एक महीने का सांगीतिक सफ़र जो हमें ले आया है वार्षिक संगीतमाला के पच्चीस गीतों की फेरहिस्त के ठीक मध्य में। गीतमाला के अगले दोनों गीत मेलोडी और रूमानियत से भरपूर हैं। गीतमाला की तेरहवीं सीढ़ी है पर है फिल्म ख़ुदाहाफिज़ का एक और गीत। ख़ुदाहाफिज़ फिल्म के इस गीत को लिखा और संगीतबद्ध किया है मिथुन शर्मा ने जो फिल्म उद्योग में सिर्फ मिथुन के नाम से जाने जाते हैं। मज़े की बाद ये है कि इसे गाया भी एक संगीतकार ने ही है। जी हाँ, इस गीत की पीछे की आवाज़ है विशाल मिश्रा की जो अपनी संगीतबद्ध रचनाओं को पहले भी आवाज़ दे चुके हैं।
पिछले साल उनका कबीर सिंह में गाया गीत तू इतना जरूरी कैसे हुआ खासा लोकप्रिय हुआ था। जहाँ तक एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमालाओं की बात है तो विशाल का फिल्म करीब करीब सिंगल का संगीतबद्ध गीत जाने दे साल 2017 का रनर्स अप गीत रह चुका है। वैसे आपको ताज्जुब होगा कि विशाल एक समय कानून के विद्यार्थी रहे हैं और उन्होंने संगीत सुन सुन के सीखा है। आज देखिए अपने हुनर को माँजते माँजते वो गाने के साथ ढेर सारे वाद्य यंत्र बजाने की महारत भी रखते हैं। विशाल ने इस गीत को गाया भी बहुत डूब के है और यही वज़ह है कि इस गीत में उनकी आवाज़ सीधे दिल में उतर जाती है।
इस गीत में विशाल का साथ दिया है असीस कौर ने जिनकी आवाज़ को पहले बोलना (Kapoor & Sons) और फिर पिछले साल वे माही (केसरी) में काफी सराहा गया था। पानीपत की इस कुड़ी ने गुरुबानी गा कर संगीत का ककहरा पढ़ा था जो बाद में गुरुओं की संगत में और निखरा। रियालटी शो उन्हें मायानगरी तक खींच लाया। उनकी आवाज़ की बनावट थोड़ी हट के है जो उनकी गायिकी को एक अलग पहचान देने में सफल रही है।
मिथुन गिटार और तबले के नाममात्र संगीत संयोजन में भी शुरु से अंत तक धुन की मधुरता की बदौलत श्रोताओं को बाँधे रहते हैं। फिल्म में ये गीत नायक नायिका के पनपते प्रेम को दर्शाते इस गीत को उन्होंने बड़ी सहजता से अपनी लेखनी में बाँधा है।
दिल में मेरे मेहमान बन गए
आप की तारीफ़ में क्या कहें
आप हमारी जान बन गए
आप ही रब आप ईमान बन गए
आप हमारी जान बन गए
किस्मत से हमें आप हमदम मिल गए
जैसे कि दुआ को अल्फाज़ मिल गए
सोचा जो नहीं वो हासिल हो गया
चाहूँ और क्या की खुदा दे अब मुझे
ख्वाबों का मेरे मुकाम बन गए
आप की तारीफ़ में क्या कहें
आप हमारी जान बन गए
दीन है इलाही मेरा मान है माही
मैं तो सजदा करूँ उनको
अर्ज रुबाई मेरी फर्ज़ दवाई मेरी
इश्क़ हुआ मुझको...जान बन गए
तो आइए सुनते हैं इस मीठे मुलायम गीत को..
2 टिप्पणियाँ:
बहोत खूबसूरत गीत!! दोनों गायकों की आवाज़ गीत में उभरकर आयी है, दोनों ने बहोत सुकून से गाया है!!
हां बिल्कुल
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