वार्षिक संगीतमाला की अगली सीढ़ी पर है स्वानंद, शान्तनु और शान की तिकड़ी। मुझे याद है कि इससे पहले इस तिकड़ी की भागीदारी से एक और गाना एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमाला की शोभा बढ़ा चुका है। वो गीत था फिल्म Three Idiots का और गाने के बोल थे बहती हवा सा था वो।
पाँच साल बाद इस तिकड़ी ने फिल्म पीके में एक और मधुर गीत की रचना की है।
मुझे ऐसा लगता रहा है कि शान जिस आवाज़ के मालिक हैं उसका सदुपयोग कुछ ही
संगीतकार कर पा रहे हैं। अपनी जानदार और ताज़ी आवाज़ से शान गीत के स्तर को
और उठाने में कामयाब रहे हैं। वैसे इस गीत की आख़िर में श्रेया घोषाल ने भी दो पंक्तियाँ के माध्यम से अपनी आवाज़ की मिठास घोली है। शान इस गीत की के बारे में कहते हैं...
सच कहूँ तो मुझे भी ये भरोसा नहीं था कि इस गीत को इतनी सफलता मिलेगी। शायद इसकी वज़ह ये है कि इसमें तेज बीट्स और ऊँचे सुर के बोल नहीं है। इस गीत को सुनकर एक गर्मजोशी भरे प्यार का ख्याल आता है। ये मेरे गाए बेहतरीन गीतों में से एक है। बेल्जियम के उस पुल पर जहाँ ये गीत फिल्माया गया है, से मेरी यादें जुड़ी हैं क्यूँकि वहाँ सपरिवार मैं छुट्टियाँ मनाने जा चुका हूँ।
स्वानंद किरकिरे के लेखन का मैं शुरुआती दिनों से प्रशंसक रहा हूँ और विगत वर्षों की वार्षिक संगीतमालाओं में उनके डेढ़ दर्जन गीत अपना स्थान बना चुके हैं। स्वानंद ने ये गीत पीके के लिए सोच कर नहीं लिखा था। कविता के रूप में ये गीत वो पहले ही लिख चुके थे और वो भी फेसबुक पर। जब अपनी फेसबुकिया कविता स्वानंद ने निर्देशक राजकुमार हिरानी को सुनाई तो उन्होंने जस का तस इसे फिल्म में ले लिया।
शान्तनु मोइत्रा इस फिल्म के लिए संगीतबद्ध गीतों में इस गीत को अपना पसंदीदा मानते हैं। शान्तनु के दिमाग में इस रोमांटिक गीत की धुन तैयार करते हुए दो बातें थीं एक तो यूरोप और दूसरा वहाँ का नृत्य वाल्टज़ (Waltz)। इन्हीं दोनों पहलुओं ने उन्हें गीत का मूड बनाने में मदद की। पियानो, गिटार और इंटरल्यूड्स में यूरोपीय कोरस का सहारा ले के उन्होंने ये माहौल खूबसूरती से रचा भी है। हालांकि उन पर ये आरोप भी लगे कि इस धुन को उन्होंने फिल्म Beyond Sunset के गीत Waltz for a night पर आधारित कर बनाया।
मैंने जब ये गीत सुना तो पाया कि दोनों गीतों के बोल तो अलग हैं ही, धुन की शुरुआत में भी हल्की सी साम्यता है पर उसे उन्होंने इस गीत में एक अलग ढंग से विकसित किया है। बहरहाल उस गीत की धुन तुलना के लिए आप यहाँ सुन सकते हैं। इसलिए मुझे इस आरोप में ज्यादा दम नहीं लगा । बहरहाल आइए अब सुनें ये गीत
बिन पुछे मेरा नाम और पता, रस्मों को रख के परे
चार कदम बस चार कदम, चल दो ना साथ मेरे बिन कुछ कहे, बिन कुछ सुने, हाथों में हाथ लिए
चार कदम बस चार कदम, चल दो ना साथ मेरे
राहों में तुमको जो धूप सताए, छाँव बिछा देंगे हम
अंधेरे डराए तो जा कर फलक पे चाँद सज़ा देंगे हम
छाए उदासी लतीफ़े सुना कर तुझको हँसा देंगे हम
हँसते हँसाते यूँही गुनगुनाते चल देंगे चार कदम
तुमसा मिले जो कोई रहगुज़र, दुनिया से कौन डरे
चार कदम क्या सारी उमर, चल दूँगी साथ तेरे क्यूँ
फिल्म में अनुष्का और सुशांत के पहली बार मिलने से ले कर रिश्तों में बँधने का प्रसंगइस गीत के माध्यम से बस चार मिनटों में ही निपटा दिया गया। हॉल में जब मैं ये फिल्म देख रहा था तो गीत खत्म होते के साथ बगल की सीट से आवाज़ आई I swear..It was damn quick man और मैं बड़ी मुश्किल से अपनी हँसी रोक पाया। बहरहाल ये रहा इस गीत का वीडियो..
