रविवार, सितंबर 11, 2016

तुझमें खोया रहूँ मैं , मुझमें खोयी रहे तू... खुद को ढूँढ लेंगे फिर कभी : मधुर है M S Dhoni The Untold Story का संगीत

जिस दो किमी के रास्ते से आप सुबह शाम आफिस जाते हों। जहाँ के मैदानों में घूमते टहलते या खेल का आनंद लेने के लिए कई हँसती मुस्कुराती सुबहें आपने फुर्सत में गुजारी हों। जिस मोहल्ले में आपके साथी सहकर्मी रहते हों उन्हें सिनेमा के रूपहले पर्दे पर देखना कितना रोमांचक होगा। धोनी अपने जीवन पर बनी फिल्म M S Dhoni The Untold Story की बदौलत हमारे चौक चौबारों को आपके ड्राइंगरूम तक ले आए हैं। फिल्म के रिलीज़ होने में अभी भी लगभग तीन हफ्तों का समय शेष है पर पिछले महीने से इसके गाने पहले आडियो और फिर वीडियो के रूप में रिलीज़ हो रहे हैं। फिल्म ने आशाएँ तो जगा दी हैं पर फिलहाल तो इसका संगीत हमारे सामने है तो क्यूँ ना उसके बारे में थोड़ी बातें कर लें।

M S Dhoni The Untold Story नीरज पांडे द्वारा निर्देशित फिल्म हैं। ये वहीं नीरज पांडे हैं जिन्होंने A Wednesday, Special 26, Baby और हाल फिलहाल में रुस्तम जैसी सफल फिल्म का निर्देशन किया है। फिल्म का संगीत निर्देशन किया है उभरते हुए संगीतकार गीतकार अमाल मलिक ने व  किरदारों की भावनाओं को शब्द दिए हैं गीतकार  मनोज मुन्तशिर ने।



फिल्म में यूँ तो कुल छः गाने हैं। अगर आप पूरा एलबम सुनेंगे तो आप समझ लेंगे कि हर गीत धोनी की ज़िदगी के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा हुआ है।  फुटबाल से क्रिकेट का खिलाड़ी बनना, बतौर क्रिकेटर स्कूल व फिर झारखंड की रणजी टीम में चयनित होना। पिता के दबाव में क्रिकेट के साथ टीटी की नौकरी करना और फिर झारखंड जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीम से भारत के लिए चयनित होना। बेसब्रियाँ, धोनी की इन छोटे छोटे सपनों को पूरा कर एक बड़े स्वप्न की ओर कदम बढ़ाने की इसी ज़द्दोज़हद को व्यक्त करता है। 

कौन तुझे गर उनके पहले प्रेम की आवाज़ है तो फिर कभी उसी प्रेम में रचता बसता उस रिश्ते को बड़े प्यारे तरीके से आगे बढ़ाता है। वक़्त के हाथ कैसे इस रिश्ते को अनायास ही तोड़ देते हैं वो तो आप फिल्म में ही देखियेगा। फिल्म का अगला गीत जब तक उनकी ज़िदगी में नए शख़्स के आने की बात करता है। परवाह नहीं में जीवन की राह में लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश है तो पढ़ोगे लिखोगे बनोगे खराब खेलोगे कूदेगे बनोगे नवाब दशकों से घर घर में कही जा रही है हमारी कहावत को उल्टा कर माता पिता के परम्परागत दृष्टिकोण को बदलने की चुटीली कोशिश करता है।


अमाल मलिक का संगीत कुछ अलग सा भले नहीं हो पर उसमें मधुरता पूरी है। परवाह नहीं छोड़ दें जिसकी प्रकृति भिन्न है तो बाकी गीत  हवा के नरम फाहों की तरह कानों को सुकून देते हुए कब खत्म हो जाते हैं पता ही नहीं लगता। गिटार और पियानो का जैसा प्रयोग उन्होंने किया है वो मन को सोहता है। गीत के बोलों पर वे संगीत को हावी नहीं होने देते। बेसब्रियाँ में उनका संगीत संयोजन अमित त्रिवेदी की फिल्म उड़ान की याद दिलाता है तो फिर कभी के इंटरल्यूड्स प्रीतम के गीत जाने क्या चाहे मन बावरा से प्रभावित दिखते हैं।



