पिछले हफ्ते एक शाम मेरे नाम ने अपने ग्यारह वर्ष पूरे किए। जो लोग इस ब्लॉग से हाल में ही जुड़े हैं वो मेरे इस लंबे सफ़र की कहानी यहाँ पढ़ सकते हैं। आज कुछ खास आपसे नया कहने को नहीं हैं। चंद बातें जो नयी हुई हैं वो ये कि पिछले साल से एक शाम मेरे नाम अपने डोमेन यानि http://www.ek-shaam-mere-naam.in/ पर आ गया है और कुछ महीने पहले ही यू ट्यूब पर इस ब्लॉग का आडियो चैनल भी शुरु हो गया है जिसमें मैं अपने पसंदीदा नज़्में, गीत और कविता आपको अपनी आवाज़ में सुनाता रहूँगा।
आज हक़ीकत ये है कि मेरे अधिकांश शुरुआती साथी ब्लॉग की दुनिया से दूर चले गए हैं या नियमित नहीं रहे। पर जहाँ तक मेरा सवाल है, ब्लॉग मेरा पहला घर था और रहेगा। यही वज़ह है कि सोशल मीडिया पर मेरी गतिविधियों का केंद्र भी मेरे दोनों ब्लॉग एक शाम मेरे नाम व मुसाफ़िर हूँ यारों रहे हैं।
सोशल मीडिया आज हर ब्लॉगर की जरूरत बन गया है क्यूँकि वहाँ रहकर नई पोस्ट तक पहुँचना पढ़ने लिखने वालो के लिए ज्यादा सुविधाजनक है। एक शाम मेरे नाम का फेसबुक पन्ना आप यहाँ से फॉलो कर सकते हैं। अगर आप ट्विटर पर ज्यादा सक्रिय हैं तो मेरी ट्विटर प्रोफाइल ये रही। बाकी ई मेल सब्सक्रिप्शन का विकल्प तो है ही😊
बाकी मैं यही चाहूँगा कि इस ब्लाग की बेहतरी के लिए आपके मन में कुछ हो तो जरूर बताएँ। सालों साल इस ब्लॉग का अनुसरण करने वाले पाठकों को मेरा तहे दिल से शुक्रिया व प्यार। ग्यारह वर्षों के इस सफ़र में कितने राही आए साथ रहे और फिर जुदा भी हो गए और ये क्रम चलता रहा है। आगे भी चलता रहेगा गर मैं ना थकूँ.. उम्मीद है कि आप मुझे थकने भी ना देंगे..और हमारा ये साथ आगे भी बना रहेगा।
35 टिप्पणियाँ:
ढेर सारी बधाईयाँ और शुभकामनाएँ 💐
यह पहला ही साल रहा है और मुझे लगा नहीं की में अभी जुड़ा हूँ यह वाकई एक शानदार सफ़र है और में चाहूँगा हमेशा जारी रहे ऑडियो चैनल क्या वही है जिसे में पहले से फॉलो कर रहा हूँ या कोई अलग ..आपका बहुत बहुत शुक्रिया
बधाई और शुभकामनाएँ
हाँ गुलशन वही आडियो चैनल है एक शाम मेरे नाम के नाम से। लिंक में वैसे चेक कर लो।
ममता जी व राजेश शुक्रिया आप दोनों का साथ बने रहने के लिए।
क्या बात है,ढेर सारी बधाई मनीष भाई साहब आपको,हर बार गाने का नया रूप आपने बताया और हर गाने को एहसास मे आने का एक कारण आपके ब्लाग को पढ़ने के कारण मिला,आपके संगीतमाला से हर बार मैंने कुछ गाने चुराये और अपने प्ले लिस्ट मे ऐड किया,हमेशा आप लिखते रहे,हमें पढ़ के गीत के अनछुए पहलु को समझने के बाद सुनने का मज़ा लेने का मौका देते रहे।बाकि शब्द कम है एहसास ज्यादा है,इस ब्लॉग से जुड़े।बस यही प्राथना है भोलेनाथ से आप बस लिखते रहे खूब लिखे।
अमल बड़ी खुशी हुई जानकर कि गीतों के प्रति मेरी राय और पसंद ने आपको संगीत से जुड़े कुछ मधुर पल दिए हैं। यूँ ही साथ बने रहें। :)
बहुत बहुत बधाई मनीष. सुहाना सफ़र चलता रहे.
और हमे भी ११ साल हो गए है आपको पढ़ते हुए।
ज़्यादा comments तो नहीं करते, पर नियमित पढ़ते ज़रूर है।
आपसे पहली मुलाक़ात नीलिमा जी के ब्लॉग के द्वारा हुए थी !
बहुत बधाई मनीष जी-:)
Congratulations Manish ji! 11 bane 111.
बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं मनीष । सरल नहीं होता निरन्तरता और गुणवत्ता दोनो को इतने समय तक बनाये रखना । ऐसे काम जुनून से ही किये जाते हैं ।
विदेश में रहने के कारण कई बार बहुत से सुन्दर , अनूठे गीत (जो अधिक लोकप्रिय न हुए हों) छूट जाते यदि तुम्हारे ब्लौग से उन का पता न चलता । उस के लिये धन्यवाद ।
ईश्वर तुम्हारी ऊर्जा और रचनात्मकता को बनाये रखे ।
स्नेह
अनूप भार्गव
न्यू जर्सी, अमेरिका
बहुत बहुत बधाईयाँ इस ब्लॉग के इग्यारह साल के बेहतरीन सफ़र के लिए. उम्मीद है कि ये सफ़र आगे भी इसी तरह चलता रहेगा. इस बात को देख कर एक तसल्ली सी होती है कि लोग अभी भी ब्लॉग पर आकर अपनी टिप्पणियाँ रख रहे हैं... शायद फेसबुक के ज़माने भी ब्लॉग की लोकप्रियता कम नहीं हुई है.
आपको बहुत शुभकामनाएं मनीष भाई.
U P Singh बहुत बहुत धन्यवाद सर !
हाँ Stone याद है तब मेरा ब्लॉग रोमन में हुआ करता था और नीलिमा "आकृति" हुआ करती थीं।
मेहा इस ब्लॉग पर पधारने और बधाइयों के लिए धन्यवाद !
सुमित शुक्रिया ! हम रहें ना रहें तब तक गूगल बाबा की कृपा रही तो ब्लॉग रहेगा। :)
अनूप जी क़तीळ शिफाई की लेखमाला हो या गोपाल दास नीरज पर लिखते हुए आपकी रिकार्डिंग देने की पेशकश या फिर गुनाहों का देवता पुस्तक चर्चा पर आपके विचार जब जब ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति हुई है आपके उद्गार ने हमेशा प्रोत्साहित किया है इस जुनूँ को बनाए रखने के लिए। आपका मार्गदर्शन यूँ ही बना रहे ऐसी आशा में।
अजित पाठकों की संख्या में तो बढ़ोत्री हुई है। हाँ वो एक दूसरे के ब्लाग पर जाकर राम राम कहने की प्रथा जरूर बंद हुई है। बहुत से लोग आजकल फेसबुक पर दी गयी ब्लाग लिंक से यहाँ तक पहुँचते हैं पर कमेंट फेसबुक पर ही करते हैं. वैसे आजकल ऐसे टूल्स आ गए हैं जो फेसबुक के कमेंट को ब्लाग कमेंट्स से मिला देते हैं। आपने इस मौके पर याद किया और मुबारकबाद दी, उसके लिए हार्दिक आभार।
बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ 💐💐10 साल से हमआपके साथ हैं, ये साथ हमेशा बना रहे
शुक्रिया आपका इस सफ़र में साथ रहने का आशा जी!
हालांकि अनियमित हूं , किन्तु अनजान नही। बधाई
हम्म मुझे याद है जयश्री घुमक्कड़ पर आपने कभी मेरी वार्षिक संगीतमाला की चर्चा की थी।
Blog anniversary ki badhaiyaan!!! Iska matlab hai hum aapko takreeban 10 saalon se "follow" kar rahein hain!!
Sahi kaha Smita ! Aap se blog par pehli mulaqat Roman wale Ek Sham Mere Naam par huyi thi 2007 mein
Bahut saari badhaiya aapko Manish je....hum bhi aapke iss safar me shuru se hi hain. Ishwar se yahi kaamna hai ki aap khub achcha achcha likhte rahe ....
हाँ मनीषा जी मुझे याद है कि इक ज़माने में आपकी टिप्पणियाँ मुझे मेल से मिलती थीं। :)
बधाई हो सर... ऐसे ही हमें साथ बनाएं रखें और हमारा ज्ञानवर्धन करते रहे.
Happy anniversary manish ji har sham yu hi bite ek sham ke sath
शुक्रिया मनीष !
Anil Kumar Saharan अरे वाह ! तब तो मेरा ब्लॉग हर शाम ही गुलज़ार रहेगा। :)
बहुत-बहुत बधाई आपको। ईश्वर से प्रार्थना है कि आप इसी उत्साह और लगन से साहित्य और संगीत की अविरल सरिता में सवयं भी डुबकी लगाते रहें और अपने सुधि पाठकों को भी।
धन्यवाद सुशील जी इन प्यारी शुभकामनाओं के लिए !
११ साल की इस साधना पर बहुत बधाई। थकने का सवाल ही पैदा नहीं होता, अभी तो बहुत आगे जाना है।
धन्यवाद Anuradha इन प्रेरक शब्दों के लिए। रही लंबी साधना की बात तो साधक तो आप भी हैं :)
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