शुक्रवार, जनवरी 28, 2022

वार्षिक संगीतमाला 2021 मन केसर-केसर महके, रेशम-रेशम लागे रे Top Songs of 2021

वार्षिक संगीतमाला में पिछले साल के बेहतरीन गीतों की इस शृंखला में दक्षिण भारतीय शादियों का माहौल बरकरार रखते हुए आज का गीत फिल्म मीनाक्षी सुंदरेश्वर से। ये गीत भले ही शादी के विधि विधानों के बीच फिल्माया गया है पर पति पत्नी के रिश्ते में बँधने के पहले दो युवा दिलों के मन में चलती प्रेमसिक्त फुलझड़ियों की झलक दिखला जाता है।


संगीतकार जस्टिन प्रभाकरन और राजशेखर ने क्या समां बाँधा है शाश्वत सिंह और आनंदी जोशी के गाए इस युगल गीत में। गीत में गायिकाओं का मधुर कोरस, गीत के बीच में द्रुत ताल वाली गायिकी, राजशेखर की काव्यात्मक बोली में निखरते नए नए शब्द और उनका प्यारा दोहराव सब आपका ध्यान आकर्षित करते हैं।

गीतों में शब्दों का दोहराव पहले भी होता आया है। याद कीजिए साहिर लुधियानवी साहब का लिखा मुझे जीने दो का शानदार नग्मा रात भी है कुछ भींगी भींगी, चाँद भी है कुछ मद्धम मद्धम जिसे गुनगुनाते आज भी आनंद आ जाता है। राजशेखर ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है इस गाने में साहिर की उस शैली की शान कायम रखने में। गीत की शुरुआत में वो लिखते हैं मन केसर-केसर महके, रेशम-रेशम लागे रे...दिल चंपई-चंपई बाँधे, सिंदूरी से धागे रे और इसी रूप को आगे बढ़ाते हुए उनका ये कहना फिर खनक-खनक गई हँसी हँसी तेरी..कनक-कनक धरा हुई अभी अभी गीत की सुंदरता में चार चाँद लगा देता है।

राज शेखर और जस्टिन प्रभाकरन 

अंतरों में भी राजशेखर की कविता का जादू खत्म नहीं होता। मन रूमानी हो उठता है जब वो कहते हैं एक कोसा-कोसा सपना, मद्धम-मद्धम जागे रे, दिन हौले-हौले धड़के, सौंधी-सौंधी शामें रे। राजशेखर ने इस गीत में कनक (सुनहरा),कोसा(रेशमी), संदली(चंदन सी) जैसे कम प्रयुक्त होने वाले शब्दों को गीतों की भाषा से जिस तरह जोड़ा है उसके लिए वो बधाई के पात्र हैं।

शादी के बंधन में बँध रही युवा जोड़ी की भावनाओं को बखूबी अपनी आवाज़ में उतारा है इलाहाबाद के शाश्वत सिंह और मुंबई की आनंदी जोशी ने। तमिल फिल्मों में संगीत देने वाले जस्टिन प्रभाकरन की तरह आनंदी और शाश्वत की आवाज़ कुछ ही हिंदी फिल्मों में गूँजी है पर ये दोनों कलाकार एक दशक से ज्यादा समय से संगीत की दुनिया  में सक्रिय हैं। 

शाश्वत सिंह और आनंदी जोशी 

शाश्वत अपना ख़ुद का संगीत रचते और गाते हैं और वो करना उन्हें सबसे अच्छा लगता है। रोज़ी रोटी और नाम के लिए बॉलीवुड तो है ही। रहमान की एकाडमी में रहकर उन्होंने संगीत के विविध पक्षों के बारे में सीखा है। आनंदी मराठी फिल्मों में बतौर गायिका सक्रिय हैं। सा रे गा मा पा में भी अपनी गायिकी का सिक्का जमा चुकी हैं। 

जस्टिन प्रभाकरन के संगीत में गिटार, नादस्वरम और ताल वाद्यों के साथ कोरस भी एक अहम भूमिका निभाता है। तो आइए सुनते हैं ये गीत जिसे देखना अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा की बोलती आँखों की वज़ह से और आनंदमय हो गया है।

मन केसर-केसर महके, रेशम-रेशम लागे रे
दिल चंपई-चंपई बाँधे, सिंदूरी से धागे रे
सुन ओ कनमनी
सुन ओ कनमनी शहनाई सी ये बाजे रे
साँवली-साँवली तेरी आँख में,  से ख़ाब रे
खनक-खनक गई हँसी हँसी तेरी
कनक-कनक धरा हुई अभी अभी

मन केसर-केसर महके...सिंदूरी से धागे रे
दोनो नैनों में पिया बसे सारा-सारा
इन्हीं नैनों में सारा मिले प्यार
आँचल में हो पुरवा, रूनझुन तारे आँगन में
आँगन में आँगन में

एक कोसा-कोसा सपना, मद्धम-मद्धम जागे रे
दिन हौले-हौले धड़के, सौंधी-सौंधी शामें रे
हुई संदली, हुई संदली अपनी सब रातें रे
साँवली साँवली...... अभी अभी


वैसे इतना बता दूँ कि इस फिल्म का ये आख़िरी गीत नहीं है जो इस गीतमाला का हिस्सा बना है। :)

वार्षिक संगीतमाला 2021 में अब तक

अगर आप सोच रहे हों कि मैंने हर साल की तरह इस गीत की रैंक क्यूँ नहीं बताई तो वो इसलिए कि इस साल परिवर्तन के तौर पर गीत किसी  क्रम में नहीं बजेंगे और गीतों की मेरी सालाना रैंकिंग सबसे अंत में बताई जाएगी। 

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6 टिप्पणियाँ:

Sumit on जनवरी 29, 2022 ने कहा…

Nice! Heard for the first time. Rajshekhar is promising.

Manish Kumar on जनवरी 30, 2022 ने कहा…

The whole album is good. As for Rajshekhar, he is one of the most promising youngster along with the likes of Varun Grover.

He is the one who wrote the lyrics for Tanu Weds Manu at the start of his career as lyricist.

Manish on जनवरी 30, 2022 ने कहा…

इसी अल्बम से Raj Shekhar सर के पेज पर तितर-बितर गीत बड़ा मज़ेदार लगा!!��❤️

Manish Kumar on जनवरी 30, 2022 ने कहा…

मुझे भी उसका मुखड़ा मजेदार लगा था पर शानदार शुरुआत का मज़ा अंत तक बना नहीं रह पाया।

Rakesh Kumar Mehta on जनवरी 30, 2022 ने कहा…

Very sweet song touching

Manish Kumar on जनवरी 30, 2022 ने कहा…

True 🙂👍

 

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