों के साथ वार्षिक संगीतमाला के रूप पेश किया जाता रहा है और ये सिलसिला पिछले दस सालों से ज़ारी है। फिर अगले महीनों में पुराने गीतों पर भी पहले की तरह बातें होती रहेंगी।
वैसे क्या आपने नानी माँ सुना ? नहीं सुना होगा। सुन कर देखिए और फिर बताइए कि क्या ये गीत बेसुरा है ?
Wah Nani Maa. Aaj pahli baar suna. Wah Sonu. Wah Harshit.
Wah Manish Ji.
पसंदगी का शुक्रिया सुमित !
"दादी अम्मा, दादी अम्मा …" और "नानी तेरी मोरनी …", ये दो गाने वाकई बचपन का एक अहम हिस्सा हैं। कैसेट में रिकॉर्ड ये गीत बचपन में कई-कई दफा रिवाइंड कर सुने हैं।
काफी वक़्त बाद नानी के उप्पर लिखा कोई गीत आया है, अच्छा लगा। गीत बहुत अच्छा तो नहीं लगा लेकिन ख़राब भी नहीं है।
दीपावली के समय यह मूवी आई थी. उस समय यूँ भी फॅमिली gathering के कारण परिवार पर प्यार उमड़ा हुआ था. लेकिन इस मूवी का दूसरा गीत "प्रभु मेरे घर को प्यार करो" ज़यादा ठीक लगा था, वह भी धुन के कारण.
अंकित व कंचन गीत के बारे में अपने विचार देने के लिए हार्दिक आभार ! सोनू निगम की गायिकी और संगीत मुझे इस गीत की विशेषता लगे।
बहुत प्यार मिला है नाना नानी माँ का
लव यू नाना जी
एक टिप्पणी भेजें