वार्षिक संगीतमाला के पिछले मस्ती भरे गीतों से उलट बाइसवीं पायदान का गीत ले चल रहा है आपको विशुद्ध रोमांटिक माहौल में। ये गीत है इमरान हाशमी की फिल्म मिस्टर X का और इसे अपनी आवाज़ दी है अंकित तिवारी ने।
अंकित तिवारी को आज की युवा पीढ़ी खूब प्यार देती है। क्यूँ ना दें भला ? आशिकी 2 के उन के लव एन्थम सुन रहा है ना तू को सारे देश ने कई कई बार सुना था। भक्ति संगीत से जुड़ी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बीच कानपुर की गलियों से निकला ये युवक इतनी जल्दी देश का रॉकस्टार बन जाएगा, किसने सोचा था? वैसे फिर भी उनकी गायिकी को वनहिट वंडर कह के ठुकराने वाले भी कम नहीं थे। उस मिथक को तोड़ने के लिए उन्हे् एक विलेन के गीत तेरी गलियाँ तक का इंतज़ार करना पड़ा। वो गीत मेरी वार्षिक संगीतमाला में तो पिछले साल पन्द्रहवीं सीढ़ी पर रहा पर संगीतमाला की मेरी सारी पोस्टों में सबसे ज्यादा पढ़ा गया। कानपुर से मुंबई की उनकी यात्रा की कहानी तो यहाँ मैं आपको पहले ही बता चुका हूँ। मुंबई आने के बाद के छः सालों की ज़द्दोज़हद से उन्होंने अपना एक मुकाम तो बना लिया है पर सफलता नई चुनौतियाँ लाती है और इस बारे में वो कहते हैं
आशा है अंकित अपने को एक कोटि के गीतों में बाँधे नहीं रहेंगे जैसा कि उनपर इलज़ाम लगता रहा है। अभी भी लोग उन्हें सुनना चाहते हैं पर एकरूपता हीमेश रेशमिया जैसे कलाकारों को भी अर्श से फर्श पर ला पटकती है सो इसका उन्हें ध्यान रखना होगा। मिस्टर एक्स का ये गीत दिल को सुकून पहुँचाने वाला एक रूमानी गाना है। अंकित ने पूरे गीत में गिटार का अच्छा इस्तेमाल किया है।
अंकित तिवारी को आज की युवा पीढ़ी खूब प्यार देती है। क्यूँ ना दें भला ? आशिकी 2 के उन के लव एन्थम सुन रहा है ना तू को सारे देश ने कई कई बार सुना था। भक्ति संगीत से जुड़ी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बीच कानपुर की गलियों से निकला ये युवक इतनी जल्दी देश का रॉकस्टार बन जाएगा, किसने सोचा था? वैसे फिर भी उनकी गायिकी को वनहिट वंडर कह के ठुकराने वाले भी कम नहीं थे। उस मिथक को तोड़ने के लिए उन्हे् एक विलेन के गीत तेरी गलियाँ तक का इंतज़ार करना पड़ा। वो गीत मेरी वार्षिक संगीतमाला में तो पिछले साल पन्द्रहवीं सीढ़ी पर रहा पर संगीतमाला की मेरी सारी पोस्टों में सबसे ज्यादा पढ़ा गया। कानपुर से मुंबई की उनकी यात्रा की कहानी तो यहाँ मैं आपको पहले ही बता चुका हूँ। मुंबई आने के बाद के छः सालों की ज़द्दोज़हद से उन्होंने अपना एक मुकाम तो बना लिया है पर सफलता नई चुनौतियाँ लाती है और इस बारे में वो कहते हैं
"जीवन में संघर्ष कभी ख़त्म नहीं होता । कॉलेज में दोस्तों के साथ मस्ती करता था तो लगता उसके बाहर की दुनिया में मैं क्या कर पाऊँगा? संगीत की उंगली पकड़ मुंबई आया तो यही चिंता मन में समाई रही कि कब फिल्म में ब्रेक मिलेगा ? पहली दो फिल्में ठीक ठाक चली तो पर पहचान नहीं दिला पायीं तो लगा मेरी पहली फिल्म कब हिट होगी ? आशिकी 2 में वो भी हो गया तो फिर प्रश्न उठे कि क्या ये लड़का ऐसी सफलता दोहरा पाएगा? मेरी गलियाँ ने वो कर दिखाया पर अब भी चुनौती है उसी स्तर पर अपने आप को बरक़रार रखने की।"
आशा है अंकित अपने को एक कोटि के गीतों में बाँधे नहीं रहेंगे जैसा कि उनपर इलज़ाम लगता रहा है। अभी भी लोग उन्हें सुनना चाहते हैं पर एकरूपता हीमेश रेशमिया जैसे कलाकारों को भी अर्श से फर्श पर ला पटकती है सो इसका उन्हें ध्यान रखना होगा। मिस्टर एक्स का ये गीत दिल को सुकून पहुँचाने वाला एक रूमानी गाना है। अंकित ने पूरे गीत में गिटार का अच्छा इस्तेमाल किया है।
इस गीत के बोल लिखे हैं नवोदित युवा गीतकार मोहनीश रज़ा ने और फिल्मी कैरियर में ये उनकी शुरुआत है तो मुझे यकीन है कि आगे भी उनसे कुछ उम्दा नग्मों की उम्मीद की जा सकती है। इस गीत मैं उनकी लिखी ये पंक्ति मुझे खास प्यारी लगीं..तू मेरे चेहरे पे है, राहत सा जो ठहरा हुआ...मैं भी तेरे हाथों में, क़िस्मत सा हूँ, बिखरा हुआ.. वाह जी लिखते रहिए यूँ ही
अंकित तिवारी से तो इस गीतमाला में आगे भी मुलाकात होगी। अभी तो सुन लीजिए ये प्यारा सा नग्मा..
