तो चलिए वार्षिक संगीतमाला 2016 के समापन के अवसर पर आज चर्चा करते हैं पिछले साल के संगीत सितारों पर। सबसे पहले संगीतकारों की बात। पिछले साल ए आर रहमान, विशाल भारद्वाज, सलीम सुलेमान, साजिद वाजिद, अजय अतुल जैसे नामी संगीतकार हिंदी फिल्म संगीत के परिदृश्य से लगभग गायब ही रहे। हाँ, शंकर अहसान लॉय ने जरूर मिर्जया में किए गए प्रयोगों से सुर्खियाँ बटोरीं वहीं विशाल शेखर सुल्तान के संगीत से अपनी गिरती साख बचाने में सफल रहे।
उभरते हुए नए संगीतकारों में अरमान मलिक ने एयरलिफ्ट, M S Dhoni The untold story, अज़हर, सरबजीत, सनम रे जैसी फिल्मों में अपने गीतों की मधुरता की वज़ह से खासी लोकप्रियता अर्जित की। वहीं बावरा बंधुओं का मदारी के लिए रचा गीत भी भविष्य की संभावनाओं के लिए दस्तक दे गया।
पर अगर मुझे साल 2016 के तीन विशिष्ट संगीतकारों का नाम लेना हो तो मैं उस सूची में क्लिंटन सेराजो, प्रीतम और अमित त्रिवेदी का नाम लेना चाहूँगा। क्लिंटन की गायिकी से तो मैं पहले भी परिचित था पर गिटार पर उनकी माहिरी का स्वाद मैंने TE3N, जुगनी और कहानी 2 के उन गीतों से चखा जो इस संगीतमाला का हिस्सा बने हैं। प्रीतम ने दंगल में तो हरियाणवी दंगल ही मचा दिया। ऐ दिल है मुश्किल में उनका संगीत भी काफी सराहा गया।
पर मेरे लिए इस साल के संगीतकार रहे अमित त्रिवेदी। फितूर में उनका संगीत संयोजन बेमिसाल रहा। उड़ता पंजाब और डियर ज़िदगी के कुछ गीतों में भी उन्होंने जान डाल दी।
साल के बेहतरीन एलबम का सेहरा मैं हरियाणवी रंग में रँगे दंगल को पहनाना चाहूँगा। फितूर, सुल्तान, एम एस धौनी, ऐ दिल है मुश्किल भी साल के कुछ अन्य अच्छे संगीत एलबम रहे।
साल की आवाज़ का तो खिताब तो अरिजीत सिंह ले गए। चन्ना मेरेया, मरहम, नैना, ऐ ज़िंदगी गले लगा ले और तेरे बिना जी ना लगे जैसे गीतों से उन्होंने इस गीतमाला में एकछत्र राज किया। सरताज खाँ , सरवर खाँ और जुबीन नौटियाल साल की कुछ नयी प्रतिभाशाली आवाज़ों में से थे। आश्चर्य की बात ये रही कि संगीतमाला में सिर्फ चार गीत ऐसे थे जिसमें सिर्फ गायिकाओं की आवाज़ गूँजी। फ़ैज़ की नज़्म चंद रोज़ में पल्लवी जोशी का काम काफी सराहा गया वहीं जोनिता गाँधी की आवाज़ दंगल में दिल को गिलहरियों की तरह फुदकाने में कामयाब रही। क़ुरातुलेन बलोच, नंदिनी सिरकर के गाए गीत भी संगीतमाला का हिस्सा बने। पर श्रेया और सुनिधि की अनुपस्थिति को क्या उनके युग का अस्ताचल माना जाना चाहिए?
साल के बेहतरीन एलबम का सेहरा मैं हरियाणवी रंग में रँगे दंगल को पहनाना चाहूँगा। फितूर, सुल्तान, एम एस धौनी, ऐ दिल है मुश्किल भी साल के कुछ अन्य अच्छे संगीत एलबम रहे।
साल की आवाज़ का तो खिताब तो अरिजीत सिंह ले गए। चन्ना मेरेया, मरहम, नैना, ऐ ज़िंदगी गले लगा ले और तेरे बिना जी ना लगे जैसे गीतों से उन्होंने इस गीतमाला में एकछत्र राज किया। सरताज खाँ , सरवर खाँ और जुबीन नौटियाल साल की कुछ नयी प्रतिभाशाली आवाज़ों में से थे। आश्चर्य की बात ये रही कि संगीतमाला में सिर्फ चार गीत ऐसे थे जिसमें सिर्फ गायिकाओं की आवाज़ गूँजी। फ़ैज़ की नज़्म चंद रोज़ में पल्लवी जोशी का काम काफी सराहा गया वहीं जोनिता गाँधी की आवाज़ दंगल में दिल को गिलहरियों की तरह फुदकाने में कामयाब रही। क़ुरातुलेन बलोच, नंदिनी सिरकर के गाए गीत भी संगीतमाला का हिस्सा बने। पर श्रेया और सुनिधि की अनुपस्थिति को क्या उनके युग का अस्ताचल माना जाना चाहिए?
गीतकारों में ये साल बिना किसी प्रतिस्पर्धा के अमिताभ भट्टाचार्य के नाम रहा। संगीतमाला में उनके लिखे सात गीत शामिल हुए। स्वानंद किरकिरे ने फितूर के लिए शानदार काम किया वहीं इरशाद कामिल ने सुल्तान और मदारी के लिए कुछ बेहतरीन गीत लिखे। तनवीर गाज़ी ने पिंक के गीत कारी कारी को लिखकर दिल जीत लिया वहीं मनोज मुन्तसिर धोनी, रुस्तम और वन नाइट स्टैंड जैसी फिल्मों में अपने नर्म मुलायम नग्मों से हमें बहलाते रहे।
डांस नंबर्स में सबसे ज्यादा मजा बागी के छम छम छम और ऐ दिल है मुश्किल के ब्रेकअप सांग में आया। वैसे युवा पीढ़ी पिछले साल काला चश्मा और बेबी को बेस पसंद है पर भी खूब थिरकी। साल का सबसे मनोरंजक या हँसाने वाला गाना निसंदेह हानिकारक बापू रहा।
डांस नंबर्स में सबसे ज्यादा मजा बागी के छम छम छम और ऐ दिल है मुश्किल के ब्रेकअप सांग में आया। वैसे युवा पीढ़ी पिछले साल काला चश्मा और बेबी को बेस पसंद है पर भी खूब थिरकी। साल का सबसे मनोरंजक या हँसाने वाला गाना निसंदेह हानिकारक बापू रहा।
तो ये था पिछले साल के हिंदी फिल्म संगीत सितारों का लेखाजोखा। इस संगीतमाला के साथ बने रहने और समय समय पर अपनी राय से अवगत कराते रहने के लिए शुक्रिया। आशा है ये श्रंखला आप सब को पसंद आयी होगी।
वार्षिक संगीतमाला 2016
1. चन्ना मेरेया Channa Mereya
2. इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत गुम है गुम है गुम है Ikk Kudi
3. जग घूमेया थारे जैसा ना कोई Jag Ghoomeya
4. पश्मीना धागों के संग कोई आज बुने ख़्वाब Pashmina
5. बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है Hanikaarak Bapu
6. होने दो बतियाँ, होने दो बतियाँ Hone Do Batiyan
7. क्यूँ रे, क्यूँ रे ...काँच के लमहों के रह गए चूरे'? Kyun Re..
8. क्या है कोई आपका भी 'महरम'? Mujhe Mehram Jaan Le...
9. जो सांझे ख्वाब देखते थे नैना.. बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ ... Naina
10. आवभगत में मुस्कानें, फुर्सत की मीठी तानें ... Dugg Duggi Dugg
11. ऐ ज़िंदगी गले लगा ले Aye Zindagi
12. क्यूँ फुदक फुदक के धड़कनों की चल रही गिलहरियाँ Gileheriyaan
13. कारी कारी रैना सारी सौ अँधेरे क्यूँ लाई, Kaari Kaari
14. मासूम सा Masoom Saa
15. तेरे संग यारा Tere Sang Yaaran
16.फिर कभी Phir Kabhie
17 चंद रोज़ और मेरी जान ...Chand Roz
18. ले चला दिल कहाँ, दिल कहाँ... ले चला Le Chala
19. हक़ है मुझे जीने का Haq Hai
20. इक नदी थी Ek Nadi Thi
3. जग घूमेया थारे जैसा ना कोई Jag Ghoomeya
4. पश्मीना धागों के संग कोई आज बुने ख़्वाब Pashmina
5. बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है Hanikaarak Bapu
6. होने दो बतियाँ, होने दो बतियाँ Hone Do Batiyan
7. क्यूँ रे, क्यूँ रे ...काँच के लमहों के रह गए चूरे'? Kyun Re..
8. क्या है कोई आपका भी 'महरम'? Mujhe Mehram Jaan Le...
9. जो सांझे ख्वाब देखते थे नैना.. बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ ... Naina
10. आवभगत में मुस्कानें, फुर्सत की मीठी तानें ... Dugg Duggi Dugg
11. ऐ ज़िंदगी गले लगा ले Aye Zindagi
12. क्यूँ फुदक फुदक के धड़कनों की चल रही गिलहरियाँ Gileheriyaan
13. कारी कारी रैना सारी सौ अँधेरे क्यूँ लाई, Kaari Kaari
14. मासूम सा Masoom Saa
15. तेरे संग यारा Tere Sang Yaaran
16.फिर कभी Phir Kabhie
17 चंद रोज़ और मेरी जान ...Chand Roz
18. ले चला दिल कहाँ, दिल कहाँ... ले चला Le Chala
19. हक़ है मुझे जीने का Haq Hai
20. इक नदी थी Ek Nadi Thi
10 टिप्पणियाँ:
अच्छा विश्लेषण है। ब्रेकअप साँग कभी अलविदा ना कहना फिल्म का नहीं है बल्कि ऐ दिल है मुश्किल का है । इसके अलावा प्रीतम के संगीत के विश्लेषण में भी कभी अलविदा ना कहना के स्थान पर ऐ दिल है मुश्किल होना चाहिये। लगता है भूलवश ऐसा हो गया है।
अरे वाह राजेश जी सही पकड़ा आपने। ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया :)
🙏
नही, युग का अंत नही, बल्कि यह मानना चाहिए कि अब फिल्मकार विविध आवाजो को लाने में हिचकिचाते नही है, श्रेया और सुनिधि से तो श्रोता परिचित हो ही गए है, आगे भी कुछ गीत इनके हो सकते है
अन्नपूर्णा जी सहमत हूँ आपसे। पर ये भी तय है कि जिस तरह सोनू निगम का मौके कम मिल रहे हैं, वही श्रेया के साथ भी ना हो। मेरी तो यही उम्मीद रहेगी इनको इनके हुनर के हिसाब से गीत मिलते रहें।
बहुत ही बढ़िया article है ..... ऐसे ही लिखते रहिये और मार्गदर्शन करते रहिये ..... शेयर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। :) :)
ये वाकई शानदार सफ़र था कुछ शानदार नगमे सुनने को मिले और कुछ नये पहलु जानने को ...शुक्रिया मनीष जी
संगीतमाला में साथ बने रहने का शुक्रिया गुलशन !
nice post sir ap bahut ache post likhte hai very good sir
Thanks Rahul..Keep visiting !
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