मनोज मुन्तशिर की शब्द रचना नीरज पांडे की फिल्म बेबी में उनके गीत मैं तुझसे प्यार नहीं करती में मुझे बहुत प्यारी लगी थी। रही इस फिल्म की बात तो उन्होंने इस एलबम के हर गीत में कुछ पंक्तियाँ ऍसी दी हैं जो आपके ज़ेहन से जल्दी नहीं जाएँगी। "बेसब्रियाँ " के इन प्रेरणादायक बोलों पर गौर करें

क्या ये उजाले, क्या ये अँधेरे....दोनों से आगे हैं मंज़र तेरे
क्यूँ रोशनी तू बाहर तलाशे.. तेरी मशाले हैं अंदर तेरे

"जब तक" में उनका ये रूमानी अंदाज़ भी खूब भाने वाला है युवाओं को

जब तक मेरी उँगलियाँ तेरे बालों से कुछ कह ना लें
जब तक तेरी लहर में ख्वाहिशें मेरी बह ना लें
हाँ मेरे पास तुम रहो जाने की बात ना करो..

या फिर पलक की मिश्री सी आवाज़ में गाए हुए गीत "कौन तुझे" की इन पंक्तियों को लें।

तू जो मुझे आ मिला सपने हुए सरफिरे
हाथों में आते नहीं, उड़ते हैं लम्हे मेरे

पर मनोज की जो पंक्तियाँ फिलहाल मेरे होठों पर हैं वो है गीत फिर कभी से जिसे अरिजीत सिंह ने अपनी आवाज़ दी है..

तुझमें खोया रहूँ मैं , मुझमें खोयी रहे तू
खुद को ढूँढ लेंगे फिर कभी
तुझसे मिलता रहूँ मैं, मुझसे मिलती रहे तू
ख़ुद से हम मिलेंगे फिर कभी, हाँ फिर कभी


बेहद सहजता व आसान लफ़्जों में प्रभावी ढंग से आम लोगों की मोहब्बत की कहानी कह दी है मनोज मुन्तशिर ने। तो सुनिए ये पूरा एलबम और बताइए कौन सा गाना आपको सबसे ज्यादा पसंद आया इस एलबम का...
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11 टिप्पणियाँ:

Amaal Malik on सितंबर 12, 2016 ने कहा…

Thank you sir :)

Manish Kumar on सितंबर 12, 2016 ने कहा…

Amaal You have knack of creating melodies. Keep going & please our ears with your talent in future also.

Mohammad Faisal Aadeez on सितंबर 12, 2016 ने कहा…

Amaal is a magic man....Truly amazing. . .My bro :)

Manoj Muntashir on सितंबर 12, 2016 ने कहा…

Manish Kumar ji... Thankyou so much for a wonderful lowdown on our music. I am glad you liked it.

Manish Kumar on सितंबर 12, 2016 ने कहा…

Manoj & Amaalआजकल के गीतों में सुकून कहीं खो सा गया है। और जब बात मोहब्बत की होती है तो गीत मरं एक ठहराव, एक कविता और पीछे बहती संगीत की मधुरता सुननेवाले को उस मूड में डालने के लिए जरूरी है। और आप दोनों ने इस फिल्म के रोमांटिक गीतों में इस बात का ध्यान रखा है। बाकी पूरा एलबम धोनी की कहानी को साथ लिए चलता है। इस अच्छे प्रयास के लिए आप दोनों को हार्दिक बधाई।

Kumar Nayan Singh on सितंबर 12, 2016 ने कहा…

Mujhe to MS Dhoni hi bahut pasand hain aur is kaaran unse judi har ek cheej.

Abhishek Awasthi on सितंबर 12, 2016 ने कहा…

Awesome lyrics music u all

Parul kanani on सितंबर 12, 2016 ने कहा…


awesome music
eager to watch!!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' on सितंबर 12, 2016 ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (13-09-2016) को "खूब फूलो और फलो बेटा नितिन!" (चर्चा अंक-2464)) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Manish Kumar on सितंबर 16, 2016 ने कहा…

पारुल, अभिषेक व कुमार नयन आशा है ये फिल्म अपने गीतों की तरह हमारी आकांक्षाओं पर खरा उतरे।

शास्त्री जी हार्दिक आभार

HindIndia on नवंबर 27, 2016 ने कहा…

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति …. very nice article …. Thanks for sharing this!! 🙂

 

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