मंगलवार, जनवरी 07, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 25 : तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga

इस साल की संगीतमाला में छः फिल्में ऐसी है जिनका इस संगीतमाला की पचास फीसदी पायदानों पर कब्जा है यानि तीस में से पन्द्रह गीत इन्हीं फिल्मों के हैं। घोस्ट के दो गीतों से आप परिचित हो ही चुके हैं। ऐसा ही कमाल इस साल कबीर सिंह के गीतों ने भी रचा है।  

श्रोताओं की जो पसंद मुझे मिली है उसमें भी इस फिल्म के गीतों का अच्छा खासा दखल है। इस फिल्म के सारे तो नहीं पर कुछ गीत एक शाम मेरे नाम की इस वार्षिक संगीतमाला का हिस्सा बने हैं। वे गीत कौन से हैं वो बहुत जल्द ही आप जान जाएँगे। आज गीतमाला की इस सीढ़ी पर जो गीत है उसे संगीतबद्ध किया अखिल सचदेव ने और लिखा कुमार ने। इस युगल गीत को अखिल के साथ आवाज़ दी है तुलसी कुमार ने।


अब इस गीत की सफलता का श्रेय मैं सबसे ज्यादा अखिल सचदेव के मधुर धुन को देना चाहूँगा। तुलसी कुमार की आवाज़ का मैं शैदाई तो नहीं पर इस गीत में जब जब वो मेरी राहें गाती हैं तो उसे बार बार सुनने का दिल जरूर करता है। आदित्य देव नें फिर यहाँ संगीत की व्यवस्था सँभाली है और क्यू खूबसूरत टुकड़े दिए हैं अंतरों के बीच। रही कुमार साहब की बात तो कुमार के ऐसे गीतकार हैं जिन्हें सहज शब्दों के साथ जनता की नब्ज़ पकड़ने का हुनर मालूम है। उनके शब्दों में इस गीत के अंतरों में कोई खास गहराई नहीं हैं पर कुछ पंक्तियाँ जरूर बेहद प्यारी लगती हैं जैसे मुखड़े में मेरी राहें तेरे तक हैं, तुझपे ही तो मेरा हक़ है इश्क़ मेरा तू बेशक़ है..तुझपे ही तो मेरा हक़ है या फिर अंतरे की ये पंक्तियाँ लखाँ तों जुदा मैं हुई तेरे ख़ातिर..तू ही मंज़िल दिल तेरा मुसाफ़िर...रब नूँ भुला बैठा  तेरे करके..मैं हो गया काफ़िर।



मेरी राहें तेरे तक हैं
तुझपे ही तो मेरा हक़ है
इश्क़ मेरा तू बेशक़ है
तुझपे ही तो मेरा हक़ है
साथ छोड़ूँगा ना तेरे पीछे आऊँगा
छीन लूँगा या खुदा से माँग लाउँगा
तेरे नाल तक़दीरां लिखवाऊँगा

मैं तेरा बन जाऊँगा
मैं तेरा बन जाऊँगा

सोंह तेरी मैं क़सम यही खाऊँगा
कित्ते वादेया नूँ मैं निभाऊँगा
तुझे हर वारी अपणा बनाऊँगा
मैं तेरा बन जाऊँगा
मैं तेरा बन जाऊँगा
 शुक्रिया
दा रा रा रा .....

लखाँ तों जुदा मैं हुई तेरे ख़ातिर
तू ही मंज़िल दिल तेरा मुसाफ़िर
रब नूँ भुला बैठा तेरे करके
मैं हो गया काफ़िर
तेरे लिए मैं जहां से टकराऊँगा
सब कुछ खो के तुझको ही पाऊँगा
दिल बन के दिल धडकाऊँगा
मैं तेरा बन जाऊँगा, मैं तेरा बन जाऊँगा

सोंह तेरी मैं क़सम यही खाऊँगा
कित्ते वादेयाँ नूँ मैं निभाऊँगा
तुझे हर वारी अपणा बनाऊँगा
मैं तेरा बन जाऊँगा, मैं तेरा बन जाऊँगा
मेरी राहें तेरे तक हैं

आपमें से बहुतों के लिए ये प्रश्न होगा कि आख़िर ये अखिल सचदेव हैं कौन? मैं तो यही कहूँगा कि वो अभिनेत्री हुमा कुरैशी के सहपाठी  हैं। अब अगर आप ये पूछेंगे कि ये इस हुनरमंद संगीतकार का कैसा परिचय है तो उसके लिए मुझे एक कहानी सुनानी पड़ेगी आपको। आज से करीब एक दशक पहले अखिल ने जब गिटार अपने हाथों में लिया तो उन्हें लगा कि संगीत ही उनका असली प्रेम है। वर्ष 2011 में उन्होंने अपना एक रॉक सूफी बैंड नशा बनाया। 
अखिल सचदेव व  तुलसी कुमार
एक बार गिटार पर उन्होंने धुन बनाकर हुमा को सुनाई। हुमा ने धुन की तारीफ़ की और बात आई गयी हो गयी। एक दफ़ा जब अखिल मुंबई पहुँचे तो हुमा के घर खाने पर गए। वहाँ फिल्मी कलाकारों की महफिल जमीं थी। भोजन के पश्चात गाना बजाना शुरु हुआ तो हुमा ने अखिल को मिलवाते हुए कहा कि ये हैं हमारे असली संगीतकार। अखिल ने अपनी उसी धुन को सुनाया और सबने उसे खूब पसंद किया। शशांक खेतान भी वहीं मौज़ूद थे। वे उस वक़्त बद्रीनाथ की दुल्हनिया की पटकथा पर काम कर रहे थे। उन्होंने अखिल से कहा कि ये गाना उन्हें अपनी फिल्म के लिए चाहिए पर उसे बनने में अभी डेढ़ साल तक का वक़्त लग सकता है। 

अखिल तो वापस दिल्ली आ गए पर शशांक ने अपना वादा पूरा किया। लगभग साल भर बाद फिल्म की शूटिंग शुरु होते ही शशांक का फोन अखिल के लिए आ गया। यानी अपनी दोस्त की मदद से अखिल का हिंदी फिल्मों  में गायक व संगीतकार बनने का सपना एक साथ पूरा हुआ। वो गीत था हमसफ़र जो कि खासा लोकप्रिय भी हुआ। 

गीत की सफलता को देखते हुए इसका एक और वर्सन भी बना जिसे सिर्फ अखिल ने गाया है। इस गीत के इतने सारे श्रोता प्रेमी हैं तो मुझे लगा कि उपहार स्वरूप उन्हें गीत का ये रूप भी सुना देना चाहिए।

 

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 
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6 टिप्पणियाँ:

Manish on जनवरी 07, 2020 ने कहा…

चलिए खता तो खुला!!☺ अखिल सचदेव की आवाज़ ऐसे गीतों के लिए सूटेबल है। उनके विषय में जानकारी भी अच्छी लगी।

Manish Kumar on जनवरी 07, 2020 ने कहा…

शायद गीतों के मिलान के मामले में आपकी बुरी ग्रह दशा में अब सुधार आए 😂आज दूसरे राउंड के स्कोर आएँगे।

Kumaar Rakesh on जनवरी 07, 2020 ने कहा…

Thnx for liking atleast few lines. Thnx u Manish Kumar

Zarurat ki dukan kholi hai
Khwahishon ke karkhane bhi kholenge

Manish Kumar on जनवरी 07, 2020 ने कहा…

Kumaar Rakesh आपका रेंज मुझे पता है कुमार ! जो भेजी थी दुआ, मेरे निशां हैं कहाँ और संग तेरे पानियों सा जैसे शानदार नग्मों में आपकी कलम की दिल छूती गहराई हमेशा ज़हन में बनी रहती है।

Smita Jaichandran on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

Yippeee...yeh hai Meri list mein!

Manish Kumar on जनवरी 08, 2020 ने कहा…

Smita आपने कुल चार की उम्मीद की थी । आपके दो पसंदीदा गीत तो आ गए। :)

 

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