अंकित तिवारी से तो इस गीतमाला में आगे भी मुलाकात होगी। अभी तो सुन लीजिए ये प्यारा सा नग्मा..
तेरी साँसों की साँस में
जो हूँ तो मैं हूँ
तेरे ख्वाबों की आँच में
जो हूँ तो मैं हूँ
तेरे होने से ही मेरा होना है
तुझको खोना जैसे खुदको खोना
तू जो है तो मैं हूँ, यूँ जो है तो मैं हूँ
बिन तेरे मेरा क्या है
जिसको सुनू जिसको कहूँ
बिन तेरे मुझ में क्या है
जिसको जियूँ जिस में रहूँ
तुझ में ही दुनिया मेरी है
तेरे एक पल में सदियां मेरी
बिन तेरे मैं सेहरा सा हूँ
बिन तेरे मैं क़तरा भी नहीं
तेरे होने से ही मेरा होना है...
तू मेरे चेहरे पे है
राहत सा जो ठहरा हुआ
मैं भी तेरे हाथों में
क़िस्मत सा हूँ, बिखरा हुआ
तू मेरी रूह सा है
तुझको छू के मैं ज़िंदा लगूँ
जब भी मैं मुझको देखूँ
मुझ में भी मैं तुझ सा लगूँतेरे होने से ही मेरा होना है...
9 टिप्पणियाँ:
रॉय फ़िल्म की 'तू है के नहीं' गाने की झलक अंकित तिवारी के ज्यादातर गाने में सुनाई देती है।चाहे वो ये गीत ही हो या hero splendor के Ad का गीत 'चलता रहे' हो या अभी वज़ीर फ़िल्म में 'तू मेरे पास' हो।
मैं अपनी पसंद से कहूँ तो ये गीत इन पायदानों में नहीं आना चाहिए था(माफ़ी)
हाँ गीत के बोल अच्छे जरूर हैं और एक गीत के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही आप उसे जगह देते हैं तो इस वज़ह से ये गीत आ गया !
मुझे भी यही लगा था और इसीलिए ये गीत तू है के नहीं.. से नीचे है। मैंने आलेख में लिखा भी है कि
आशा है अंकित अपने को एक कोटि के गीतों में बाँधे नहीं रहेंगे जैसा कि उनपर इलज़ाम लगता रहा है। अभी भी लोग उन्हें सुनना चाहते हैं पर एकरूपता हीमेश रेशमिया जैसे कलाकारों को भी अर्श से फर्श पर ला पटकती है सो इसका उन्हें ध्यान रखना होगा।
फिर भी मुझे ये गीत सुनना पसंद है क्यूँकि इसके बोल और मेलोडी मेरे मन को सुकून पहुँचाते हैं और इसीलिए ये मेरी सूची में नीचे ही सही पर है। :)
घर में नई जनरेशन सुनती है इस गीत को.
एक दूजे के लिए बना सुन्दर गीत ...
कंचन यानि आपने अपने को ओल्ड जेनेरेशन में मान लिया :p
हाँ कविता जी पहले पहले प्यार की सोंधी महक है इस गीत में
सुन्दर गीत
Ankit is flavor of the season. Bas itna hi kahunga,abhi manzil door hai unse. Jaise itne samay ke baad bhi Arijit Singh bhi mature nahi hue hain poori tarah apni singing mein.
मृत्युंजय गीत पसंद करने का शुक्रिया !
सुमित अंकित की गायिकी में सुधार की गुंजाइश जरूर है। रही बात अरिजित की तो वो अंकित से बेहतर गायक हैं, सीखता तो हर कलाकार ताउम्र है और अरिजित के पास काफी वक़्त पड़ा है।
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