चार दिन चलने वाले छठ पर्व का शुभांरभ हो चुका है और छठ के आगमन के पहले ही छठ मइया के पारम्परिक गीतों से बिहार, झारखंड, नेपाल के तराई और पूर्वी उत्तरप्रदेश के इलाके गुंजायमान हैं। बचपन में पटना में रहते हुए इस पर्व को अपने चारों ओर मनते हुए एक बाहरी दर्शक के तौर पर देखा है। सारे पर्व त्योहारों में मुझे यही एक पर्व ऐसा दिखता है जिसमें आस्था की पवित्रता किसी दिखावे से ज्यादा प्रगाढ़ता से दिखाई देती है।
छठ के गीत बिहार के सबसे लोकप्रिय लोकगीतों में अपना स्थान रखते हैं। एक ही मूल धुन में गाए जाने वाले आस्था के इन सरल गीतों में एक करुणा है, एक मिठास है, जिससे हर कोई जुड़ता चला जाता है। यूँ तो छठ के गीतों को अनुराधा पोडवाल से लेकर कल्पना पोटवारी और देवी जैसे कलाकारों ने अपनी आवाज़ दी है पर छठ गीतों में जान फूँकने में लोक गायिका व पद्मश्री से सम्मानित शारदा सिन्हा का अभूतपूर्व योगदान है।
शारदा सिन्हा Sharda Sinha |
पर इससे पहले कि इस गीत की बात करूँ इस पर्व की जटिलताओं से आपका परिचय करा दूँ। सूर्य की अराधना में चार दिन चलने वाले इस पर्व की शुरुआत दीपावली के ठीक चार दिन बाद से होती है। पर्व का पहला दिन नहाए खाए कहलाता है यानि इस दिन व्रती नहा धो और पूजा कर चावल और लौकी मिश्रित चना दाल का भोजन करता है। पर्व के दौरान शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। व्रती बाकी लोगों से अलग सोता है। अगली शाम रत रोटी व गुड़ की खीर के भोजन से टूटता है और इसे खरना कहा जाता है। इसे मिट्टी की चूल्हे और आम की लकड़ी में पकाया जाता है। इसके बाद का निर्जला व्रत 36 घंटे का होता है। दीपावली के छठे दिन यानि इस त्योहार के तीसरे दिन डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता है और फिर अगली सुबह उगते हुए सूर्य को। इस अर्घ्य के बाद ही व्रती अपना व्रत तोड़ पाता है।
त्योहार में नारियल, केले के घौद, ईख का चढ़ावा चढ़ता है, इसलिए छठ के हर गीत में आप इसका जिक्र जरूर पाएँगे। ये व्रत इतना कठिन है कि इसे लगातार कर पाना कामकाजी महिला तो छोड़िए घर में रहने वाली महिला के लिए आसान नहीं है। पर पूरा परिवार घुल मिलकर ये पर्व मनाता है तो व्रतियों में वो शक्ति आ ही जाती है। एकल परिवारों में छठ मनाने की घटती परंपरा को ध्यान में रखते हुए शारदा जी ने एक खूबसूरत गीत रचा है जिसके बोल हैं हृदय मोहन झा के और संगीत है आदित्य देव का। गीत के बोल कुछ यूँ हैं
पहिले पहिल हम कइलीं , छठी मइया व्रत तोहार
करिह क्षमा छठी मइया, भूल-चूक गलती हमार
गोदी के बलकवा के दीह, छठी मइया ममता-दुलार
पिया के सनेहिया बनइह, मइया दीह सुख-सार.
नारियल-केरवा घउदवा, साजल नदिया किनार.
सुनिहा अरज छठी मइया, बढ़े कुल-परिवार.
घाट सजेवली मनोहर, मइया तोरा भगती अपार.
लिहिना अरगिया हे मइया, दीहीं आशीष हजार.
