वार्षिक संगीतमाला में पिछले साल के शानदार पन्द्रह गीतों की कड़ी में आख़िरी गीत फिल्म पुष्पा से। ये गीत कौन सा है ये तो आप समझ ही गये होंगे क्यूँकि पिछले साल के अंतिम महीने से लेकर आज तक ये गीत लगातार बज रहा है वो भी अलग अलग भाषाओं में। देशी कलाकार तो एक तरफ, ये गीत विदेशी कलाकारों को भी अपने मोहपाश में बाँध चुका है। हाल ही में मुंबई पुलिस के बैंड द्वारा सामूहिक रूप इसकी धुन की प्रस्तुति चर्चा का विषय बनी हुई है। जी हाँ ये गीत है श्रीवल्ली जिसकी अद्भुत संगीत रचना करने वाले देवी श्री प्रसाद बताते हैं कि इस धुन की रूप रेखा उन्होंने पाँच मिनट में ही गिटार पर बजा कर बना डाली थी। इस गीत की धुन इतनी पसंद की जायेगी ये उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था🙂
उत्तर भारतीय संगीत प्रेमियों के लिए देवी श्री प्रसाद भले ही अनजान हों पर तेलुगू फिल्म उद्योग में वो जाना पहचाना नाम हैं। शायद ही आपको पता हो कि उन्हें उनके प्रशंसक प्यार से DSP RockStar के नाम से बुलाते हैं। पच्चीस सालों के अपने लंबे कैरियर में नौ फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित DSP अपनी धमाकेदार धुनों के लिए जाने जाते हैं। इसी फिल्म के लिए उनका गीत उ अन्टवा मावा..उ उ अन्टवा मावा.. इस साल का सबसे जबरदस्त डांस नंबर साबित हुआ है पर जहां तक श्रीवल्ली का सवाल है तो वो एक ऐसे आशिक का प्रेम गीत है जिसे ये शिकायत है कि उसकी महबूबा उसके प्यार को अनदेखा कर रही है।
दक्षिण भारतीय फिल्में जब डब होकर हिंदी में आती हैं तो गीतकार के पास वो रचनात्मक आज़ादी नहीं होती क्यूँकि तब तक मूल भाषा में गीत बन चुका होता है और हिंदी में बस उसका भावानुवाद करना होता है। रक़ीब आलम को जब इसके मूल तेलुगू बोल मिले तो मुखड़े की एक पंक्ति का अर्थ कुछ यूँ था कि तुम्हारी झलक सोने की चमक सी बेशकीमती है। अब हिंदी में मुखड़े का मीटर जम नहीं पा रहा था तो रक़ीब उर्दू जुबान की शरण में गए और नायिका के लिए जो विशेषण चुना वो था अशर्फी।
अशर्फी में सोना और चमक दोनों मायने निहित थे। उर्दू से अनजान लोग मुखड़े में इस्तेमाल किए जुमले "बातें करे दो हर्फी" को सुनकर असमंजस में पड़ जाते हैं। दरअसल फिल्म की नायिका नायक को ज़रा भी भाव नहीं देती और कुछ पूछने पर भी दो हर्फी जवाब देती है जैसे हाँ, ना, क्यूँ, अच्छा। यहाँ हर्फ का मतलब अक्षर से है।
वहीं मदक बर्फी से गीतकार का अभिप्राय नायिका की नशीली मादक आँखों से हैं। गीत में हिंदी का वही मादक शब्द मीटर में लाने के लिए मदक में बदल दिया गया है। हालांकि आंखों की तुलना बर्फी से करना सोहता तो नहीं पर अशर्फी से तुक मिलान के लिए शायद गीतकार को ये करना पड़ा। कई लोगों ने मुझसे मुखड़े की इस गुत्थी को सुलझाने के लिए कहा था। तो अब तो आप समझ गए होंगे मुखड़े के पीछे गीतकार की सोच
तेरी झलक अशर्फी श्रीवल्ली, बातें करे दो हर्फी
भगवान जो कि छुपा हुआ है उस के लिए तो नायिका पूजा अर्चना में लीन है पर नायक की आँखों में बसा प्रेम उसे नज़र नहीं आता। इसी भाव को गीत में उतारते हुए रक़ीब ने लिखा
कैसी ये हया तेरी, जो तू पलकों को झुकाये
रब जो पोशीदा है, उसको निहारे तू
और जो गरवीदा है, उसको टाले तू
वार्षिक संगीतमाला 2021
- राताँ लंबियाँ
- जीतेगा जीतेगा इंडिया जीतेगा
- दिल उड़ जा रे रस्ता दिखला रे
- आसान किस्तों में तू प्यार कर
- हाय चकाचक चकाचक हूँ मैं
- छोटी सी चिरैया उड़के चली किस गाँव
- मन केसर-केसर महके, रेशम-रेशम लागे रे
- रेत ज़रा सी
- रत्ती रत्ती रेज़ा रेज़ा
- लहरा दो लहरा दो
- मन भरया
- तू यहीं है, आँखों के कोने में
- थोड़े से कम अजनबी
- तेरे रंग रंगा मन महकेगा तन दहकेगा
- तेरी झलक अशर्फी श्रीवल्ली
इस संगीतमाला के सारे गीतों की चर्चा तो हो चुकी। अब इन पन्द्रह गीतों को अपनी पसंद के क्रम में सजाइए और मुझे भेज दीजिए मेरे फेसबुक पेज मेल या यहाँ कमेंट में। जिसकी पसंद का क्रम मेरे से सबसे ज्यादा मिलेगा वो होगा हर साल की तरह एक छोटे से इनाम का हक़दार।
- राताँ लंबियाँ
- जीतेगा जीतेगा इंडिया जीतेगा
- दिल उड़ जा रे रस्ता दिखला रे
- आसान किस्तों में तू प्यार कर
- हाय चकाचक चकाचक हूँ मैं
- छोटी सी चिरैया उड़के चली किस गाँव
- मन केसर-केसर महके, रेशम-रेशम लागे रे
- रेत ज़रा सी
- रत्ती रत्ती रेज़ा रेज़ा
- लहरा दो लहरा दो
- मन भरया
- तू यहीं है, आँखों के कोने में
- थोड़े से कम अजनबी
- तेरे रंग रंगा मन महकेगा तन दहकेगा
- तेरी झलक अशर्फी श्रीवल्ली
10 टिप्पणियाँ:
Oh yes ! Yeh gaana mujhe khoob bhaya! Javed ki awaz mein Srivalli shabd itna khoobsurat lagta hai. Sid Sriram ke baki sab versions se bhi zyada pasand aya.
True Smita ji and I liked some cover versions including the one which I have shared in this post.
इस साल के सबसे लोकप्रिय गीतों में एक! आज कल हर बच्चा अल्लू अर्जुन के डांस स्टेप का नकल करता दिख जाता है!😊जावेद अली ने भी बेहतरीन गया है!👌
Manish हां वो स्टेप भी इस गीत की प्रसिद्धि बढ़ा गया पर गीत की धुन वाकई कमाल है।
अक़्सर वो गाने ही ज़्यादा हिट होते हैं.. जिनकी धुन और शब्द भी आम हों। परन्तु इस गाने में उर्दू के कई कठिन शब्द होने पर भी यह आम जनता की जबान पर चढ़ गया। मुझे ख़ुद ही इंटरनेट पर इस गीत के बोल देखने पड़े। क्योंकि आम लोग जिस तरह से उन शब्दों का उच्चारण करते हैं...वो सुनकर तो स्वयं गीतकार भी चक्कर मे पड़ जाए। ☺️ विशेषकर धुन प्रशंसनीय है। कुल मिलकर ये गीत सभी तरह के श्रोताओं के लिए ख़ास है...और यही इसकी प्रसिद्धि का कारण भी है।
सहमत हूँ तुम्हारे आकलन से दिशा। तुम्हारा भी तो पसंदीदा गीत है ये। :)
इस गीत की धुन म्यूजिक बहुत ही बेहतरीन है ,रोचक लगा यह पढ़ना
धन्यवाद, इसलिए मैंने DSP को इस गीत की सफलता के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना है 🙂
Manish Kumar बच्चियां कमाल हैं।
आपने इसके बनने की कहानी को भी क्या खूब लिखा है
तूलिका जी बिल्कुल बेहद हुनरमंद है ये जोड़ी। गीत से जुड़ा आलेख आपको पसंद आया जानकर प्रसन्नता हुई।🙂
एक टिप्पणी भेजें