वार्षिक संगीतमाला 2014
- 01 क्या वहाँ दिन है अभी भी पापा तुम रहते जहाँ हो Papa
- 02 मनवा लागे, लागे रे साँवरे Manwa Lage
- 03 काफी नहीं है चाँद हमारे लिए अभी Kaafi Nahin hai Chaand
- 04 शीशे का समंदर, पानी की दीवारें. Sheeshe ka Samundar !
- 05 मैं तैनू समझावाँ की . Main Tenu Samjhawan Ki ..
- 06 ज़हनसीब..ज़हनसीब, तुझे चाहूँ बेतहाशा ज़हनसीब .. Zehnaseeb
- 07. पटाखा गुड्डी ! (Patakha Guddi)
- 08. किन्ना सोणा यार हीर वेखदी नज़ारा .. Ranjha
- 09. ऐसे तेरा मैं, जैसे मेरा तू.. Jaise Mera Tu
- 10. अल्लाह वारियाँ..... Allah Waariyaan
- 11.चाँदनिया तो बरसे फिर क्यूँ मेरे हाथ अँधेरे लगदे ने. Chaandaniya
- 12. ये बावला सा सपना Ye Bawla sa Sapna
- 13. गुलों मे रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले Gulon Mein Rang Bhare.
- 14. मैं ढूँढने को ज़माने में जब वफ़ा निकला Main dhoondhne ko..
- 15. तेरी गलियाँ, गलियाँ तेरी गलियाँ Teri Galiyan
- 16. अर्जियाँ दे रहा है दिल आओ..Arziyan
- 17. कोई मुझको यूँ मिला है, जैसे बंजारे को घर .Banjara.
- 18. पलकें ना भिगोना, ना उदास होना...नानी माँ Nani Maan
- 19. चार कदम बस चार कदम, चल दो ना साथ मेरे Char Kadam
- 20. सोने दो .. ख़्वाब बोने दो Sone Do..
- 21. सूहा साहा Sooha Saaha
- 22. सुनो ना संगमरमर Suno Na Sangmarmar
- 23. दिलदारा Dildaara
- 24. पैर अनाड़ी ढूँढे कुल्हाड़ी Pair Anadi
- 25. नैना नूँ पता है, नैना दी ख़ता है Naina
- दावत ए इश्क़ वो ग्यारह रूमानी गीत जो अंतिम पच्चीस में स्थान बनाने से ज़रा से चूके
3 टिप्पणियाँ:
एक खूबसूरत लाइट सांग। कानों में हौले हौले से घुलता जाता है और धीरे धीरे लबों पर गुनगुना उठता है।
स्वानंद का मैं बिग फैन हूँ। शांतनु अपने समकालीन संगीतकारों से अलग खड़े नज़र आते हैं हालांकि इस बार pk में वो थोडा कमज़ोर लगे लेकिन उनका स्तर नहीं गिरा।
शान ने क्या अच्छे से जस्टिफाई किया है ये माने बिना बात अधूरी रह जायेगी।
ahhaaa!!!!! :)
कानों में हौले हौले से घुलता जाता है और धीरे धीरे लबों पर गुनगुना उठता है।
वाह अंकित प्यारा विश्लेषण है !
पसंदगी का शुक्रिया लोरी !
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