पहिले पहिल हम कइलीं , छठी मइया व्रत तोहार
करिहा क्षमा छठी मइया, भूल-चूक गलती हमार
वैसे तो भोजपुरी हिंदी से काफी मिलती जुलती है पर जो लोग इस भाषा से परिचित नहीं है उन्हें इस गीत के मायने बता देता हूँ
छठी मैया मैं पहली बार आपकी उपासना में व्रत कर रही हूँ। अगर कोई भूल हो जाए तो मुझे माफ कर देना। ये जो मेरी गोद में नन्हा-मुन्हा खेल रहा है, माँ तुम उसे अपनी ममता देना। माँ तुम्हारे आशीर्वाद से पति का मेरे प्रति स्नेह और मेरे जीवन की खुशियाँ बनी रहें। तुम्हारी आराधना के लिए नारियल व केले के घौद को सूप में सुंदरता से सजाकर मैं नदी घाट किनारे आ चुकी हूँ। मेर विनती सुनना मैया और मेरे घर परिवार को फलने फूलने का आशीष देना। (यहाँ छठी मैया से तात्पर्य सूर्य की पत्नी उषा से है।)
वीडियो में एक जगह घर की बहू इस बात को कहती है कि घर में जो छठ मनाने की परंपरा है उसे मैं खत्म नहीं होने दूँगी। अच्छा होता कि पति पत्नी दोनों मिलकर यही बात कहते क्यूँकि छठ एक ऐसा पर्व है जिसे पुरुष भी करते हैं। आख़िर परंपरा तो पूरे परिवार के लिए हैं ना, तो उसके निर्वहन की जिम्मेवारी भी पूरे परिवार की है।
वीडियो में एक जगह घर की बहू इस बात को कहती है कि घर में जो छठ मनाने की परंपरा है उसे मैं खत्म नहीं होने दूँगी। अच्छा होता कि पति पत्नी दोनों मिलकर यही बात कहते क्यूँकि छठ एक ऐसा पर्व है जिसे पुरुष भी करते हैं। आख़िर परंपरा तो पूरे परिवार के लिए हैं ना, तो उसके निर्वहन की जिम्मेवारी भी पूरे परिवार की है।
इस वीडियो में नज़र आए हैं भोजपुरी फिल्मों के नायक क्रांति प्रकाश झा और दक्षिण भारतीय फिल्मों और टीवी पर नज़र आने वाली अभिनेत्री क्रिस्टीन जेडक। संगीतकार आदित्य देव का गीत में बाँसुरी का प्रयोग मन को सोहता है। तो बताइए कैसा लगा आपको ये छठ गीत ?
26 टिप्पणियाँ:
अभी-अभी यही वेडिओ देखा। इमोशनल करने वाला वीडियो !
2-3 दिन पहले देखा था यह वीडियो और तबसे बीसियों बार सुन चुका हूँ। शारदा जी की आवाज़ का फ़ैन "कहे तोसे सजनी" और "तार बिजली से पतले" जैसे गीतों के माध्यम से मैं पहले से ही हूँ।
शारदा जी के गीत और वीडियो सभी बहुत सुन्दर हैं । Share करने केलिए धन्यवाद ।
छठ के गीत, मतलब शारदा सिन्हा। वो अमर हो गयी हैं जीतेजी इन गीतों के साथ। अब इस दुनिया में जब तक छठ के गीत बजेंगे, शारदा सिन्हा जी की आवाज दिलों को सुकून पहुँचाएगी। जो इस पावन पर्व में अपने घर नहीं आ सकते वो इनकी आवाज में गीत सुनकर ही संतोष करते हैं। पता नहीं क्या नाता रिश्ता सा महसूस होता है इनकी खरखरी सी आवाज से। शायद बचपन से दिमाग में इनके गीत रचे बसे हैं, इसीलिए। जय छठी मईया की।
आज ही #WhatSapp ये विडियो देखा... दिल को भावुक कर गया... और शारदा जी के लिए तो कोई भी शब्द कम पड़ जाता है... छठ पर्व की अनेक शुभकामनाएं सर जी...
हम लोग छठ को miss कर रहे है इधर भी स्कन्द शषठी मनाते है I भगवान KARTHIK का पूजा होती है I
Kumar Nayan Singh शारदा जी का स्थान अलहदा है बिहार के लोक गायकों में। छठ के गीत को गाते गाते मन भींग जाता है हमेशा़।शारदा जी का स्थान अलहदा है बिहार के लोक गायकों में। छठ के गीत को गाते गाते मन भींग जाता है हमेशा़।
Kanchan Manish Kaushal हाँ भावुक करने वाला वीडियो तो है ही।
विवेक जी, ममता जी आप सब को ये गीत भी पसंद आया जानकर प्रसन्नता हुई।
वेंकट हाँ यहाँ तो छठ के गीतों से माहौल छठमय हो गया है :)
Abhi New Delhi railway station par chhat ke liye train ka wait karne walon ke liye alag se tents lage dekhe, special trains bhi chalti hain shayad ? adhiktar bihari ghar jana chahte hain, is samay ,lekin pooja sabhi karte hain ya kewal vrati ? kyonki vrat to shayad koi ek mahila ( maa ) karti hai ?
