कोरोना ने हमारी इस साल ऐसी मनःस्थिति कर दी कि हम ढंग से पिछले साल के गीत संगीत का ठीक ही लुत्फ ही नहीं उठा सके। अगर साल के पहले तीन महीनों को छोड़ दें तो इस साल कोरोना के चक्कर में ना फिल्में बड़े पर्दे पर रिलीज़ हुईं और ना ही उनका संगीत गली मोहल्लों में गूँजा।
ओटीटी प्लेटफार्म पे फिल्में जरूर बनीं और रिलीज़ हुईं पर उनके बेहद कम गीत ही आम जनता तक पहुँच सके। इनमें से तो कई फिल्में ऐसी थी जिनमें गीत थे ही नहीं। वैसे भी आजकल के कई युवा निर्देशक गीतों को फिल्म की कहानी में एक व्यवधान की तरह ही मानते हैं। ऐसे में इस साल की संगीतमाला बाकी सालों जैसी विविधता और कुछ हद तक वो गुणवत्ता तो लिए हुए नहीं है फिर भी मैंने कोशिश की है हर साल की तरह आपके लिए पिछले साल रिलीज़ हुई फिल्मों के पच्चीस बेहतरीन गीतों को सामने लाऊँ।
हालांकि कुछ लोगों का ऐसा भी मत था कि इनमें वेब सिरीज़ के गीतों को भी शामिल किया जाए। वाकई इस साल कुछ बेहद उम्दा काम फिल्मों के इतर भी हुआ है। वेब सिरीज़ के अलावा लॉकडाउन में बहुत सारे कलाकारों ने अपनी व्यक्तिगत कोशिश से मिलजुल कर गाने बनाए जो बेहद सुरीले थे। पर उन गीतों के बारे में अलग से लिखूँगा इस संगीतमाला के खत्म होने के बाद।
फिलहाल तो संगीतमाला की शुरुआत पच्चीस पॉयदान के गीत से जिसे मैंने फिल्म छलाँग से लिया है। ये बड़ा मज़ेदार सा गीत है जो मियाँ बीवी की शिकायतों को बड़े हल्के फुल्के अंदाज़ में पेश करता है। अब आप ही बताइए इग्नोर करने की, केयर और शेयर ना करने की शिकायत तो आम तौर पर हर पत्नी को अपने पति से होती है। बस इस केयर और इग्नोर करने का मापदंड थोड़ा बदल गया है। आज के युग में फोन का घड़ी घड़ी ना आना, सोशल मीडिया पर लाइक या कमेंट नहीं करना, मेसेज अनसीन ही किये रखना जैसी बातें झगड़े के लिए वाजिब शिकायतों की सूची में शामिल हैं।
अब जिस गीत के लिखने और गाने में हनी सिंह का हाथ हो उसमें पंजाबी के साथ हिंग्लिश का तड़का तो होगा ही। पर तारीफ़ की बात ये है कि जो जुमले हनी ने अन्य गीतकारों की मदद से डाले हैं वैसे उलाहने आज की इस डिजिटल संस्कृति में आम हैं।
तो सुनिए कि इस गीत में नुसरत भड़ूचा, राजकुमार राव पर क्या इल्जाम लगा रही हैं और बदले में राजकुमार राव अपनी सफाई में कैसी दलीलें पेश कर रहे हैं। इस गीत की धुन बनाई है हितेश सोनी ने और आवाज़ें दी हैं स्वीतज बरार और हनी सिंह ने।
8 टिप्पणियाँ:
गीत माला की शुरुवात हो गई । जैसा कि आपने कहा की कोरॉना कि वजह से इस साल कम फिल्में और गीत बने। ऐसे में लगा की अगर मनीष भाई ने सबसे गीतों कि लिस्ट मांग ली तो दूसरों का पता नहीं, पर मेरे लिए 2 गीत भी सोच पाना मुश्किल होता।
अब जब गीत माला शुरू हुई है तो 2020 के सर्वोत्तम गीतों के बारे में जानकारी मिलेगी और उन बेहतरीन गीतों को सुनेंगे।
Finally the much awaited start!
अरविंद फिल्में थियेटर में रिलीज़ कम हुई पर शुरुआती महीनों में थियेटर और फिर अलग अलग ओटीटी प्लेटफार्म को मिलाकर ये आँकड़ा सौ के करीब रहा। ये अलग बात है कि इनमें से आधे से ज्यादा फिल्मों का मैंने नाम भी नहीं सुना था।
इसीलिए मैंने पसंद नहीं पूछी क्यूँकि ये सभी के लिए बता पाना मुश्किल होता।
Yeah Sumit tradition must go on come what may :)
संगीतमाला की शुरुआत बड़े नॉटी गीत से हुई है। उम्मीद है इस साल जितने कम गीत आये हैं, उतने ही चुनिंदा गीत सुनने को मिलेंगे।
Manish इस साल वो चमक तो नहीं है साल के फिल्मी गीतों में फिर भी उनमें जो कुछ भी अच्छा लगा उसे परोसने का प्रयास किया जाएगा।
वैसे आपसे भी इस गीत जैसी शिकायतें कोई करता है क्या ?😁
मज़ेदार गाना है 😃
हाँ दी आज के समय की नब्ज़ को हल्के फुल्के ढंग से पकड़ता है। :)
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