शुक्रवार, मई 06, 2016

मैं रहूँ या ना रहूँ ...तुम मुझ में कहीं बाकी रहना Main Rahoon Ya Na Rahoon

अंग्रेजी गानों की तरह बाजार में म्यूजिक वीडियो उतारने का सिलसिला बहुत पुराना नहीं है।  एक दशक पहले की ही तो बात है हीमेश रेशमिया के म्यूजिक एलबम को लोगों ने इतना हाथों हाथ लिया था कि शादी विवाह में जाना मुश्किल हो गया था । जहाँ देखो झलक दिखला जा...आ जा आ जा आ जा ख़ैर पागलपन का वो दौर साल भर चला और फिर थम सा गया। पर पिछले साल टी सीरीज ने सिंगल्स को नए तरीके से बाजार में निकाला। म्यूजिक वीडियो में कलाकार को ना तरज़ीह देकर बड़े बड़े अदाकारों को लिया गया। जाने माने निर्देशकों को फिल्म को शूट करने का काम मिला। गीतों को देख कर विश्वास ही नहीं हुआ कि ये किसी फिल्म के नहीं हैं।


ऐसा ही एक सिंगल रिलीज़ हुआ नवंबर में जो फिल्माया गया इमरान हाशमी और ईशा गुप्ता की जोड़ी पर। क्या बोल रचे रश्मि विराग की जोड़ी ने। हमारी अधूरी कहानीमें इनके लिखे गीतों ने काफी यश कमाया था। इस गीत में कितना हिस्सा रश्मि सिंह और कितना विराग मिश्रा का था ये तो वही जानते हैं पर गीतकार के साथ साथ  इस पति पत्नी की जोड़ी के लिखे गीतों में ये गीत मुझे सबसे बेहतरीन लगता है।


कितनी मासूमियत, कितनी पवित्रता, कितना अपनापन है इस गीत के बोलों में! कितना सलोना सा मुखड़ा रचा इन्होंने मैं रहूँ या ना रहूँ तु मुझ में कहीं बाकी रहना । जितना प्यारा मुखड़ा है उतनी ही नर्मी अंतरों में भी है। प्रकृति के रूपों में अपने हमदम को महसूस करने की बात उन्होंने तरह तरह से कही है। कभी बारिश, कभी धूप तो कभी हवाओं का सहारा ले के। एक बानगी देखिए....

हवाओं में लिपटा हुआ मैं 
गुज़र जाऊँगा तुमको छू के 
अगर मन हो तो रोक लेना 
ठहर जाऊँगा इन लबों पे

हाय ! ऐसे अंतरे को सुन के कौन ना मचल मचल जाए। वैसे प्रेम की परिणिति है ही वो स्थिति जहाँ कुछ नहीं कहते हुए भी अपने अंदर की भावनाओं के ज्वार को हम उन तक पहुँचा देते हैं इसलिए तो गीतकार ने लिखा है कुछ कहूँ  या ना  कहूँ...तुम मुझको सदा सुनते रहना.। रश्मि का ख़ुद अपने गीतों के बारे में कहना है
"मेरे गीत दर्द, प्यार और आशा का एक खुला ख़त है। मैं चाहती हूँ कि इन्हें हर कोई पढ़े। दुनिया से जाने के बाद लोग मेरे गीतों को याद रखें और उन्हें सुनकर मुस्कुराएँ। आप मेरे गीतों को उन तिनकों की तरह समझ सकते हैं जो मैंने आपके दिल रूपी सागर की तरफ फेंका  है। मैं रहूँ या ना रहूँ के ज़रिए बतौर लेखक मैंने बेहतर करने की कोशिश की है अपने आप को सहज, विनम्र और बेफिक्र रखते हुए।"
संगीतकार अमल मलिक (जो संगीतकार अनु मलिक के भतीजे हैं) कहते हैं कि जब मैंने रश्मि विराग के इन खूबसूरत शब्दों को सुना तो मुझे लगा कि इसमें गायक की आवाज़ को ही ऊपर रखना होगा गिटार, पियानो और बॉस को अंडरप्ले करते हुए। अमल की इस मधुर संगीत रचना ने रश्मि विराग के बोलों में एक नई जान फूँक दी और बाकी का काम तो उनके छोटे भाई अरमान मलिक ने अपनी गायिकी से बखूबी किया ही।



मैं रहूँ या ना रहूँ 
तुम मुझ में कहीं बाकी रहना 
मुझे नींद आये जो आखिरी 
तुम ख्वाबों में आते रहना
बस इतना है तुमसे कहना...
मैं रहूँ या ना रहूँ ...

