शुक्रवार, अगस्त 13, 2021

जे ऐथो कदि रावी लंग जावे : जब सज्जाद अली को आई परदेश में देश की याद ..Hindi Translation of Ravi by Sajjad Ali

अपने वतन से दूर रहने का दर्द अक्सर हमारे गीतों और कविता व शायरी की पंक्तियों में उभरता रहा है। अपने लोग, रहन सहन, संस्कृति की यादें अपनी जड़ों से दूर होने पर रह रह कर आती हैं। इतना ही नहीं बचपन में जिस रूप में हम आपने आस पास की प्रकृति में रमे होते हैं उन्हीं खेत खलिहानों, नदियों और पर्वतों में हमारा जी बार बार लौटने को करता है। नदी की बात से जान एलिया के वे शेर याद आ रहे हैं जो उन्होंने अमरोहा में एक समय बहने वाली नदी बान के लिए कहे थे।


ऐ मेरी सुब्ह ओ शाम ए दिल की शफ़क़ (गोधूलि बेला )
तू नहाती है अब भी बान में क्या

इस समंदर में तिश्ना‍-‍काम (प्यासा) हूँ मैं
बान तुम अब भी बह रही हो क्या

जान एलिया को जहाँ हमेशा अपने बान की कमी महसूस हुई वैसे ही सज्जाद अली को दुबई में बैठे रावी नदी की याद आ गयी और उन्होंने उस नदी के माध्यम से अपने इस गीत में अपना मुल्क़, संगी साथी व प्रेमी सबको याद कर लिया। यही वज़ह थी कि सज्जाद ने अपने इस गीत को उन परदेशियों को समर्पित किया है जिन्होंने अपने घर अपने मुल्क से दूर जा कर बनाए हैं।

सज्जाद अली के गीतों का मैं हमेशा से शैदाई रहा हूँ। इससे पहले भी उनके गीतों  लगाया दिल, मैंने इक किताब लिखी है, हर ज़ुल्म तेरा याद है, तुम नाराज हो, दिन परेशाँ है से आपको मिलवाता रहा हूँ। रावी यूँ तो दो साल पहले रिलीज़ हुई पर इस पंजाबी गीत से मेरा परिचय चंद महीने पहले अनायास ही हो गया। मैं गायिका हिमानी कपूर का एक लाइव सुन रहा था और उसी सेशन में सज्जाद अली की बिटिया जाव अली भी आ गयी और उन्होने हिमानी के गाने की तारीफ़ की। जवाब ने हिमानी ने भी बताया कि वो सज्जाद साहब की कितनी बड़ी फैन है और उन्होंने उसी वक़्त रावी गा कर सुनाया। हिमानी ने अभी गाना खत्म भी नहीं किया था कि सज्जाद अली स्वयं प्रकट हो गये और हँसते हुए कहने लगे यहाँ बिना मुझसे पूछे मेरे गाने कौन गा रहा है? 

पंजाबी में होने के बावज़ूद भी मैंने तुरंत इस गीत को सुना और बस सुनता ही चला गया। दिल को छूते शब्द. मन को सुकून देने वाला संगीत और सज्जाद अली की अद्भुत गायकी जिसमें वो दुबई के एक वाटर वे के किनारे वो टहलते हुए वो पंजाब की रावी नदी को याद कर रहे हैं। मैने आज कोशिश की है कि इस खूबसूरत गीत के केन्दीय भाव को इसके पंजाबी लफ़्ज़ों के साथ पेश करूँ ताकि आप भी एक परदेशी की उदासी को महसूस कर सकें।


जे ऐथो कदि रावी लंग जावे
हयाती पंजाबी बन जावे
मैं बेड़ियाँ हज़ार तोड़ लाँ
मैं पाणी चो साह निचोड़ लाँ
जे ऐथो कदि रावी लंग जावे...हो

काश ऐसा हो कि इस सरज़मीं पर वही रावी आ जाए जो पाँच नदियों से बने पंजाब की धरती पर बहा करती है। अपनी इस मुराद को पूरा करने के लिए मैं हज़ारों बेड़ियाँ तोड़ने को तैयार हूँ। एक बार उसकी झलक मिल  जाए तो उसके बहते पानी को निचोड़ परदेश में जलते इस हृदय की आग को ठंडा कर लूँगा।

जे रावी विच पाणी कोई नहीं
ते अपनी कहानी कोई नहीं
जे संग बेलिया कोई ना
ते किसी नूँ सुनाणी कोई नहीं
आखाँ च दरिया घोल के
मैं जख्माँ दी था ते रोड़ लाँ
जे ऐथो कदि रावी लग जावे...हो

अरे वही रावी तो थी जिसका पानी मुझे अपने दोस्तों की याद दिला देता था। आज ना वो बहता पानी है और ना ही वे दोस्त मेरे पास हैं फिर किस को मैं अपनी बीती हुई दास्ताँ बयाँ करूँ। परदेश का ये अकेलेपन दिल में ना जाने कितने जख़्म दे गया है। मन तो करता है कि अपनी आँखों में राबी का वो सारा पानी घोल लूँ और जब वो पानी दिल में उतरे तो मलहम की तरह इन घावों को भर दे।

एह कैसी मजबूरी हो गयी
कि सजना ते दूरी हो गयी
ते वेलया दे नाल वघ दी
एह जिंद कदों पूरी हो गई
बेगानियाँ दी राह छोड़ के
मैं अपनी महार मोड़ लाँ

रोज़ी रोटी पाने कि ये कैसी मजबूरी है जिसने मुझे मेरे प्यार से अलग कर दिया। दोस्तों के साथ बहती ज़िंदगी कब पीछे छूट कर अपने आख़िरी पड़ाव पर आ गयी ये पता ही नहीं चला। मेरा वश चले तो इन बेगानी राहों को मोड़ फिर अपने वतन पहुँच जाऊँ।


सज्जाद अली के संगीत वीडियो की खासियत है कि उसमें कोई ताम झाम नहीं होता। हाँ उनकी टीम का संगीत मन को सुकून पहुँचाने वाला जरूर होता है और उनके लिखे बोल उनकी आवाज़ में किसी भी श्रोता के दिल के रास्ते को चंद मिनटों में नाप लेते हैं।

Related Posts with Thumbnails

14 टिप्पणियाँ:

Swati Gupta on अगस्त 15, 2021 ने कहा…

वाह बहुत प्यारा गाना। गाने के बोल और सज्जाद साहब की गायिकी दोनों ही लाजवाब है।हिंदी हो,उर्दू हो या पंजाबी, हर भाषा में इनके गीत सुनना बहुत अच्छा अनुभव है

Manish Kumar on अगस्त 15, 2021 ने कहा…

हाँ बिल्कुल इसीलिए मैं इनके द्वारा रिलीज़ किये गए हर गीत को सुनता हूँ 😊

Swati Gupta on अगस्त 15, 2021 ने कहा…

https://m.youtube.com/watch?v=djOfU3kqJYI
जानती नहीं ये गाना आपने सुना होगा या नहीं, इसलिए शेयर कर रही हूं

Manish Kumar on अगस्त 15, 2021 ने कहा…

हाँ सुना था इसे जब रिलीज़ हुआ था ये कोक स्टूडियो पर खासकर ये जानने के लिए उनकी बिटिया कैसा गाती हैं।
सज्जाद और ज़ाव अली का ग़ज़ल वाला हिस्सा मुझे बेहतरीन लगा था पर कोक स्टूडियो की उस मूड के साथ पॉप म्यूजिक की मिक्सिंग नहीं रहती तो मेरे ख्याल से और बेहतर रहता।

Swati Gupta on अगस्त 15, 2021 ने कहा…

मेरा भी यही खयाल है कि इतनी संजीदा ग़ज़ल के साथ ये म्यूजिक जमा नहीं। पर फिर भी ये ग़ज़ल मुझे सज्जाद अली की वजह से पसंद है

सुशांत मोहन on अप्रैल 28, 2023 ने कहा…

नमस्ते मनीष, सुंदर लिखा है - हम इसे अपनी वेबसाइट पर इस्तेमाल करना चाहते हैं और चाहते हैं कि और लिखें आप. आप से कनेक्ट करना संभव है?

sushant.mohan@dnaindia.com - अपना संपर्क, अगर ठीक लगे, तो यहां भेजें.

Manish Kumar on मई 09, 2023 ने कहा…

सुशांत जी आपको ई मेल किया है। कृपया देख लें।

भावना मेहता ने कहा…

मैंने आज यह गाना अनायास सुना और सच में दिल को छू गया। साथ ही आपका लेख भी गाने जितना ही सुंदर है जो गाने और लेख को बार बार सुनने और पढ़ने के लिए आकर्षित करता है।

Manish Kumar on जनवरी 05, 2024 ने कहा…

भावना मेरे दिल के करीब है ये गीत इसलिए जो इसके लिए महसूस किया वो यहाँ लिख पाया। आपको आलेख पसंद आया जान कर खुशी हुई।

बेनामी ने कहा…

Kamal hai Yaar, inti gahrai se aapne Hindi me samjahaya.

बेनामी ने कहा…

मनीष जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद, मैंने आपकी अनुमंती के बिना यूट्यूब वीडियो के कॉमेंट मैं यह ट्रांलेशन डाल दिया । आपका नाम मेंशन किया है ।

Reetsrhythm ने कहा…

Beautiful song

बेनामी ने कहा…

Bahut khoob perfect melody

बेनामी ने कहा…

मेने आज पहिली बार साजिद अली यह रावी का गीत सुना मे 1 घंटा सून रहा हू।।।अपने आसू को रोक नहीं पा रहा हू ऐसा दर्द दिल को घेर लेता हे जो छोडता ही नहीं..... मे इंडिया से हू...मे क्या काहू ऐसा लागता हे इंडिया मे साजिद अली अबिदा जी को बुलवू
दोनो देश को पास लाने इस से बेहत्तर तरिका और क्या होगा?????

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie