जगजीत सिंह ने न जाने कितनी भावप्रवण ग़ज़लें गाई होंगी पर अपने कंसर्ट के बीचों बीच चुटकुले सुनकर माहौल को एकदम हल्का फुल्का कर देना उन्हें बखूबी आता था। उनके और लता जी की मजाहिया स्वभाव का नतीजा ये था कि जब भी वे लोग साथ मिलते आधा घंटा एक दूसरे को चुटकुले सुनाने के लिए तय होता था।
दरअसल चित्रा जी की पहली शादी अपने से कहीं ज्यादा उम्र के देबू दत्ता से हुई थी। रिश्ता देबू की तरफ से ही आया था पर बाद में उन्हें लगा कि उन्होंने अपने लिए बेमेल हमसफ़र चुन लिया है। चित्रा को दूसरा घर दिलाकर वो अलग रहने लगे और बाद में उनसे तलाक ले लिया। इस अलग अलग रहने से थोड़े दिन पहले ही जगजीत चित्रा के संपर्क में आए थे। जब चित्रा अपनी बेटी के साथ अलग रहने लगीं तो वो उन दोनों का ख्याल रखने लगे। साथ साथ जिंगल गाने से लेकर कंसर्ट तक करने में ये रिश्ता और प्रगाढ़ हुआ और एक दिन बुखार में तपते शरीर लिए जगजीत ने चित्रा से प्रणय निवेदन भी कर दिया।
पर चित्रा जी की मानसिक स्थिति जगजीत के प्रेम को तुरंत स्वीकार करने के लायक नहीं थी। एक तो कागजी तौर पर पहले पति से तलाक हुआ नहीं था और दूसरे बेटी को ले के भी वो असमंजस की स्थिति में थीं। इसलिए अंतिम हामी भरने के पहले हमारे जगजीत जी को उनके घर के कई चक्कर लगाने पड़े।
अब वीडियो देखिए और समझिए कि जगजीत ने जल्दी जल्दी किस मजाहिया लहजे में कहा और कितने शरारती अंदाज़ में आहिस्ता आहिस्ता कह कर चित्रा की ओर देखा। सबके सामने जगजीत को ऐसा करते देख चित्रा जी शर्मा गईं। उनकी शर्मीली खिलखिलाहट और जगजीत जी का गाने का तरीका आप सब के मन को भी जरूर आनंदित करेगा ऐसा मेरा विश्वास है :)।
7 टिप्पणियाँ:
वाह! पता नहीं था जगजीत सिंह इतने मजाकिया स्वभाव के भी थे!
@Manish उनके जो कंसर्ट के एल्बम हैं उसमें उनकी चुहलबाजी कई बार सुनाई दे जाया करती थी।
बहुत सुंदर वीडियो है ये।
जगजीत सिंह के दो कार्यक्रम सुनने का मौका मिला है।बीच बीच में वे बड़े रोचक चुटकुले सुनाते थे।कभी कभी ग़ज़ल की पंक्तियों को ही मजाकिया लहजे में दुहरा तिहरा कर बहुत रोचक बना देते थे।
@Rashmi Ravija हां बिल्कुल दुरुस्त फरमाया आपने।
बहुत सुंदर...मुस्कान खिल उठी देखकर।
@Rashmi जी, ऐसे लम्हे यादगार बन जाते हैं।
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 13 सितंबर 2023 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
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