Usha Bhateley सही कहा आपने चूंकि ये त्योहार सबके सहयोग से मनता है इसलिए सारे लोग घर की ओर निकल पड़ते हैं। इसलिए महानगरों से बिहार की ओर स्पैशल ट्रेन चलानी पड़ती है। :)
पूजा तो व्रती करता है पर सारे घर वाले लोग उसकी मदद में जुटे होते हैं। टोकरी में चढ़ावे की सारी सामग्री सर पर लाद नदी तक दो बार ले जाने का काम पुरुषों के जिम्मे होता है। पत्नी का साथ देने के लिए आजकल पति में भी ये कठोर व्रत रखने लगे हैं।
वाट्स एप्प पर कई लोगों ने ये वीडियो भेजा तो लगा एक बार देख लेना चाहिए वरना वीडियो कभी नहीं देखती . और फिर इतना पसंद आया कि मैने कल ही अपनी वाल पर शेयर किया था ....हालांकि इस से जुड़ा हुआ कुछ लिखना है ,लिखूंगी पर कुछ तस्वीरों के साथ .वाट्स एप्प पर कई लोगों ने ये वीडियो भेजा तो लगा एक बार देख लेना चाहिए वरना वीडियो कभी नहीं देखती . और फिर इतना पसंद आया कि मैने कल ही अपनी वाल पर शेयर किया था ....हालांकि इस से जुड़ा हुआ कुछ लिखना है ,लिखूंगी पर कुछ तस्वीरों के साथ .
Rashmi jee जरूर लिखिए..मुझे भी ये गीत पहली बार सुनकर ही बड़ा प्यारा लगा। शारदा जी की आवाज़ और संगीत दोनों ही मन को भावुक कर देते हैं।
आदरनीया शारदा सिन्हा जी की आवाज की खनक , गीत के शब्दों को कहने का अन्दाज और मिट्टी का सोंधापन उन्हे अद्वितीय बना देता हैं . उनकी गायकी आपने मे अनोखी हैं . कोई भी गायिका उनकी बाराबरी नहीं कर सकती . मेरी शुभकामनायें उनके और अंशु - वन्दना के साथ हैं
सही कहा आपने आलोक जी। आलेख में ऐसे ही विचार मैंने भी व्यक्त किए हैं।
बहुत ही उम्दा .... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .... Thanks for sharing this!! :) :)
धन्यवाद हिंदी इंडिया !
Thank you Manishji....chatt geet aur video, dono hi bade acche lage!!
It's awesome song
Thanks for this post.
Smita, Ratnesh & Ashwini मेरी पसंद को पसंद करने के लिए धन्यवाद !
Lekin shayad ghar ki sari mahilayen bhi nahien karti hain ? karva chauth ki tarah ? karva chauth jinke yahaan manaya jata hai, vahaan sabhi vivahitayen ( punjab mein to avivahit bhi ) vrat karti hain, chhat mein shayad aisa nahien hota ?
कोई बाध्यता नहीं है पर अमूमन संयुक्त परिवार में हर साल दो तीन लोग करते ही हैं। आज घाट पर जाकर कुछ तसवीरें भी लीं। देखिएगा यहाँ
Song bahut aacha hai please sabi models ka naam bata dijiye
@ Unknown वैसे पहले आप अपना नाम तो बता दीजिए :)। माडल्स के नाम लिखे तो हैं पोस्ट के आख़िरी में। शायद आपने ध्यान नहीं दिया।
"इस वीडियो में नज़र आए हैं भोजपुरी फिल्मों के नायक क्रांति प्रकाश झा और दक्षिण भारतीय फिल्मों और टीवी पर नज़र आने वाली अभिनेत्री क्रिस्टीन जेडक। "
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