शुक्रवार, अप्रैल 26, 2019

उदासी के रंग : कुँवर नारायण Udaasi ke Rang

रंगों की दुनिया मुझे बेहद पसंद है। हर रंग का हमारे दिलो दिमाग पर एक अलग असर होता है। कुछ रंग हमारी कमज़ोरी होते हैं और उनसे रँगे साजो समान हमें तुरत फुरत में पसंद आ जाते हैं जबकि कुछ को देख कर ही हम अपनी नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं। 

रंगों से हमारी मुलाकात बचपन में प्रतीकों के तौर पर करायी गयी थी। सफेद रंग शांति का तो काला शोक का। लाल को गुस्से से तो नीले को सौम्यता से जोड़ कर देखा गया। कभी कभी मन में सवाल उठता है कि रंगों की दुनिया क्या इतनी सहज और एकरूपी है? सच पूछिए तो हर रंग एक आईने की तरह है। देखनेवाला उसे जिस भावना से देखे वही अक़्स उस रंग में नज़र आने लगता है।



आधुनिक हिंदी कविता के जाने माने हस्ताक्षर कुँवर नारायण ने एक कविता लिखी थी उदासी के रंग। अब शायद ही जीवन का कोई हिस्सा हो जहाँ उल्लास के साथ उदासी का रंग ना फैला हो। ऐसे ही उदास मन से कुँवर नारायण ने जब अपने आसपास की प्रकृति को देखा तो उन्हें क्या नज़र आया पढ़िए व सुनिए मेरी आवाज़ में.. 

उदासी भी
एक पक्का रंग है जीवन का
उदासी के भी तमाम रंग होते हैं
जैसे
फ़क्कड़ जोगिया
पतझरी भूरा
फीका मटमैला
आसमानी नीला
वीरान हरा
बर्फ़ीला सफ़ेद
बुझता लाल
बीमार पीला
कभी-कभी धोखा होता है
उल्लास के इंद्रधनुषी रंगों से खेलते वक्त
कि कहीं वे
किन्हीं उदासियों से ही
छीने हुए रंग तो नहीं हैं ?


यानी रंगों की दुनिया कुछ नहीं बस हमारे मन की दुनिया है जिसे पर हम अपमी भावनाओं की कूचियाँ चलाते हैं।
Related Posts with Thumbnails

13 टिप्पणियाँ:

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा on अप्रैल 27, 2019 ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति । आदरणीय मनीष जी शुभकामनाएं स्वीकार करें ।

Manish Kumar on अप्रैल 27, 2019 ने कहा…

शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया पुरुषोत्तम।

मन की वीणा on अप्रैल 28, 2019 ने कहा…

वाह अलहदा सी अभिव्यक्ति सुघड़ गहरी ।

HARSHVARDHAN on अप्रैल 28, 2019 ने कहा…

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सरदार हरि सिंह नलवा और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

रेणु on अप्रैल 28, 2019 ने कहा…

आदरणीय मनीष जी बहुत ही भावपूर्ण और सार्थक रचना चुनी आपने | माननीय कविराज की ये रचना पढ़कर और आपकी आवाज में सुनकर बहुत आनन्द हुआ | आपको हार्दिक आभार और शुभकामनायें |

Sudha Devrani on अप्रैल 28, 2019 ने कहा…

वाह!!!
बहुत ही उत्कृष्ट...

Swati Gupta on मई 02, 2019 ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण कविता.... और साथ ही सुंदर अभिव्यक्ति

Manish Kumar on मई 02, 2019 ने कहा…

कुँवर नारायण की कविता की मेरी आवाज़ में इस प्रस्तुति को "5 लिंको की हलचल" पर स्थान देने के लिए धन्यवाद कुलदीप !

Manish Kumar on मई 02, 2019 ने कहा…

कुसुम जी व सुधा जी ये कविता आप सब के मन को भी भायी जान कर अच्छा लगा।

Manish Kumar on मई 02, 2019 ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन में इसे शामिल करने केलिए आभार हर्षवर्धन !

Manish Kumar on मई 02, 2019 ने कहा…

रेणु जी व स्वाति आप दोनों को भी कुँवर जी की ये कविता और मेरी प्रस्तुति पसंद आई जान कर खुशी हुई।

Rama Awasthi on मई 03, 2019 ने कहा…

Very beautiful.

Aumisa on मई 10, 2019 ने कहा…

Takes me so deep

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie