अगर संगीतमाला की चौथी पायदान पर पापोन की गायिकी आपके दिल को सहला गयी थी तो आज वही काम तीसरी पायदान पर अरिजीत सिंह की आवाज़ कर रही है फिल्म सोनचिड़िया के इस गीत में जिसकी धुन बनाई विशाल भारद्वाज ने और बोल लिखे वरुण ग्रोवर ने। विशाल अपनी फिल्मों में अरिजीत की आवाज़ का बखूबी इस्तेमाल करते आए हैं। हैदर, रंगून पटाखा और अब सोनचिड़िया के गीत इसकी मिसाल हैं। हाँ ये जरूर है कि विशाल अक्सर गुलज़ार के साथ काम करते हैं पर इस फिल्म के लिए उन्होंने वरूण को चुना जो आज के दौर के एक काबिल गीतकार हैं।
चंबल के डाकुओं से जुड़ी कई कहानियाँ फिल्मी पर्दे का हिस्सा बन चुकी है। नब्ने के बाद की बात करूँ तो पान सिंह तोमर या फिर Bandit Queen जैसी सफलता तो सोनचिड़िया के हाथ नहीं लगी पर फिल्म को समीक्षकों द्वारा सराहा जरूर गया था।
इस गीत को समझने के लिए मुझे आपको इस फिल्म की कहानी से रूबरू कराना पड़ेगा। अपने सरदार के मारे जाने के बाद पुलिस से भागते गिरोह को एक महिला के साथ घायल बच्ची मिलती है जिसकी जान के पीछे उसी के परिवार वाले पड़े हैं। गिरोह उस बच्ची की मदद करते हुए उसे अस्पताल पहुँचाने के लिए तैयार हो जाता है। गिरोह के द्वारा एक बार गलती से कुछ बच्चों की हत्या हो गयी थी। उनके मन में ये धारणा भी है कि ये पाप तभी कटेगा जब वो किसी बच्ची रूपी सोनचिड़िया को बचाएँगे।
इसी क्रम में ये गीत फिल्म में आता है। वरुण एक ऐसे गीतकार हैं जिनके शब्दों में एक गहराई होती है। उसकी तहों तक पहुँचने के लिए एक श्रोता को गीत की भावनाओं में डूबना होता है। अब इसी गीत को देखिए। रुआँ रुआँ एक आशा का, एक नए जीवन के संचार का गीत है। नायक द्वारा अपनी बीती हुई ज़िदगी के कलुष को धोने की चेष्टा की तुलना इस गीत में वरुण ने एक ऐसे पंक्षी से की है जो अँधेरी रातों से निकल वक़्त की पुरानी गाँठों को खोलते हुए एक नए आकाश, एक नई सुबह की ओर उड़ चला है। ऐसे करते हुए उसका रोयाँ रोयाँ पुलकित है। नायक की सदाशयता के इस नूर ने पूरे मन रूपी कुएँ को मीठा कर दिया है इसलिए वरूण ने लिखा
पंछी चला, उस देस को
है जहाँ, रातों में, सुबह घुली
पंछी चला, परदेस को
कि जहाँ, वक्त की, गाँठ खुली
रुआँ रुआँ, रौशन हुआ
धुआँ धुआँ, जो तन हुआ
रुआँ रुआँ...
हाँ नूर को, ऐसे चखा
मीठा कुआँ, ये मन हुआ
रुआँ रुआँ...
नायक की ज़िदगी के इस दुखद चरण के समापन और एक नए की शुरुआत की बात कुछ अन्य बिंबों के साथ वरुण दूसरे अंतरे में भी करते हैं। माटी के मैले घड़े के टूटकर कंचन होने की उनकी सोच वाकई लाजवाब है।
आखिरी साँस का, मोती मिला
सदियों से था, ठहरा हुआ
हाँ गुज़र ही गया, वो काफ़िला
पर्दा गिरा, मेला उठा
खाली कोई, बर्तन हुआ
माटी का ये, मैला घड़ा
टूटा तो फिर, कंचन हुआ
रुआँ रुआँ...
विशाल ने इस गीत में गिटार और सीटी का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। गीत के बोलों के साथ गिटार की टुनटुनाहट इस बारीकी से गूँथी गयी है कि एक के बिना दूसरे की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। इस गीत में मधुर गिटार बजाया है अंकुर मुखर्जी ने।
विशाल भारद्वाज व वरुण ग्रोवर |
वार्षिक संगीतमाला 2019
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो Tera Saath Ho
05. मर्द मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए Bharat
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15. मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी से..
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो Tera Saath Ho
05. मर्द मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए Bharat
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15. मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी से..
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta
25 शर्त (Shart )
6 टिप्पणियाँ:
मुझे अरिजीत की आवाज कुछ खास पसंद नहीं। उनकी गायकी एक सी लगती है। Therefore उनके गाने थोड़ा सा सुनकर skip कर देता हूं। सोनचिरैया में भी ये ही हुआ था।
ये सही कि उनके कई गाने एक जैसे होते हैं पर इसका दारोमदार उनसे ज्यादा संगीतकारों पर है । वैसे मुझे उनकी आवाज़ और उनका रेंज प्रभावित करता है।
खूबसूरत गीत और अरिजीत सिंह की बेमिसाल गायकी, पर ज्यादा सुना नही गया!!
Manish ये गीत मेरी संगीतमाला में दाखिल होने वाले सबसे पहले गीतों में था। विशाल भारद्वाज से हमेशा कुछ अच्छा संगीत रचने की आशा रहती है इसलिए इसके रिलीज, होते ही सारे गाने सुन लिए थे फिल्म के।
गहरी नदी में डूब के मोती मिला...... एक और मोती :)
जी सुमित..जैसा मैंने ऊपर लिखा ये मोती साल के शुरु में ही मैंने चुन लिया था।
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