किसी रोज़ बारिश  जो आये 
समझ लेना बूँदों  में मैं हूँ 
सुबह धूप तुमको सताए 
समझ लेना किरणों में मैं हूँ  

कुछ कहूँ  या ना  कहूँ 
तुम मुझको सदा सुनते रहना
बस इतना है तुमसे कहना...

हवाओं में लिपटा हुआ मैं 
गुज़र जाऊँगा तुमको छू के 
अगर मन हो तो रोक लेना 
ठहर जाऊँगा इन लबों पे

मैं दिखूँ  या ना दिखूँ 
तुम मुझको महसूस करना
मैं रहूँ या ना रहूँ 
तुम मुझ में कहीं बाकी रहना 

गीत के वीडियो की शूटिंग हुई गोवा में और इमरान और ईशा की जोड़ी को लोगों ने इस वीडियो में खासा पसंद भी किया । इमरान कहते हैं कि इस गीत की मेलोडी और बोल एक बार सुनते ही मैंने इसे करने की हामी निर्माता भूषण कुमार को दे दी थी। हाँ, पर एक मुगालता रह गया कि मेरी फिल्मों के उलट, यहाँ लड़की मुझे नहीं मिली।




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9 टिप्पणियाँ:

Rajesh Goyal on मई 07, 2016 ने कहा…

बेहतरीन...

Kumar Nayansingh on मई 08, 2016 ने कहा…

यू ट्यूब पर कई बार देखा तब दिमाग की बत्ती जली की सेव ही कर लिया जाए। सो बामुलायजा सेव हो गया है। अब जब मन तभी देख लेता हूँ।

Manish Kumar on मई 08, 2016 ने कहा…

राजेश गोयल गीत आपको भी अच्छा लगा जानकार खुशी हुई।

कुमार नयन हाँ बड़ा प्यारा नग्मा है।

Anurag Arya on मई 08, 2016 ने कहा…

Imran Hashmi lucky hai unke jimme kai shandar geet aaye hai

Manish Kumar on मई 08, 2016 ने कहा…

सही कह रहे है। इसकी एक वज़ह भट्ट खानदान का उन पर मेहरबान होना है जो अपनी फिल्मों में संगीत पर काफी ध्यान देता है। यहाँ तो फिल्म भी नहीं थी सिर्फ म्यूजिक वीडियो था पर भूषण कुमार को लगाा कि इमरान की लवर ब्वॉय वाली इमेज पर जँचेगा।

Rashmi Virag on मई 08, 2016 ने कहा…

The review is more beautiful than the song...thank you

Manish Kumar on मई 08, 2016 ने कहा…

शुक्रिया कि आपको मेरी समीक्षा अच्छी लगी। गीत तो अपने शब्दों से श्रोताओं के मन में जादू जगाते रहते हैं। उनसे मन में जो कोमल भावनाएँ फूटती हैं वो गीत से जनित हो सकती हैं बेहतर नहीं। ऊपरवाले से यही गुजारिश है कि वो आप दोनों की कलम को और शक्ति दे और उससे भी ज्यादा ऐसे अवसर दे जहाँ आप दोनों अपनी लेखनी का कमाल दिखला सकें।

Chandan Raj on मई 14, 2016 ने कहा…

amazing review.. truly touched

मन्टू कुमार on जून 24, 2016 ने कहा…

गीत के बोल,सुर,आवाज़,निर्देशन सब बेहतरीन...इस समीक्षा के जैसे

 

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