गुरुवार, जनवरी 16, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 20 : ऐरा गैरा नत्थू खैरा Aira Gaira

हिंदी फिल्मी गीतों का मुखड़ा किसी मुहावरे या लोकोक्ति पर हो ऐसा आपको कभी याद आता है। मुझे तो ये लिखते हुए ऐसा कुछ याद नहीं पड़ रहा है पर इस साल इस कमाल को कर दिखाया है अमिताभ भट्टाचार्य ने कलंक के इस चटपटे और झुमाने वाले गीत में जो कि गीतमाला की सोलहवीं सीढ़ी पर विराजमान है। 

इस साल संगीतमाला में शामिल होने वाला ये इकलौता मस्ती भरा गीत है जिसे आप समूह में गुनगुनाते हुए थिरक सकते हैं। आजकल डांस नंबर का मतलब जब उल्टे सीधे शब्दों से भरे पंजाबी मिश्रित रैप और रिमिक्स किये हुए गीतों को बनाना हो गया है, तो ऐसे गीत एक ताज़ी हवा की तरह मन को प्रफुल्लित कर देते हैं। चाहे प्रीतम का मस्त संगीत संयोजन हो, अमिताभ के शब्द हों, अंतरा की शुरुआती चुहल भरी गायिकी हो या फिर जावेद अली और तुषार जोशी की गीत के मध्य में अद्भुत जुगलबंदी.. सुनकर आय हाय करने का जी कर उठता है।

मुखड़े के पहले और अंतरों के बीच की सांगीतिक व्यवस्था में  प्रीतम और उनकी लंबी चौड़ी टीम का काम सुनने लायक है। गीत की शुरुआत के आधा मिनट में बजते तार वाद्य और अंतरों के बुलबुल तरंग के साथ बजते ताल वाद्य आपको गीत के मूड में ले आते हैं। प्रीतम द्वारा रचे इस कर्णप्रिय संगीत को रचने में दर्जन भर वादकों की मेहनत शामिल है। 

गीत का विषय तो ख़ैर वही पुराना है यानी नाच की महफिल में दो मसखरे आशिकों को अपना रंग ज़माना है। नाच वाली तो उन्हें ऍरा गैरा नत्थू खैरा कह कर बिना किसी गत का बता चुकी है। अमिताभ को तो बाजी दोनों ओर से खेलनी थी। नचनिया के वार को सँभालते हुए अमिताभ ने आशिकों का रंग कुछ इन शब्दों में जमाया है

फूल सा चेहरा ईरानी, और लहजा हिंदुस्तानी
झील सी तेरी आँखों में, एक हलचल है तूफानी
देख महफिल में आए हैं, जान की देने कुर्बानी
एक महबूबा की खातिर, आज दो दो दिलबर जानी

मुझे गीत सुनते समय गायिकी के लिहाज़ से मजा तब आता है जब जावेद अली तुषार के साथ आए हाए हाए कहते हुए ये अंतरा गाते हैं

रात ले के आई है, जश्न तारी आए हाए हाए
ग़म गलत करने की है, अपनी बारी आए हाए हाए
आज नाचे गाएँ, ज़रा इश्क़ विश्क फरमाएँ
और जान जलाने वाली भाड़ में जाए सारी
दुनिया दारी आए हाए हाए




बिल्लौरी निगाहों से करे है सौ इशारे
खिड़की के नीचे नासपीटा सीटी मारे
बिल्लौरी निगाहों से...
इश्क में हुआ है थोड़ा अंधा थोड़ा बहरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा नत्थू खैरा
ऐरा गैरा नत्थू खैरा 

फूल सा चेहरा ईरानी
और लहजा हिंदुस्तानी
झील सी तेरी आँखों में
एक हलचल है तूफानी
देख महफिल में आए हैं
जान की देने कुर्बानी
एक महबूबा की खातिर
आज दो दो दिलबर जानी

जिनके दिल का इंजन तेरे
टेसन पे है ठहरा
हो जिनके दिल का इंजन तेरे
टेसन पे है ठहरा
समझे काहे ऐरा गैरा नत्थू खैरा...

रात लेके आई है
जश्न तारी आए हाए हाए
ग़म गलत करने की है
अपनी बारी आए हाए हाए
ओ रात ले के आई है...
आज नाचे गाएं
ज़रा इश्क विश्क फरमाएँ
और जान जलाने वाली भाड़ में जाए सारी
दुनिया दारी आए हाए हाए
हो दिल के आईने में झाँके सुंदरी का चेहरा
हो दिल के आईने में झाँके सुंदरी का चेहरा
इश्क में हुआ है थोड़ा अंधा थोड़ा बहरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा नत्थू खैरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा नत्थू खैरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा नत्थू खैरा

तो आइए सुनते हैं कलंक का ये गीत 




वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 
Related Posts with Thumbnails

3 टिप्पणियाँ:

Kanchan Singh Chouhan on जनवरी 17, 2020 ने कहा…

ये गीत मुझे ख़ूब पसन्द है।

Manish Kumar on जनवरी 17, 2020 ने कहा…

मुझे भी कंचन !

Manish Kumar on जनवरी 17, 2020 ने कहा…

गीतमाला का तीसरा राउंड आज खत्म हो गया है। जिन लोगों ने एक शाम मेरे नाम की इस वार्षिक संगीतमाला प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है उनके स्कोर हैं कुछ यूँ...
Arvind Mishra : 5
Kanchan Singh Chouhan :4
Smita Jaichandran : 3
Sharan Pratima : 3
Manish : 2
Mantu Kumar : 2
Swati Gupta : 2
Akshay Bhardwaj :1
यानी टक्कर काँटे की चल रही है पर अरविंद अपनी बढ़त बनाए हुए हैं। देखें अंत तक पहले तीन में कौन आता है। :)

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie