बुधवार, जनवरी 08, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 20 : तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua

साल के शानदार गीतों का ये सफ़र अब जा पहुँचा है शुरुआती बीस गीतों की ओर और यहाँ गीत एक बार फिर फिल्म कबीर सिंह का। कबीर सिंह के मुख्य चरित्र को लेकर हुए वाद विवाद के बाद भी ये फिल्म इस साल की सफल फिल्मों में एक रही। युवाओं ने इसे खासा पसंद किया और इसमें इसके संगीत की भी एक बड़ी भूमिका रही। संगीतमाला का पिछला गीत भी इसी फिल्म से था। इस गीत की धुन और गायिकी दोनों का दारोमदार विशाल मिश्रा ने सँभाला। पर बेख्याली और तुझे कितना चाहने लगे हम को पीछे छोड़ता ये गीत संगीतमाला में दाखिल हुआ है तो वो मनोज मुंतशिर के प्यारे बोलों की बदौलत।


जहाँ तक इस गीत के बनने की बात है तो संगीतकार विशाल मिश्रा ने इस गीत की धुन चंद मिनटों में बनाई। रातों रात गाना स्वीकृत हुआ और विशाल ने मनोज को काम पर लगा दिया। ये एक ऐसा गीत है जिसके बोलों को सुनकर आप उन दिनों की यादों में डूब सकते हैं जब पहले प्यार ने आपको अपनी गिरफ्त में लिया था। 

घर की बालकोनी हो या ट्यूशन की वो क्लास, कॉलेज का कैंटीन हो या फिर दोस्त की शादी का उत्सव...कॉलेज के हॉस्टल में पहले प्यार की कहानियाँ कुछ ऐसी ही जगहों से शुरु होती थीं। जिस लड़के में इस मर्ज के लक्षण दिखते उसे सँभालना ही मुश्किल हो जाता था। रात दिन सोते जागते ऐसे लोगों पर बस एक ही ख्याल तारी रहता था। मनोज ने भी शायद ऐसे ही वाकयों से प्रेरणा ली होगी ये कहने में कि "तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ"? 


एक रोचक तथ्य ये भी है कि पहले इस पंक्ति की जगह मनोज ने लिखा था "जो ना होना था कैसे हुआ"। वो तो गीत को सुनते वक्त टी सीरीज़ के मालिक भूषण कुमार ने सलाह दी कि इसे थोड़ा डिफाइन करो कि क्या होना था, क्या नहीं हुआ ताकि वो पंक्ति अपने आप में पूर्ण लगे और इस तरह गीत की पंच लाइन तू इतना जरूरी कैसे हुआ अस्तित्व में आई। मनोज ने गीत के तीन अंतरे लिखे और उसमें एक विशाल ने पसंद किया।

अंतरे में जो बहती कविता है वो मुझे इस गीत की जान लगती है। बतौर संगीतकार मैंने देखा है कि विशाल की शब्दों की समझ बेहतरीन है। करीब करीब सिंगल में राजशेखर के गहरे बोलों वो जो था ख़्वाब सा, क्या कहें जाने दे पर संगीत रचने वाले भी वही थे। 

यहाँ मनोज का खूबसूरत बयाँ बारिश की बोली को समझने से ले के अस्त व्यस्त जीवन की आवारगी के बाद आते ठहराव को गीत के बोलों में  इस तरह उभारता है कि  उन दिनों के कई मंज़र स्मृतियों के आईने में उभर उठते हैं ।

हँसता रहता हूँ तुझसे मिलकर क्यूँ आजकल
बदले-बदले हैं मेरे तेवर क्यूँ आजकल
आँखें मेरी हर जगह ढूंढें तुझे बेवजह
ये मैं हूँ या कोई और है मेरी तरह
कैसे हुआ? कैसे हुआ?
तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ?
कैसे हुआ? कैसे हुआ?
तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ?

मैं बारिश की बोली समझता नहीं था
हवाओं से मैं यूँ उलझता नहीं था
है सीने में दिल भी, कहाँ थी मुझे ये खबर

कहीं पे हो रातें, कहीं पे सवेरे
आवारगी ही रही साथ मेरे
"ठहर जा, ठहर जा, " ये कहती है तेरी नज़र
क्या हाल हो गया है ये मेरा?
आँखें मेरी हर जगह ढूंढें तुझे बेवजह
ये मैं हूँ या कोई और है मेरी तरह?
कैसे हुआ? कैसे हुआ?

तो आइए सुनें शाहिद कपूर और कियारा आडवाणी पर फिल्माए गए इस गीत को



वार्षिक संगीतमाला में अब तक
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 
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11 टिप्पणियाँ:

Pratima Sharan on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

Bahut acha geet hai ye

Manish Kumar on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

Pratima फिर भी आपकी पसंदीदा गीतों की लिस्ट में नहीं है।

Pratima Sharan on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

Manish Kumar ohh ye kaise rah gya.

Manish Kumar on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

आप की हालत भी कुछ इस गीत ही जैसी लग रही है। :p

Smita Jaichandran on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

Yeh hai na Meri list mein...KabirSingh ke saare Gaane list mein hain.

Manish Kumar on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

Smita पता नहीं कैसे पर सबने ही कबीर सिंह के इस गीत को अपने पसंदीदा गीतों की सूची में नहीं रखा। आपने भी !

Smita Jaichandran on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

Ohh ho....lagta hai jaldbaazi mein reh Gaya...��

Manish on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

मनोज मुंतशिर के गीत मुझे भी बहुत पसंद आ रहे हैं। इस साल उन्होंने एक से एक बेहतरीन नग्में दिए हैं।

Manish Kumar on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

Manish मेरी संगीतमाला में दाखिल होने वाला ये उनका पंद्रहवाँ नग्मा है। पर इस बार उन्होंने रूमानी गीतों से अलग हटकर भी लिखा है और क्या खूब लिखा है।

Sumit on जनवरी 11, 2020 ने कहा…

मनोज तो अच्छे हैं ही. विशाल मिश्रा ध्यान खीच रहे हैं. पिछले साल के बाद दुबारा यहाँ स्थान पाना संजोग नही हो सकता. नयी प्रतिभा को सलाम.

Manish Kumar on जनवरी 11, 2020 ने कहा…

Sumit विशाल एक ऐसे संगीतकार हैं जो संगीत रचने के साथ साथ कविता,शायरी पढ़ने में भी यकीन रखते हैं। इस साल नोटबुक में भी उनके कुछ ठीक ठाक नग्मे थे जो संगीतमाला का हिस्सा नहीं बन पाए।

 

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