पिछले साल रिलीज़ हुई फिल्मों के पच्चीस बेहतरीन गानों से तो मैंने आपका परिचय पिछले तीन महीने में तो कराया ही पर हर एक विधा के लिहाज से कौन रहे एक शाम मेरे नाम के संगीत सितारे इसका खुलासा आज की इस पोस्ट में। किसी एक नाम को चुनने में जो कई उल्लेखनीय प्रयास मेरी नज़र में आए उनकी भी जिक्र साथ में मैंने किया है।
साल के सर्वश्रेष्ठ यानी सरताज गीत की घोषणा तो मैंने पहले ही कर दी थी। इस साल यह सम्मान फिल्म तुम्हारी सुलु के गीत रफू को मिला जबकि दूसरे स्थान पर फिल्म करीब करीब सिंगल का गीत जाने दे रहा। संगीत निर्देशन, गायकी, गीत के बोलों और साथ में बजते संगीत में क्या शानदार रहा इसका पुनरावलोकन पेश-ए-खिदमत है।
संगीत निर्देशन की दृष्टि से कुछ उल्लेखनीय प्रयास
- रोहित शर्मा : अनारकली आफ आरा
- प्रीतम : जग्गा जासूस, हैरी मेट सेजल
- तनिष्क बागची : शुभ मंगल सावधान, हॉफ गर्लफ्रेंड
- शाश्वत सचदेव : फिल्लौरी
- अमित त्रिवेदी. सीक्रेट सुपरस्टार
साल के संगीतकार : प्रीतम
साल के बेहतरीन एलबम
- जग्गा जासूस, प्रीतम
- अनारकली आफ आरा, रोहित शर्मा
- सीक्रेट सुपरस्टार. अमित त्रिवेदी
- लखनऊ सेंट्रल
- रंगून, विशाल भारद्वाज
साल का सर्वश्रेष्ठ एलबम : जग्गा जासूस, प्रीतम
साल के कुछ खूबसूरत बोलों से सजे सँवरे गीत
- कुछ तूने सी है मैंने की है रफ़ू ये डोरियाँ. शांतनु घटक
- वो जो था ख़्वाब सा, क्या कहें जाने दे... राजशेखर
- ले जाएँ जाने कहाँ हवाएँ हवाएँ, इरशाद कामिल
- मन बेक़ैद हुआ, प्रशांत इंगोले
- ये इश्क़ है, गुलज़ार
साल के सर्वश्रेष्ठ बोल : ये इश्क़ है, गुलज़ार
साल के बेहतरीन गायक
- अरिजीत सिंह : हवाएँ, रंगदारी, फिर वही, ये इश्क़ है. मीत
- सोनू निगम : मन बेक़ैद हुआ
- सचिन संघवी : खो दिया है
- रोमी : साहिबा
- आतिफ़ असलम दिल दीया गल्लाँ, जाने दे
साल के सर्वश्रेष्ठ गायक : अरिजीत सिंह
साल की बेहतरीन गायिका
- रोंकिनी गुप्ता : कुछ तूने सी है मैंने की है रफ़ू ये डोरियाँ.
- शाशा तिरुपति : कान्हा
- परिणिति चोपड़ा : माना कि हम यार नहीं
- मेघना मिश्रा : सपने रे, सपने रे
- प्रकृति कक्कर : है जरूरी
साल की सर्वश्रेष्ठ गायिका : रोंकिनी गुप्ता
गीत में प्रयुक्त हुए संगीत के कुछ बेहतरीन टुकड़े
- कान्हा इंटरल्यूड्स, तनिष्क बागची : वॉयलिन - मानस, सरोद - प्रदीप बारोट
- गलती से मिस्टेक, प्रीतम : प्रील्यूड व इंटरल्यूड में पेपा पर जयंत सोनवाल
- उल्लू का पट्ठा , प्रीतम : प्रील्यूड गिटार पर रालेंड फर्नांडिस, फ्लेमिनको गिटार पर डैनियल गार्सिया
- मीर ए कारवाँ। रोचक कोहली : प्रील्यूड में गिटार पर केबा जरमिया /मोहित डोगरा
- माना कि हम यार नहीं प्रील्यूड सचिन जिगर
संगीत की सबसे कर्णप्रिय मधुर तान : कान्हा इंटरल्यूड्स, तनिष्क बागची : वॉयलिन - मानस, सरोद - प्रदीप बारोट
वार्षिक संगीतमाला 2017
1. कुछ तूने सी है मैंने की है रफ़ू ये डोरियाँ
2. वो जो था ख़्वाब सा, क्या कहें जाने दे
3. ले जाएँ जाने कहाँ हवाएँ हवाएँ
6. मन बेक़ैद हुआ
7. फिर वही.. फिर वही..सौंधी यादें पुरानी फिर वही
8. दिल दीयाँ गल्लाँ
9. खो दिया है मैंने खुद को जबसे हमको है पाया
10 कान्हा माने ना ..
13. ये इश्क़ है
17. सपने रे सपने रे
19. नज़्म नज़्म
20 . मीर ए कारवाँ
24. गलती से mistake
2. वो जो था ख़्वाब सा, क्या कहें जाने दे
3. ले जाएँ जाने कहाँ हवाएँ हवाएँ
7. फिर वही.. फिर वही..सौंधी यादें पुरानी फिर वही
8. दिल दीयाँ गल्लाँ
9. खो दिया है मैंने खुद को जबसे हमको है पाया
10 कान्हा माने ना ..
4 टिप्पणियाँ:
Shandaar samapti!
साथ बने रहने के लिए आभार!😊
मनीष जी इस बार वार्षिक संगीतमाला में मेरा सफर बीच में ही ख़त्म हो गया.. वजह कोई खास नहीं, बस इतनी ही है की में आजकल के फ़िल्मी गाने बहुत कम सुनती हूँ ..इस श्रंखला के बहुत से गाने ऐसे हे जो मैंने सुने ही नहीं हे इसलिए कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दी.. पर आपने जितनी जानकारिया हम सभी तक पहुचायी वो सरहानीय हे.. और इसके लिए आपका दिल से धन्यवाद्.. उम्मीद हे की आप आगे भी इतनी दिलचस्प जानकारिया हम तक पहुंचाते रहेंगे..
कई गाने तो मैं भी संगीतमाला में गीतों का चयन करते समय पहली बार सुन रहा होता हूँ। मसलन रफू को ही लें तुम्हारी सुलु का ये गीत कभी टीवी पर भी नहीं बजा उसके प्रमोशन के समय पर जब पहली बार सुना तो दिल में उतर गया। यही हाल खो दिया फिल्म भूमि वाले गीत के साथ भी रहा।
ज़ाहिर सी बात है जो गीत पहले से सुना हुआ और पसंदीदा होता है उस पर प्रतिक्रिया स्वाभाविक रूप से आती है।
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