तनिष्क बागची और वायु श्रीवास्तव की संगीतकार जोड़ी जिन्हें लोग तनिष्क वायु के नाम से जानते हैं के संगीत पर मेरा ध्यान फिल्म शुभ मंगल सावधान के गीत कान्हा से गया था। तनु वेड्स मनु रिटर्न के गीत बन्नो से ये जोड़ी पहली बार चर्चा में आई थी पर शुभ मंगल सावधान के बाद इनके गीतों में मुझे ऐसी कोई खास बात नज़र नहीं आई। तनिष्क ने इन गुजरे सालों में तो अपनी छवि संगीतकारों के रिमिक्स किंग की ही बना ली। वायु भी कमरिया जैसे गीतों के आगे अपनी लेखनी को विस्तार नहीं दे पाए।
पर शुभ मंगल ज्यादा सावधान के इस गीत में वायु ने वो कमाल कर दिखलाया जो उनके अपनी कला में हुनरमंद होने का प्रमाण दे गया। एक गीतकार की सफलता इस बात में है कि वो सहज से शब्दों में दिल को छूती बात कह जाए और वार्षिक संगीतमाला 2020 की छठी पायदान के गीत संगीत में तनिष्क वायु की जोड़ी यही करने में सफल रही है।
"हम फिल्म में ऐसा गीत डालना चाहते थे जो प्यार और रूमानियत की वैश्विक भावना को उभार सके। ये एक ऐसा गीत है जिसमें प्रेम से जुड़ी सारी भावनाएँ समाहित हैं और जिसे सुनकर हम किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचेंगे जो हमारी ज़िदगी में खास है। हमारा मकसद ये भी बताना था कि जैसा आम प्रेमी युगल एक दूसरे के बारे में महसूस करते हैं वैसी ही भावना दो लड़कों के बीच भी हो सकती है।"
कि जुड़ जाता जैसे दो नदियों का पानी
मुझे आगे तेरे साथ बहना है
जाना तुम्हें तो है ये बात जानी
कि ये ज़िन्दगी कैसे बनती सुहानी
मुझे हर पल तेरे साथ रहना है
तुम कुछ अधूरे से हम भी कुछ आधे
आधा आधा हम जो दोनों मिला दे
तो बन जाएगी अपनी इक जिंदगानी
ये दुनिया मिले ना मिले हमको
खुशियाँ भगा देंगी हर ग़म को
तुम साथ हो फिर क्या बाकी हो
मेरे लिए तुम काफी हो...मेरे लिए तुम काफी हो
कि टकराते हैं टूटते हैं बेचारे
मुझे तुमसे पर ये कहना है
चक्के जो दो साथ चलते हैं थोड़े
तो घिसने रगड़ने में छिलते है थोड़े
पर यूँ ही तो कटते हैं कच्चे किनारे
ये दिल जो ढला तेरी आदत पे
शामिल किया है इबादत में
थोड़ी ख़ुदा से भी माफी हो
मेरे लिए तुम काफी हो...
10 टिप्पणियाँ:
कर्णप्रिय है यह गीत
मजा आता है मुझे इसे सुनने और इसके सहज और प्यारे बोलों को गुनगुनाने में।
सुनने में बड़ा सुकून देता है यह गीत
Kumar Nayan सुकून वाली बात तो है ही इस गीत में पर अब तक आपने किसी को कहा या नहीं कि मेरे लिए तुम काफी हो :)
Manish Kumar कहा था लेकिन वो काफी नहीं था 🙈🙈🙈
फ़िल्म में बप्पी लहरी का यार बिना चैन कहाँ रे...का रिमिक्स भी मजेदार है!!
Manish अच्छा पर रिमिक्स मेरी गीतमाला से वैसे ही बाहर रहते हैं। पके पकाए माल को फिर से परोसना मनोरंजक हो सकता है पर श्रेष्ठता के मापदंड पर मूल धुनों और बोलों के सामने नहीं ठहरता।
हाँ वो तो है सर, इसलिए गीतमाला के लिए हम भी कभी रिमिक्स नहीं चुनते!!
Mujhe bahut pasand h ye geet.
जान कर खुशी हुई कविता 🙂
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